Gurugram ( Haryana ): A program was arranged at the Om shanti Retreat Centre (ORC), in Gurugram (Deli area), in Sector 44, by the Brahma Kumaris on “Reclaiming Your Inner Powers.” It was attended by many laureates and dignitaries in large numbers.
Addressing the audience, Director of Om shanti Retreat Center BK Asha said, “To Reclaim Our Inner Powers, knowledge of the Self is very essential. Instead of arresting (aman) the mind or suppressing (daman) the mind, it is necessary to make it a Suman (Beautiful Flower) or Noble Mind. Mostly forbearance is considered by people as a person’s weakness. In fact, he is the only person who is Most Powerful.”
BK Ken from Brazil said, “If mind is filled at early dawn (Amritvela) with Positive and Powerful Thoughts, its effect persists on our whole day’s routine. It is a rotating chain of our thoughts and actions. To be liberated from that wheel, concentration of mind on a subject is necessary.”
BK Hussain presided over the function.
News in Hindi:
मन को शक्तिशाली बनाने के लिए अमन व दमन करने के बदले सुमन बनाएं
ब्रह्माकुमारीज़ के ओम् शांति रिट्रीट द्वारा गुरुग्राम में सेक्टर 44 में स्थित एपीसेंटर में “अपनी आंतरिक शक्तियों को पुनः प्राप्त करना” (Reclaiming your inner powers) विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए आशा दीदी ने कहा कि आंतरिक शक्तियों को पुनः प्राप्त करने के लिए स्वयं को जानना बहुत ज़रूरी है। मन को शक्तिशाली बनाने के लिए मन को अमन और दमन करने के बजाए सुमन बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कई बार सहनशीलता को लोग कमजोरी भी समझ लेते हैं। लेकिन सहनशील व्यक्ति ही वास्तव में शक्तिशाली होता है।
ब्राज़ील से पधारे केन भाई ने कहा कि अमृतवेले से ही अगर मन सकारात्मक और शक्तिशाली विचारों से भर दें तो उसका प्रभाव सारे दिन की दिनचर्या पर बना रहता है। उन्होंने कहा कि हमारे कर्मों और विचारों का एक चक्र है। चक्र को तोड़ने के लिए विचारों को केन्द्रित करने की आवश्यकता है।
संबंधों के बारे में बोलते हुए ब्राज़ील से पधारी लुसियाना बहन ने कहा कि हरेक आत्मा की अपनी एक व्यक्तिगत पहचान होती है। उन्होंने कहा कि आज की डिजीटल दुनिया में सोसियल मीडिया पर समय बर्बाद करने केे बजाए आपसी बातचीत एवं संवाद ज़रूरी है। एक दूसरे से विचारों की लेन-देन करने से ही संबंधों में मधुरता और एकरसता आती है। उन्होंने कहा कि संबंधों में समय की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि आकर्षण के सिद्धान्त के अनुसार हमारे आस-पास का वातावरण वैसा ही बनता चला जाता है, जैसे हम सोचते और कर्म करते हैं। हमारे से उसी प्रकार की तरंगें अथवा ऊर्जा निकलती है।
कार्यक्रम का संचालन बी.के.हुसैन ने किया। कार्यक्रम में काफी संख्या में गणमान्य लोगों ने शिरकत की।