‘My Rajasthan, Addiction-Free Rajasthan’ Campaign in Jodhpur

Jodhpur ( Rajasthan): The Medical Wing of the Rajayoga Education and Research Foundation, in collaboration with Brahma Kumaris Jodhpur and the Government of India, inaugurated the year-long ‘My Rajasthan, Addiction-Free Rajasthan’ Campaign.  This initiative is in tune with the ‘Substance Abuse-Free Rajasthan’ Campaign of Chief Minister Ashok Gehlot.  This campaign was virtually inaugurated on 21st January 2022 by Prime Minister Narendra Modi at Mount Abu, the International headquarters of Brahma Kumaris.  It has reached 16 tehsils in 4 districts of Rajasthan.  Thousands of BK members have volunteered their services free of cost for this initiative.  De-addiction programs have been held at schools, colleges, Medical and Nursing colleges, hospitals, public places, and factories in these areas.

Dr. BK Banarasilal Shah, Executive Secretary of the Medical Wing,  informed that more than 260 mega programs have been held all over the country under this campaign.  More than 1 lakh people participated in these. 90,000 people pledged to stay away from drug addiction in these programs,  many of whom were school students.  These programs taught people the importance of positive lifestyle,  spirituality, and Rajyoga Meditation.  This campaign concluded on 2nd October, 2022, at Sindhu Mahal, Jodhpur.

Dr. BK Banarasilal Shah said that drug addiction has become a social menace today. Social Research shows that it is the reason for most crimes. It harms people physically, mentally, and economically. The spiritual research wing of Brahma Kumaris has found that drug addiction primarily affects our thoughts.  It weakens our mental prowess and takes the mind towards negative thinking patterns.

News in Hindi:

माई राजस्थान एडिक्शन फ्री राजस्थान अभियान
प्रदेश के 4 जिलों की 16 तहसीलों में चलाया गया जिसके अंतर्गत 260 से अधिक कार्यक्रम आयोजित
– 2 अक्टूबर 2022 को जोधपुर में अभियान का समापन
– एक लाख से अधिक लोगों ने लोगों ने पूरे अभियान के दौरान लिया भाग
– 90,000 लोगों ने विभिन्न कार्यक्रमों में लिया नशामुक्ति का संकल्प
जोधपुर/राजस्थान। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंव रिसर्च फाउंडेशन के मेडिकल विंग और भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री आदरणीय श्री अशोक गहलोत जी के व्यसन मुक्त राजस्थान को लेकर एक वर्षीय ‘माई राजस्थान एडिक्शन फ्री राजस्थान अभियान चलाया गया। अभियान का शुभारंभ 21 जनवरी 2022 को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर ब्रह्माकुमारीज के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन आबू रोड से किया था। अभियान राजस्थान के 4 जिलों की 16 तहसीलों में पहुंचा। इसमें हजारों ब्रह्माकुमार भाई-बहनों और बीके डॉक्टर्स ने अपनी सेवाएं नि:शुल्क रूप से दीं। इस दौरान रास्ते में आने वाले स्कूल, कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, हॉस्पिटल, पब्लिक प्लेस, फैक्ट्री आदि-2 स्थानों में नशामुक्ति कार्यक्रम किए गए।
मेडिकल विंग के कार्यकारी सचिव डॉ. बीके बनारसीलाल साह ने बताया कि अभियान के तहत पूरे प्रदेश में 260 से अधिक मेगा कार्यक्रम आयोजित किए गए। इनमें एक लाख लोगों ने भाग लिया। वहीं 90,000 लोगों ने कार्यक्रमों में जीवन में आगे नशा नहीं करने, गुटखा छोडऩे, शराब छोडऩे का संकल्प लिया। इनमें बड़ी संख्या में स्कूली विद्यार्थी भी शामिल हैं। जिन्हें नशे के दुष्परिणाम बताते हुए आगे जीवन में इससे बुराई से दूर रहने की प्रतिज्ञा कराई गई। इन कार्यक्रमों में लोगों को सकारात्मक जीवनशैली का महत्व, आध्यात्म और राजयोग मेडिटेशन का संदेश दिया गया। अभियान का समापन 2 अक्टूबर 2022 को सिंधु महल, जोधपुर के सभागार में आयोजित किया जाएगा। कार्यकारी सचिव डॉ. साह ने बताया कि नशा आज सामाजिक बुराई बन गया है। सामाजिक संस्थाओं द्वारा किए गए शोध में सामने आया है कि अपराध का प्रमुख कारण नशा ही है। नशे से जहां शारीरिक रूप से हानि होती है, वहीं मानसिक और आर्थिक छति भी पहुंचती है। ब्रह्माकुमारीज के आध्यात्मिक अनुसंधान प्रभाग ने शोध कर यह निष्कर्ष निकाला है कि नशे का सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे विचारों पर पड़ता है। गुटका, पान-तंबाकू, शराब के सेवन से हमारी माइंड में ऐसे हार्मोंस का स्त्रावण होता है जिससे माइंड की क्षमता कम होने के साथ विचार शक्ति कमजोर होती है। मन में नकारात्मक विचारों का जन्म होता है।

मेडिकल विंग की सेवाओं पर एक नजर-
12 लाख लोग अब तक हुए नशामुक्त
1985 में हुई थी मेडिकल विंग की स्थापना
80 लाख से अधिक लोगों को दिया नशामुक्ति का संदेश
12 लाख ग्रामीणों को दी स्वास्थ्य शिक्षा
300 से अधिक नेशनल मेडिकल कॉन्फ्रेंस और सेमीनार का आयोजन
07 लाख लोगों को स्वास्थ्य कैंप लगाकर किया प्रशिक्षित
1985 में 37 वर्ष पूर्व प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा मेडिकल विंग की नींव रखी गई थी। तब से लेकर मेडिकल विंग समाज की सेवा में समर्पित है। इन 33 वर्षों में विंग द्वारा मेडिकल क्षेत्र में आध्यात्मिकता और स्वास्थ्य को लेकर कई प्रयोग भी किए हैं जो सफल रहे हैं एवं इनसे कई लोगों की गंभीर बीमारियां ठीक हुईहैं। इसी के तहत एक कैड प्रोग्राम हार्ट रोगियों के लिए शुरू किया गया है। इसके तहत प्रशिक्षण लेकर अब तक करीब 8 हजार हृदय रोगी राजयोग मेडिटेशन, नियमित व्यायाम और संतुलित दिनचर्या को अपनाकर पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं। इसके अलावा विंग द्वारा नशामुक्ति, हेल्थफेयर जैसे कई प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। मेडिकल विंग द्वारा चलाए गए विभिन्न अभियानों से प्रेरणा लेकर अब तक 12 लाख से अधिक लोग नशामुक्त हो चुके हैं जो संस्थान के लिए गौरव की बात है।
एक साल में राजस्थान में 72 हजार लोगों की हो जाती है तंबाकू से मौत-
एक सर्वे के मुताबिक अकेले राजस्थान में तंबाकू उत्पादों के सेवन के कारण हर साल करीब 70 हजार लोगों की मौत हो जाती है। जबकि भारतवर्ष में करीब साढ़े तेरह लाख लोग प्रतिवर्ष अपनी जान गंवा देते हैं। हर आठ सेकंड में एक व्यक्ति की मरतु तम्बाकू के कारन होती है और एक दिन में 3750 लोग असमय मरतु का ग्रास बन जाते है | प्रत्येक 10 मौत में से एक मौत तंबाकू के कारण हो रही है इससे हमारी आयु 15-18 वर्ष कम हो जाती है । इस गंभीर समस्या को देखते हुए राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य विभाग और प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मेडिकल विंग ने संयुक्त रूप से तंबाकू मुक्त राजस्थान का बीड़ा उठाया है। इसके तहत ग्राम से लेकर जिला स्तर तक लोगों को व्यक्तिगत स्तर पर काउंसलिंग कर तंबाकू छोडऩे के लिए प्रेरित किया जाएगा। साथ ही भविष्य में उपयोग नहीं करने का संकल्प दिलाया जाएगा।
मेडिकल विंग द्वारा देशभर में चलाए जा रहे अभियान
– माई इंडिया,-हेल्दी इंडिया, माई इंडिया- एडिक्शन फ्री इंडिया, एक्रेडीटेड डीपीएपी सेंटर, होलीस्टिक एप्रोच टू डायबिटीज, थ्रीडी हार्टकेयर (कैड), डिवाइन मदर बेवी, स्कूल हेल्थ (आकाश), – हेल्थ प्रोमोटिंग गार्डन्स, थ्रीडी हेल्थकेयर फॉर एड्स पैसेंट्स, एनीटाइम मेडिटेशन (एटीएम), बीके हेल्थकेयर, माई नेपाल-हेल्दी नेपाल
मेडिकल क्षेत्र में सेवा गतिविधि…
– नेशनल कॉन्फ्रेंस, सेमीनार, रिट्रीट, गेट-टू-गेदर, समय-समय पर स्वास्थ्य मेले, व्याख्यान, मेले, व्याख्यान, कार्यशाला, संगोष्ठी, राजयोग मेडिटेशन कैंप, पर्सनॉलिटी डवलपमेंट कैंप, हेल्थ अवेयरनेस कैंपेन, नशामुक्ति शिविर एवं परामर्श , पॉजीटिव थिंकिंग कोर्स, मेडिकल स्टॉफ टे्रनिंग प्रोग्राम, कोरोनरी आर्टरी डिसीज (कैड) रिगरेशन कैंप एंड एग्जीबिशन

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