Online Seminar on World Food Day and National Women Farmers Day in Nagpur

Nagpur ( Maharashtra ): On the occasion of World Food Day and National Women Farmers Day, the Brahma Kumaris of Vasantnagar in Nagpur held an online seminar.  BK Raju from Mount Abu, Vice President of the Agriculture and Rural Development Wing of the Rajayoga Education and Research Foundation; BK Sunanda from Kolhapur, National Coordinator of the Agriculture and Rural Development Wing;  Sharad Nimbalkar from Nagpur,  Former Vice Chancellor of Punjabrao Krishi Vidyapeeth; Mahendra Thakur from Gondia, Director Agro Ruchi Farm; and BK Rajni, In-charge of Brahma Kumaris in Nagpur and Director of Vishwa Shanti Sarovar, Nagpur, attended this seminar.

BK Raju, Vice President of the Agriculture and Rural Development Wing of the Rajayoga Research and Education Foundation from Mount Abu, said that we should consume pure food for a happy life, as food has a direct impact on our mind and body. Today, mental diseases are on the rise, as mind is becoming weak. We should give our mind the daily diet of good thoughts and meditation.  He quoted Mahatma Gandhi’s ideology of not seeing evil, not hearing evil and not speaking evil. Farmers should refrain from producing food with pesticides and impure thoughts. Food produced this way will have a negative impact on its consumers.

BK Sunanda from Kolhapur, National Coordinator of the Agriculture and Rural Development Wing of RERF,  said that Brahma Kumaris have understood the link between food and mind. Food should not only fill our stomach but should be made with pure thoughts as well. Pure food leads to a pure mind.

Sharad Nimbalkar, Former VC of Punjabrao Krishi Vidyapeeth,  said that the farmer uses pesticides and chemicals to increase yield. Such grains cause many diseases. Human greed is having a very adverse impact on the environment.  Agro marketing should develop around locally produced yield, so that local youth get more employment. Farming started with women, so they should get equal rights in the farming sector.

Mahesh Thakur from Gondia, MD, of Ruchi Agro Farms, said that we need to focus on the environment for maintaining the continuity of the farming sector.  We create the environment with our mental vibrations. Farmers should stay away from drug abuse. This is an era of transformation and the farming sector should also transform for the better.

BK Rajni, In-charge of Brahma Kumaris in Nagpur,  gave the welcome speech.  BK Premlata demonstrated the Rajayoga Meditation technique.  A Vote of thanks was given by BK Rekha, In-charge of Brahma Kumaris in Umred. BK Manisha, Joint In-charge of Brahma Kumaris in Nagpur,  also expressed her good wishes.

BK Prem Prakash, Coordinator, Marathi Literature Department, Maharashtra, was also present. BK Archana of Manda Service Center coordinated this seminar.

News in Hindi:

कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग तथा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा संगोष्ठि का आयोजन ब्रह्माकुमारीज् के वसंतनगर स्थित सेवाकेन्द्र पर किया गया। कार्यक्रम ऑनलाइन था। कार्यक्रम में माउंट आबू से राजयोगी ब्रह्माकुमार राजू भाई जी, उपाध्यक्ष कृषि एवं ग्रामविकास प्रभाग तथा कोल्हापुर से राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सुनंदा दीदी जी, नॅशनल कोआर्डीनेटर- कृषि एवं ग्रामविकास प्रभाग, तथा नागपुर से भ्राता शरद निंबाळकर जी, पुर्व उपकुलपति, पंजाबराव कृषि विद्यापीठ तथा गोंदिया से भ्राता महेन्द्र ठाकुर, डायरेक्टर एग्रो रुची फार्म, गोंदिया तथा राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी रजनी दीदी जी,संचालिका- ब्रह्माकुमारीज्, नागपुर विभाग, डायरेक्टर विश्व शांति सरोवर, नागपुर उपस्थित थे।

राजयोगी ब्रह्माकुमार राजू भाई जी, उपाध्यक्ष-कृषि एवं ग्रामविकास प्रभाग ने अपने वक्तव्य में कहां कि मानव को खुशहाल जीवन जीने के लिये सात्विक अन्न सेवन करना चाहिये। क्योंकि अन्न का मनपर एवं तनपर साथ साथ प्रभाव पडता है। जिससे अनेक बिमारीयों का, दुःख का, तनाव का सामना करना पडता हैं। उन्होंने कहां कि समाज में मानसिक बिमारीयां तेजी से बढ रही है। मन कमजोर होता जा रहा है। इसलिये मन को शुध्द विचारों का, शुभ चिंतन (मेडिटेशन), का भोजन देना चाहिये। उन्होंने गांधीजी का उदाहरण देते हुये कहां कि, खुशहाल जीवन के लिये व्यक्ति ने बुरा न देखो, बुरा न बोलो, बुरा न सुनो साथ साथ ब्रह्माकुमारीज् में बताया जाता है कि, बुरा न सोचो, बुरा न करो इन बातों पर ध्यान देना चाहिये। उन्होंने कहां कि परमपिता परमात्मा जो कृषियों का कृषक है उसकी पवित्र स्मृति में मन रुपी धरणी पर शुध्द विचारों के बीज बोने चाहिये। किसानों ने खेती में नशीली चीजंे खाकर अशुध्द, तामसिक विचारों में द्वेष घृणा के विचारों में नहीं जाना चाहिये। जिससे अनाज पर बुरा प्रभाव पडता है।

कोल्हापुर से राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सुनंदा दीदी जी – नॅशनल कोआर्डीनेटर, कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग ने अपने ऑनलाइन भाषण में कहा कि, मनुष्यों को मुख्य तीन चीजों कि आवश्यकता है अन्न, वस्त्र एवं निवास स्थान परंतु हमने ब्रह्माकुमारीज् में समझा कि, हमे कैसे अन्न बनाना चाहिये, कौनसा अन्न खाना चाहिये, कहॉं खाना चाहिये जिससे हमारा मन मैला नं हो जाये। अन्न से केवल हमे पेट भरना नहीं है लेकिन अन्न सात्विक हो एवं शुध्द विचारों में बनाया हुआ हो। शुध्द अन्न से मन शुध्द, वाणी शुध्द होती है। और जहां शुध्दी है वहां शांति और सुख है। शरीर एक मंदिर है और आत्मा (चेतना) उस मंदिर में मुर्ती है इसलिये शुघ्दि से अन्न बनाये और सेवन करे। उन्होंने खेती के विषय में बताया कि, हमारी प्रकृति के प्रति सुख, शांति एवं आनंद की भावना हो, प्रकृति के प्रति मन में आदर, सन्मान की भावना हो। प्रकृति के साथ हमें शुध्द विचारों का आदान प्रदान करना चाहिये तब प्रकृति हमें सुख देगी।

भ्राता शरदजी निंबाळकर, पूर्व उपकुलपति, पंजाबराव कृषि विद्यापीठ, अकोला ने अपने सार गर्भित भाषण मंे कहां कि किसान लोभ वश ज्यादा उत्पादन के लिये खेती में रासायनिक खाद डालता है। अनाज पर किटक नाशक दवाईयां छिडकता है। उससे जो अनाज मार्केट में आता है, वो खाने से मनुष्यों को बहुत बीमारीयां हो रही है। आज WHO के अनुसार हर 5 व्यक्ति के समुह में 1 व्यक्ति कॅन्सर का मरीज है। अगर इस रासायनिक पध्दती को रोकेंगे नही ंतो 3 व्यक्ति में 1 मरीज कॅन्सर का मरीज बनेगा। उन्होंने कहां कि आज तो हम भोजन करते है वह सकस आहार, Nutritious नहीं है, विषमुक्त नहीं, विषयुक्त है। मनुष्य की विकसनशील वृत्ती से प्रकृतीपर गलत प्रभाव हो रहा है। प्रकृति के 90 प्रतिशत resources का इस्तेमाल होने के बजाय हम केवल 10 प्रतिशत resources का ही इस्तेमाल करते है। फिर विकास कैसे होगा। मानव कि बुरी आदतों के कारण वातावरण बदल रहा है। मनुष्यों ने सिर्फ स्वयं का हीं नहीं बल्कि सारे मनुष्य आत्माओं का भी विचार करना चाहिये तब विकास होगा। खेती के संदर्भ में उन्होंने बताया कि, जिस गांव में हम अनाज कि उपज करते हैं वहीं से हमारा बिजनेस हो ताकि युवाओं को कुछ रोजगार मिलना चाहिये, वह बाहर की देशों में रोजगार ढंुडने न जाये और हमेशा प्लॅनिंग के साथ चले। उन्होंने कहां कि खेती का विकास नारी शक्ति से शुरु हुआ इसलिये नारी को समान हक देना चाहिये।

गोंदिया से महेन्द्र जी ठाकुर, मैनेजिंग डायरेक्टर रुची एग्रो फार्म उन्होंने अपने भाषण में कहा की अगर खेती करनी है तो पर्यावरण पर ध्यान देना आवश्यक है। पर्यावरण हमारे विचार तरंगों से, आदते एवं संस्कारों से बनता है। खेती में काम करने वाले किसान भाई, मजदुर भाई बहने तंबाखू, बिडी, सिगरेट एवं नशीली पदार्थों का सेवन न करे। उन्होंने कहां कि उनके फार्म पर काम करने वाले व्यसनों को छोड़ देते है। सात्विक विचारों में काम करते है। आज का समय परिवर्तन का समय है। इस बदलते समय के  साथ हमे खेती करने कि पध्दती भी चेंज करनी होगी। जो सभी के लिये लाभदायक हो। ऐसा अनाज पैदा करे जो सभी के लिये अच्छा और शक्तिशाली हो।

कार्यक्रम की शुरुआत परमपिता परमात्मा कि याद से की गई। कुमारी आसावरी ने गांव के विकास पर नृत्य पेश कर सबका स्वागत किया। मंच पर उपस्थित एवं ऑनलाइन अतिथियों का स्वागत ब्रह्माकुमारी रजनी दीदी जी, संचालिका ब्रह्माकुमारीज् नागपुर एवं निर्देशिका विश्व शांति सरोवर ने अपने सम्मान पूर्वक शब्दों से किया।

ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी जी-संचालिका कामठी सेवाकेन्द्र ने  शुध्द वातावरण बनाने के विषय में जानकारी देते हुये राजयोग का अभ्यास कराया। ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी जी-संचालिका, उमरेड सेवाकेन्द्र ने सभी अतिथी, कार्यक्रम में सम्मिलित सभी श्रोताओं का तथा कार्यक्रम मे सेवाएं देने वाले सभी का आभार व्यक्त किया तथा ब्रह्माकुमारी मनिषा दीदी, सहसंचालिका, ब्रह्माकुमारीज् नागपुर ने सभी को शुभकामनाएं दी।

इस कार्यक्रम में ब्रह्माकुमार प्रेमप्रकाश भाई, व्यवस्थापक, ब्रह्माकुमारीज्, मराठी साहित्य विभाग, महाराष्ट्र विशेष रुप से उपस्थित थे, उन्होंने सबको शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम का संचालन मौदा सेवाकेन्द्र कि संचालिका अर्चना दीदी ने किया। परमात्मा की याद में कार्यक्रम का समापन किया।

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