‘My Family as A Powerful Circle of Protection’ : Webinar for Youth

Bhopal ( Madhya Pradesh): The Brahma Kumaris of Madhya Pradesh,  in collaboration with the Youth Wing of the Rajayoga Education and Research Foundation, held an online Webinar under the ‘Youth for Global Peace’ Project.  The theme of this Webinar was ‘My Family as A Powerful Circle of Protection‘. Every month a new theme is taken up in online webinars to empower the Youth under this project.  The main objective of this Webinar was to explain the value of family to youngsters and inspire them to respect the elders and live in harmony.

This Webinar was attended by BK Shailja, Incharge of Brahma Kumaris in Chhatarpur;  BK Geeta from Bhinmal, National Member of the Youth Wing of the Rajayoga Education and Research Foundation; CA Arun Daga, Bharat Vikas Parishad Gwalior;  Arpit Sharma,  State Coordinator, Indian Students Parliament;  BK Rekha, Coordinator, Youth Wing of Bhopal Zone; BK Prahlad, Member, Youth Wing Gwalior; BK Sunita, Rajyoga Teacher. Hoshangabad; BK Neelam, Rajyoga Teacher, Sagar, and BK Archana. More than 250 Youth joined from all over the state to benefit from this initiative.  BK Prahlad gave the  welcome speech.

BK Geeta, Chief Speaker, while explaining the purpose of this initiative, said that every youngster must provide strength to their family and move ahead while keeping them safe. Power without right values leads to destruction.  Over-ambition makes us exploit our education in a wrong way. Education,  Humility and Discrimination will lead to victory.  We must keep all members of our family together.

Arun Daga, Bharat Vikas Parishad Gwalior,  said that our youth must follow such values that can take our society,  country and the world towards prosperity.  Feelings of love, respect and coordination keep a family happy and peaceful.

Rajyogini BK Shailja said that the current education system gives economic placement and mental prowess, but lacks values. Because of this,  youth is ill-equipped to face different challenges of life. In the absence of family connectivity,  the youngsters get engrossed in social media or drugs.

Armpit Sharma, State Coordinator, Indian Student Parliament, said that if the youth develop the values of compassion,  love, sacrifice and coordination,  they will be an asset to everyone.

BK Neelam held a Rajyoga Meditation Session with commentary.

BK Rekha said that after achieving everything,  a person wants to return to his family, as it is the basis if his life. Family gives us our value system. She expressed gratitude to everyone who joined in. BK Sunita coordinated this Webinar.

News in Hindi:

मेरा परिवार शक्ति का सुरक्षा चक्र

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एज्युकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के युवा प्रभाग द्वारा रास्ट्रीय स्तर पर “यूथ फॉर ग्लोबल पीस प्रोजेक्ट” जनवरी माह से चलाया जा रहा है जिसके अंतर्गत हर माह अलग अलग थीम पर राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय  बेबिनार के माध्यम से युवाओं को जागरूक किया जा रहा है | आज उसीके अंतर्गत थीम “मेरा परिवार शक्ति का सुरक्षा चक्र”  वेबिनार का आयोजन युवा प्रभाग भोपाल जोन के द्वारा म. प्र. के युवाओं के लिए आयोजित किया गया |

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य- वर्तमान समय में युवाओं को परिवार का महत्व बताना, साथ ही परिवार में सब मिलजुलकर रहें, एकजुट होकर रहें, बड़ों का सम्मान करते हुए प्यार से उनको सहयोग दें| हर परिस्थिति का सामना करते हुए अपनी ऊर्जा को परिवार, समाज और देश हित में लगायें |

इस ऑनलाइन कार्यक्रम में मुख्य रूप से वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षिका राजयोगिनी बी. के. शैलजा दीदी (मुख्य इंचार्ज छतरपुर), ब्रह्माकुमारी गीता बहन (भीनमाल, राजस्थान, राष्ट्रीय सदस्य, युवा प्रभाग), सी. ए. अरुण डागा (भारत विकास परिषद्, ग्वालियर), अर्पित शर्मा (प्रदेश समन्वयक, भारतीय छात्र संसद), ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी (संयोजक, युवा प्रभाग भोपाल जोन), बी. के. प्रहलाद (सदस्य म.प्र. युवा प्रभाग, ग्वालियर), ब्रह्माकुमारी सुनीता बहन (राजयोग प्रशिक्षका होशंगाबाद), ब्रह्माकुमारी नीलम बहन (राजयोग प्रशिक्षका, सागर), ब्रह्माकुमारी अर्चना बहन (सीधी) उपस्थित रहीं |

इसके साथ ही पूरे म. प्र. से 250 से भी अधिक युवाओं ने ऑनलाइन कार्यक्रम में हिस्सा लिया |

कार्यक्रम के शुभारम्भ में ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाई ने सभी का स्वागत अभिनन्दन किया |

तत्पश्चात कार्यक्रम की मुख्य वक्ता बी के गीता दीदी ने इस कार्यक्रम का उद्देश्य सपष्ट करते हुए बताया कि प्रत्येक युवा अपने परिवार को मजबूती प्रदान करे और परिवार के साथ स्वयं को सुरक्षित रखते हुए अपने आप को सफलता की ओर सदा आगे ले जाए। उन्होंने महाभारत के कुछ पात्रों के माध्यम से युवाओं को कुछ शिक्षाओं को जीवन में आत्मसात करने के लिए आह्वान किया |

उन्होंने बताया की यदि कितने भी बलवान हों यदि असत्य के साथ रहेंगे तो हार जायेंगे यह कर्ण से सीखना है।

महत्वाकांक्षी बनने से अपनी विद्या का अपने उद्देश्यों का दुरुपयोग हो जाता है यह हमें अश्वत्थामा से सीखना है।

कभी किसी को ऐसे वचन ना दें जो हमे अधर्म की शरण में जाकर भी निभाने हों यह हमें भीष्म पितामह से सीखना है।

संपत्ति,सत्ता, शक्ति का दुरुपयोग हमेशा विनाश की ओर ले जाता है यह हमे दुर्योधन से सीखना है।

विद्या,विवेक ,विनम्रता सदा विजय की ओर ले जाती है यह अर्जुन से सीखना है।

अगर हमेशा आगे बढ़ना है सुखी रहना है और विजयी होना है तो अपने परिवार के एक एक सदस्य को जोड़कर रखना है। यह हमें धर्मराज युधिष्ठिर से सीखना है।

अरूण डागा जी ने बताया की हमारे युवाओं को ऐसी परंपराओं ऐसी विचारधारा को अपनाना चाहिए जो समाज, राष्ट्र और संपूर्ण विश्व को समृद्धि दे। साथ ही युवाओं में प्रेम, सम्मान, सेवा सहयोग की भावना ,देने की भावना व दूसरों को समझने व सामंजस्य बैठाने की समझ होनी चाहिए तभी परिवार में सुख शांति व प्रसन्नता का निवास होता है।

 राजयोगिनी बी के शैलजा दीदी  ने बताया कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली हमारे बच्चों को बौद्धिक विकास, डिग्री,पद तो देती है लेकिन इसमें जीवन मूल्यों, मानवीय मूल्यों, पारिवारिक मूल्यों का अभाव रहता है। जिसके कारण बच्चा सहनशक्ति, परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति, और एडजस्ट करने की शक्ति की कमी  महसूस करता है। अत: परिवार से दूर या परिवार में परस्पर प्रेम व आपसी समझ  के अभाव में युवा स्वयं को सोशल मीडिया में डुबा लेता है या विभिन्न प्रकार के व्यसनों में रस लेने लगता है। अत: परिवार ही वह कड़ी है जो बच्चों को युवा को संस्कार की पहली रूपरेखा सिखाती है। क्यों कि संस्कार देने की पहली सीढ़ी परिवार ही होता है।

अर्पित शर्मा जी ने बताया कि यदि युवा परिस्थितियों, वस्तुओं व घटनाओं को देखने का नजरिया बदलकर स्वयं के जीवन में दया, त्याग, प्रेम ,अपनत्व ,सहयोग की भावना आदि गुणों को धारण करता है तो वह अपने परिवार के लिए ही नहीं वरन् संपूर्ण समाज के लिए सुखदाई बन जायेगा।

ब्रह्मकुमारी नीलम दीदी ने सभी को योग कमेंट्री के द्वारा राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करवाया गया।

और अंत में ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी ने बताया कि सबकुछ जीतकर या हारकर इंसान जहां जाना चाहता है वह परिवार ही तो है परिवार एक ऐसा आधार है जो मानव को मानव बनाता है जो इंसानियत सीखता है साथ ही उसको अन्य से भिन्न करता है। इसके साथ ही दीदी जी के द्वारा सभी अतिथियों व सैकड़ो की संख्या में वेवीनार में उपस्थित युवाओं का आभार व्यक्त किया गया।

कार्यक्रम का कुशल संचालन बी के सुनीता दीदी के द्वारा किया गया।

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