Prajapita Brahma Baba Memorial Day celebrated by Brahma Kumaris, Chhatarpur

Chhatarpur ( Madhya Pradesh ): Brahma Kumaris Chhatarpur Vishwanath Colony celebrated the 54th memorial day of Prajapita Brahma Baba, the founder of the organization.
 In a program organized on the occasion BK Sangeeta from Ahmedabad, while throwing light on the personality of Prajapita Brahma Baba, said that despite being the founder of such a big organization, he was absolutely egoless.  With the goal given to him by the Supreme Father Supreme Soul Shiva, he moved his life forward on the path of transformation.
Vishwanath center-in-charge BK Rama said that Brahma Baba’s Remembrance day falls on January 18, but the whole month of January is celebrated as austerity month, in which meditation is done and everyone’s welfare is wished for.
Later, everyone present offered flowers in front of the memorial of Brahma Baba with reverence.
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लक्ष्य को ऊंचा बनाओ तो लक्षण स्वतः आ जाते हैं- ब्रह्माकुमारी संगीता

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय छतरपुर विश्वनाथ कॉलोनी द्वारा पेप्टेक टाउन स्थित ब्रह्माकुमारीज की शाखा में संस्था के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का 53वीं पुण्य स्मृति दिवस मनाया गया।

ब्रह्मा बाबा के स्मृति दिवस के उपलक्ष में आयोजित कार्यक्रम में अहमदाबाद से पधारी ब्रह्माकुमारी संगीता बहन जी ने प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इतनी बड़ी संस्था के संस्थापक होते हुए भी वो बिल्कुल निरहंकारी थे। परमपिता परमात्मा शिव ने उनको जो लक्ष्य दिया उन्होंने उसी लक्ष्य के प्रमाण अपने जीवन को परिवर्तन के मार्ग पर अग्रसर किया और अनेकों का जीवन बदलने के निमित्त बनें। एक विश्वास से प्रभु पर संपूर्ण निश्चय करके ब्रह्माकुमारीज़ को एक बेहद आकार दिया भारत की संस्कृति को विदेशों में भी पहुंचाने का कार्य किया।

उक्त कार्यक्रम में विश्वनाथ सेवाकेंद्र प्रभारी बीके रमा बहन ने बताया कि ब्रह्मा बाबा का पुण्य स्मृति दिवस 18 जनवरी को होता है लेकिन पूरा जनवरी मास ब्रह्माकुमारीज़ के द्वारा तपस्या मास के रूप में मनाया जाता है जिसमें अधिक से अधिक सारे विश्व की आत्माओं के लिए और उनके कल्याण के लिए मैडिटेशन किया जाता है और सभी के कल्याण की कामना की जाती है। साथ ही बताया कि ब्रह्मा बाबा वास्तव में दधीचि ऋषि की तरह थे। उन्होंने मानवता की सेवा में अपना सर्वस्व समर्पण कर दिया था। उनके जीवन से त्याग, तपस्या और सेवा की प्रेरणा स्वत ही मिलती थी।

इसके पश्चात उपस्थित सभी जनों ने ब्रह्मा बाबा के स्मृति चिन्ह के सामने श्रद्धा भाव से पुष्प अर्पण किये।

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