Seminar on Bhagvad Gita by Brahma Kumaris Chhatarpur

Chhatarpur ( Madhya Pradesh ): The Brahma Kumaris Pawan Dham in Kishore Sagar arranged a program on the living values of the Shrimad Bhagvad Gita. Inaugurated by Mr. Tilak Singh, District Superintendent of police, Chhatarpur, in the company of other invited dignitaries including Rajyogini BK Veena from SirsI, Karnataka; Rajyogini BK Shailaja, Centre-in charge, Chhatarpur; Inspector Yogendra Singh, Rani Saheba Maya Sarabani; Advocate Meera Gupta; BK Damayanti, Centre-in-charge of Gandhi Ashram; News media Director Harshita Khare, and District Women’s Congress Chairperson Kirti Bishwakarma.

Speaking on the benevolent aspects of the Shrimad Bhagvad Gita, Chief Speaker Rajayogini BK Beena said that the Gita teaches living values. It is a dictionary followed by two hundred million people of India. It teaches to be impartial, truthful, transparent and prudent in practical life and advises all to adorn both the body and mind. Instead of limiting it to mere recitation, we ought to follow the Gita in our action. Appreciating the initiative, the Chief guest Mr. Singh said that such programs provide true guidance for life. A large gathering of Sports officials, Administrators, Social activists, Politicians, Doctors, Lawyers and Delegates of various religious organisations including Gayatri parivar participated in the program.

In Hindi:

20 मिनट ईश्‍वर को याद करेंगे तो 24 घंटे का टेंशन दूर होगा’

ब्रम्‍हाकुमारी आश्रम में श्रीमद् भागवत गीता का मूल उदेश्‍य कार्यक्रम आयोजित

छतरपुर। गीता एक डिक्‍यानपरी है, जो जीवन जीने की कला सिखाती है। पूरे वर्ष में 20 करोड लोग गीता पाठी है। गीता कहती है कि स्‍वयं का दर्शन करते हुए जीवन जियो और परमात्‍मा को याद करो। यदि 20 मिनट परमात्‍मा को याद करेंगे तो 24 घंटे का टेंशन दूर होगा। शहर के किशार सागर तालाब स्थित प्रजापित ब्रम्‍हाकुमारी आश्रम में सर्व शास्‍त्रमयी शिरोमणि श्रीमद् भागवत गीता के जीवनोपयोगी संदेश कार्यक्रम में कर्नाटक प्रांत के (सिरसी) से आई बी. के. वीणा बहन ने यह विचार मुख्‍य वक्‍ता के रूप में व्‍यक्‍त किए। कार्यक्रम की अध्‍यक्षता पुलिस कप्‍तान तिलक सिंह ने की । पुलिस लाइन के रक्षित निरीक्षक योगेंद्र सिंह एवं सेवा केंन्‍द्र की प्रभारी शैलजा बहन जी विशेष रूप से मौजूद रहीं। कार्यक्रम के आरंभ में छतरपुर एसपी तिलक सिंह, कर्नाटक (सिरसी) से मौजूद रहीं। बी. के. वीणा बहन, छतरपुर सेवा केंन्‍द्र प्रभारी बी. के. शैलजा बहन, रक्षित निरीक्षक योगेन्‍द्र सिंह एवं उपस्थित मातृशक्ति, माया सरवाणी, रानी साहिव, वकील मीरा गुप्‍ता, दमयंति, प्रभारी गांधी आश्रम हर्षिता खरे, भी न्‍यूज चैनल, कीर्ति विश्‍वकर्मा जी, जिला महिला कांग्रेस अध्‍यक्ष ने दीप प्रज्‍वलन कर परपिता परमात्‍मा को याद किया। तत्‍पश्‍चात कुमारी गुनगुन ने’ नरम ज्‍योति से आत्‍म ज्‍योति जला लें, चलो शिव पिता से सभी को मिला दें, गीत पर स्‍वागत नृत्‍य कर सभी का मन मोह लिया। इसके बाद मुख्‍य वक्‍ता बी. के. वीणा दीदी ने गीता के प्रमुख उदेश्‍य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जीवन जीने की कला है गीता। गीता एक डिक्‍शनरी है पुरे भारत वर्ष में 20 करोड लोग गीता पाठी है। गीता कहती है कि स्‍वयं का दर्शन करते हुए जीवन जियो। जीवन को सही-रीति जीने के लिए समदर्शी, सत्‍यदर्शी, पारदर्शी, दूरदर्शी, प्रियदर्शी को याद रखें। एक उदाहरण के माध्‍यम से समझाते हुए बी. के. वीणा ने कहा कि हर शहर मे नवग्रह मंदिर होते है और हर ग्रह पूजा योग्‍य होता है लेकिन सह ग्रह एक दूसरे को देखते हुए नही बनाये जाते। कुछ इसी प्रकार आज का मनुष्‍य हो गया है। गीता कहती है कि शरीर के साथ अपने आप का श्रृंगार करो। गीता को पढने पढने तक सीमित न मानें। दस मौके पर छतरपुर एसपी तिलक सिंह ने कहा कि न ही मैं आस्तिक हॅू, न ही मैं तो चारें दिशाओं में विचरण करने वाला स्‍वास्तिक हॅू। इस तरह के कार्यक्रम जीवन को सही दिशा प्रदान करते है इससे हम सभी को फायद मिलेगा। इस मौके स्‍पोडर्स ऑफिसरर्स प्रशानिक अधिकारी, समाज सेवी, पोलिटीसियनस्‍, गायत्री परिवार, के प्रमुख एवं सभी धर्मो के प्रतिनिधि, की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन सेवा केन्‍द्र बी. के. शैलजा बहन ने किया।

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