‘Open the Heart, Love for Nature’ Webinar by Brahma Kumaris Bhopal

Bhopal ( Madhya Pradesh): The Youth Wing of the Rajyoga Education and Research Foundation,  in collaboration with Brahma Kumaris Bhopal,  held a Webinar on the occasion of World Environment Day.  Held under its project ‘Youth For Global Peace,’ the theme of this Webinar was ‘Open the Heart, Love for Nature‘.

BK Avdhesh, Incharge of Brahma Kumaris,  Bhopal Zone; BK Kruti, National Coordinator of Youth Wing; Dr. Sitasharan Sharma,  Former Speaker, MP Vidhan Sabha and MLA Hoshangabad; Dr. Ashutosh Kumar Sharma,  Director, Group of Schools Samaritans,  IIAHM, Chairman,  Hindustan Art and Music Society,  Vice President,  MP Handball Association;  BK Janki and BK Akriti,  Committee Members,  Youth Wing,  Bhopal Zone, were present in this Webinar.  BK Sunita gave the welcome address.

BK Kruti, Chief Speaker,  while explaining the aim of this initiative,  said that Environment is also the reason for our well being,  not just material prosperity.  The Coronavirus pandemic has shown us the relevance of Oxygen.  We need to stop polluting our Earth and start rejuvenating it. We must pledge to plant more trees and take care of them.

Dr. Sitasharan Sharma said that we need to take charge of our inner environment too. Only then can we create a pure society and world.

BK Avdhesh in her address said that just as the five elements of nature serve everyone,  we must also serve others.  We must ‘Live and let live’.

Dr. Ashutosh Sharma asked everyone to assimilate three traits of the environment. It never discriminates,  gives everything equally to all and gives back more to mankind than what it takes.

BK Akriti coordinated a Rajayoga Meditation session with commentary and gave positive vibrations to the five elements of nature.

BK Rekha gave the vote of thanks. BK Janki coordinated this Webinar.

News in Hindi:

भोपाल ज़ोन : प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के युवा प्रभाग द्वारा “यूथ फॉर ग्लोबल पीस “  प्रोजेक्ट के अंतर्गत विश्व पर्यावरण दिवस पर वेबीनार का आयोजन किया गया जिसका विषय था – “खुले दिल से करे प्रकृति से प्रेम” (Open The Heart, Love For Nature).

इस वेबिनार में मुख्य रूप से राजयोगिनी बी.के.अवधेश बहन जी (क्षेत्रीय निदेशिका भोपाल ज़ोन), बी.के.कृति दीदी (राष्ट्रीय संयोजिका युवा प्रभाग), डॉ.सीताशरण शर्मा (पूर्व सभापति म.प्र.विधानसभा, विधायक होशंगाबाद), डॉ.आशुतोष कुमार शर्मा (संचालक ग्रुप ऑफ़ स्कूल्स समेरिटन्स, IIAHM, चेयरमैन हिंदुस्तान आर्ट एंड म्यूजिक सोसाइटी, उपाध्यक्ष मध्य प्रदेश हैंडबॉल एसोसिएशन), बी.के.जानकी (कमेटी मेंबर युवा प्रभाग भोपाल ज़ोन), बी.के.सुनीता (सब जोनल कोऑर्डिनेटर युवा प्रभाग भोपाल ज़ोन), बी.के.रेखा (जोनल कोऑर्डिनेटर युवा प्रभाग भोपाल ज़ोन), बी.के.आकृति (कमेटी मेम्बर युवा प्रभाग भोपाल ज़ोन) उपस्थित रहे |

कार्यक्रम के शुभारम्भ में बी.के.सुनीता दीदी ने सभी का स्वागत अभिनन्दन किया |

तत्पश्चात कार्यक्रम की मुख्य वक्ता बी.के.कृति दीदी ने इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए बताया कि पर्यावरण दिवस हम सभी को याद दिलाता है कि सुख शांति का आधार सिर्फ वैभव नहीं है बल्कि प्रकृति के तत्व भी हैं | आज वर्तमान समय में इस महामारी ने सबको यह सिखा दिया है की ऑक्सीजन का सबके जीवन में कितना महत्व है तथा ऑक्सीजन का सर्व श्रेष्ठ स्त्रोत है वृक्ष लेकिन अपनी सुख सुविधाओं के लिए बड़े सहज रूप से हम इन्हें काट रहे हैं | जिस धरती पर हम रह रहे  हैं उस धरती माँ का उधार चुकाने के लिए हम फिर से प्रकृति को प्रदूषित होने से बचाए और सभी उसे शुद्ध बनाने की सेवा में लग जायें, अगर सभी लोग तीन पोधे लगाने का भी संकल्प कर लें एवं उसका अच्छी रीती ध्यान रखने की ज़िम्मेदारी ले तो प्रकृति निश्चित ही पावन बन जाएगी |

डॉ.सीताशरण शर्मा जी ने बताया की इस पर्यावरण दिवस पर बाहरी प्रकृति के साथ – साथ आंतरिक प्रकृति का भी ध्यान रखना ज़रूरी है क्योकि अगर आतंरिक प्रकृति सही होगी तो आस पास के वातावरण का, समाज का और साथ ही साथ एक सम्पूर्ण, पवित्र विश्व का निर्माण कर सकेंगे |

इसके साथ ही राजयोगिनी बी.के.अवधेश बहन जी  ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि जिस प्रकार “नदी न अपना जल पीती, वृक्ष न अपना फल खाते” कहने का तात्पर्य यह है कि  प्रकृति या प्रकृति के पाँचों तत्व हमेशा दूसरों की सेवा में अपना सहयोग देते है उसी प्रकार हमे भी हर मानव के प्रति, प्रकृति के प्रति सेवा भाव रखना है सबका सहयोगी बनना है सिर्फ अपने लिए नहीं सोचना है | आज पर्यावरण दिवस पर सभी लोग एक स्लोगन याद कर ले “जियो और जीने दो” इसके बाद अपनी ज़रूरते पूर्ण करने के लिए प्रकृति को नुकसान नहीं पहुचाये उसका ध्यान रखें, प्रकर्ति से प्रेम करें साथ ही अपने अन्दर के व्यर्थ रूपी किचड़े को भी साफ़ करें और बाहरी प्रकृति को भी स्वच्छ रखे क्योकि अगर हम प्रकृति का ध्यान रखेंगे तो वह हमारा ध्यान रखेगी |

डॉ.आशुतोष शर्मा जी  ने बताया की प्रकृति के अगर तीन गुण सभी ने याद कर लिए और उसे अपने निजी जीवन में अपना लिया तो अवश्य ही ये प्रकृति  सम्पूर्ण और स्वच्छ हो जाएगी –

1-प्रकृति कभी भी भेद – भाव नहीं करती |

2- प्रकृति  सभी मानव जाति को बराबर मात्रा में सब कुछ देती है |

3-जितना प्रकृति मानव जाति से लेती है उसका कई गुना वापिस कर देती है |

तो सबसे पहले ज़रूरी है अपने विचारों को बदलना क्योकि हमारी सोच हमारे संकल्प सबसे पहले वातावरण को प्रदूषित करते हैं जिस दिन विचारों में, संकल्पों में, सोच में शुद्धता आ गयी और मानव एक दुसरे के प्रति,  प्रकृति के प्रति शुभ भावना रखने लग गए तो निश्चित ही यह विश्व स्वर्ग में परिवर्तन हो जायेगा |

इस अवसर पर बी.के आकृति बहन ने सभी को योग कमेंट्री के द्वारा राजयोग मैडिटेशन का अभ्यास कराया और साथ ही प्रकृति के तत्वों को सकाश भी दिया|

और अंत में बी.के रेखा दीदी ने बताया की सिर्फ एक ही दिन हम पर्यावरण दिवस मनाते हैं लेकिन देखा जाये तो हमारी हर श्वास पर्यावरण से ही है | जिस प्रकार आत्मा और शारीर का आपस में जो सामंजस्य है उसी प्रकार प्रकृति भी मानव जाति का एक अहम् हिस्सा है तो अगर सभी लोग इसे मान ले एवं दिल से स्वीकार कर ले तथा इसे साथ लेकर चलें, इसके महत्व को समझकर दिल से सोचे और यह संकल्प कर ले कि ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगायेंगे साथ ही साथ उसका ध्यान रखेंगे तो निश्चित ही प्रकृति शुद्ध  और पावन हो जाएगी | इसी के साथ बी. के. रेखा दीदी ने सभी अतिथियों और वेबिनार में उपस्थित युवाओं का आभार व्यक्त किया तथा  कार्यक्रम का कुशल संचालन बी.के जानकी दीदी के द्वारा किया गया |

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