‘Yoga for Empowering Body and Mind’ Webinar by Brahma Kumaris Tikrapara

Tikrapara (Chhattisgarh): The Brahma Kumaris of the Tikrapara service center held an online webinar on the occasion of International Yoga Day.  The topic of this webinar was ‘Yoga for Empowering Body and Mind‘. Many Heads of different Organizations participated in this program.  Yoga practice was also done in accordance with the safety protocol.  Representatives of Gayatri Parivar, Patanjali, Art of Living, and the Public Welfare Department of the area, participated and expressed their good wishes.  BK Manju coordinated this program.  Around 200 people joined this event online.

BK Manju said that Prime Minister Narendra Modi has highlighted Yoga in front of the world.  Physical and Mental health,  Concentration ability and keeping the right company are all important parts of the Yogic science.  We can justify this International Yoga Day by inculcating Physical and breathing yogic exercises, good values, patriotism,  positive thinking and concentration.

Sanjay Aggrawal, Former Head of Chhatisgarh Yoga Aayog, said that we all should pledge to devote at least half an hour daily to Yoga. We must learn Yoga from experts and keep our mind and body healthy with it.

S.P. Singh, Head of Gayatri Parivar, said that a balanced life can be lived only if we keep both our mind and body healthy.  Social and spiritual health should also be taken care of. Knowing our own self is spirituality.

Kiranpal Chawla from Art of Living  said that only a strong mind can maintain a strong body.  A healthy body is the greatest treasure, as only then can we think of doing service or spiritual practices.  Everything is possible with Yoga.

H. Khalkho, Joint Director of Public Welfare Department,  Bilaspur,  said that Chhatisgarh has established a Yoga Aayog. Brahma Kumaris give active cooperation in all its initiatives, for which we are very grateful.

Prashant Mukase sang a song on Yoga.  G. R. Chandra,  Assistant Accounts Officer,  also expressed his good wishes.  Acharya Dwarika Patel of Gayatri Parivar explained the philosophy of Karma Yoga from Bhagavad Gita.

News in Hindi:

योग, ध्यान के साथ देशभक्ति की भावना व नैतिक मूल्य अपनाकर योग दिवस को करें सार्थक
टिकरापारा में ‘‘तन व मन के सशक्तिकरण के लिए योग’’ विषय पर वेबिनार का आयोजन
विभिन्न संस्थाओं के प्रमुख हुए शामिल, रखे विचार व दी शुभकामनाएं
बिलासपुर टिकरापाराः 7वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा सेवाकेन्द्र पर ‘तन व मन के सशक्तिकरण के लिए योग’ विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। इसमें प्रोटोकॉल के अनुसार योगाभ्यास कराया गया। साथ ही शहर के गायत्री परिवार, पतंजलि, आर्ट ऑफ लिविंग के प्रमुख व समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने योग के विषय में अपनी प्रेरणाएं व शुभकामनाएं प्रेषित की। ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने कार्यक्रम का संचालन किया व योग प्रशिक्षण प्राप्त बहनों ने योगाभ्यास किया। ऑनलाइन जुड़े लगभग 200 लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
दीदी ने कहा कि प्रधानमंत्री भ्राता मोदी जी ने विश्व में योग को प्रत्यक्ष किया। जिसमें तन के लिए आसन प्राणायाम के साथ मन के सशक्तिकरण पर भी जोर दिया है और ध्यान व सत्संग को भी इसमें महत्वपूर्ण रूप से शामिल किया। इसी उद्देश्य को लेकर इस वेबिनार का विषय चुना गया। आसन, प्राणायाम, नैतिक मूल्य, देशभक्ति की भावना, सकारात्मक चिंतन व ध्यान को अपनाकर हम विश्व योग दिवस सार्थक कर सकते हैं।
पूरे विश्व को आरोग्य प्रदान कराना हम सबका लक्ष्य…संजय अग्रवाल
छ.ग. योग आयोग के पूर्व अध्यक्ष व पतंजलि के केन्द्रीय प्रभारी भ्राता संजय अग्रवाल ने कहा कि योग दिवस को संकल्प दिवस के रूप में मनाएं और यह संकल्प लें कि प्रतिदिन हम आधे से एक घण्टा योग जरूर करेंगे। क्योंकि जब योग करेंगे-रोज करेंगे तब ही स्वस्थ रहेंगे और मस्त रहेंगे और चेहरे की मुस्कुराहट बनी रहेगी। योग के विभिन्न आयामों को प्रशिक्षकों से जरूर सीखें और अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं। इससे मन की परेशानियां और तन के रोग ठीक हो जाते हैं। सभी संस्थाओं का एक ही उद्देश्य सारे विश्व को स्वास्थ्य एवं आरोग्य प्रदान करना।
संतुलित जीवन के लिए तन व मन का स्वास्थ्य जरूरी…सी.पी.सिंह
गायत्री परिवार के प्रमुख भ्राता सी.पी. सिंह जी ने कहा कि मानवीय काया में दो तत्व मुख्य हैं तन व मन। इन दोनों तत्वों के द्वारा शरीर की सारी क्रियाएं संचालित होती हैं अतः इन्हें स्वस्थ रखकर ही संतुलित जीवन जीया जा सकता है। इसके अतिरिक्त आध्यात्मिक और सामाजिक स्वास्थ्य का भी खयाल रखना होगा। अपने को जानने का प्रयास ही आध्यात्मिकता है। साथ ही हमें सामाजिक उत्तरदायित्वों को भी निभाना है।
सबसे बड़ा धन निरोगी काया- किरणपाल चावला
आर्ट ऑफ लिविंग के प्रमुख प्रशिक्षक भ्राता किरणपाल चावला जी ने कहा कि मजबूत मन कमजोर शरीर को चला सकता है लेकिन यदि मन कमजोर है तो युवा शरीर भी कमजोर व रोगी बन जाता है। सबसे बड़ा धन निरोगी काया को माना जाता है क्योंकि स्वस्थ शरीर से ही हम सेवा, साधना, सत्संग कर सकते हैं व किसी के लिए उपयोगी बन सकते हैं और यही मानव जीवन का उद्देश्य है। योग के आठ अंग हैं इसमें सबसे पहले यम और नियम आते हैं जो हमें सीखाते हैं कि हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। कहते हैं ‘‘योग से ही होगा’’ हर समस्या का समाधान।
समाज कल्याण विभाग, बिलासपुर के संयुक्त संचालक भ्राता एच. खलखो जी ने कहा कि जब से छ.ग. में योग आयोग की स्थापना हुई है तब से योग के सभी कार्यक्रमों में हमें ब्रह्माकुमारीज़ परिवार का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ इसके लिए हम संस्था के आभारी है।
विभाग से ही भ्राता प्रशांत मुकासे जी ने स्वस्थ सदा हमें रहना है…गीत के लाइनों के माध्यम से योग का संदेश दिया। साथ ही लेखा अधिकारी भ्राता जी.आर. चंद्रा जी ने भी शुभकामनाएं दी व कार्यक्रम के आयोजन के लिए धन्यवाद दिया। गायत्री परिवार के आचार्य भ्राता द्वारिका पटेल जी ने गीता में दिए योग व कर्मयोग की विवेचना की

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