Mandsaur MLA Address World Heart Day Program

Mandsaur(Madhya Pradesh): On the occasion of World Heart Day, the Brahma Kumaris of Mandsaur held a program on healthy living for physicians.  Yashpal Singh Sisodia, MLA Mandsaur,  was the special guest on this occasion.

Yashpal Singh Sisodia, Chief Guest,  while speaking on this occasion said that the art of living a healthy life was deeply embedded in the Indian way of life. But today we Indians are blindly adopting western ways while ironically westerners are becoming more interested in ancient Indian wisdom.  That is why heart disease is so prevalent today as greed and unfulfilled ambitions are many. Mr. Sisodia also remembered the late BK Samita. He said that the Coronavirus Pandemic has taught us that we can stay healthy by adopting spirituality and yoga. MP is the only Indian state to have a separate Spirituality department.  We all must adopt a stress free lifestyle.

Dr. Govind Chhaparwal, Head of IMA, Dr. K.l Rathore, CMHO, Dr. Suresh Jain, Senior Physician,  Dr. D.K. Sharma, Civil Surgeon District Hospital and Dr. Shubham Chelawat, Cardiologist,  shared tips of healthy living.

Dr. Govind Chhaparwal, Head of IMA, said that mental health is a must for physical health. People should learn to trust their physicians more than the social media.

Dr. K. L. Rathore,  CMHO, said that the major reason of Heart disease is stress and modern lifestyle.  Spending more time on gadgets and less in natural surroundings takes a big toll. Hence, adopting a balanced lifestyle is essential.

Rajyogini BK Usha, while giving the welcome address said that while our body is made of five elements,  it is the consciousness that keeps it alive. To experience the seven original qualities of the soul, we must learn to connect with the Supreme Soul by Rajyoga.  This can ensure our mental health.  Yoga helps us get rid of negative thoughts.

Brahma Kumaris sisters taught Rajyoga Meditation to the audience.  BK Hemlata coordinated this program.  Brajesh Joshi of Mandsaur District Press Club gave the Vote of thanks.

News in Hindi:

भारतीय अध्यात्मिक जीवनशैली ही स्वस्थ्य ह्दय का आधार – विधायक श्री सिसोदिया
विश्व ह्दय दिवस के अवसर पर आत्म कल्याण में चिकित्सकों ने सिखाऐ स्वस्थ्य रहने के गुर
मंदसौर ।
भारत के संस्कार और संस्कृति में ही स्वस्थ्य रहने की कला छीपी हुई है, लेकिन वर्तमान में हम भारतीय संस्कार और संस्कृति को छोड़कर पाश्चात्य परम्परा को अपना रहे है जबकि पश्चिमी देश भारत की और आकर्षित हो रहे है। यहीं कारण है कि हम ह्दय के गंभीर रोग से पीढ़ित हो रहे है। जितना मिल रहा है उसमें संतुष्ठी नहीं होती यहीं तनाव का कारण बनता है और इसी से रोग शुरू होता है और व्यक्ति ह्दय जैसे गंभीर रोग से पीढ़ित होता है। ऐसे में जीवन को चलाने वाले ह्दय को सुरक्षित रखने के लिए जागरूक होना आवश्यक है, इसके लिए अध्यात्म सबसे बेहतर माध्यम है, अध्यात्मिक जीवन शैली के माध्यम से हम अपने रहन,सहन, आचार-विचार, खान-पान को संयमित रखकर पूरी तरह से तनाव मुक्त रह सकते है और स्वस्थ्य मन और स्वस्थ्य जीवन रख सकते है।
यह बात वरिष्ठ विधायक यशपालसिंह सिसोदिया ने कहीं। आप विश्व ह्दय दिवस के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय आत्म कल्याण भवन पर आपका स्वास्थ्य आपके हाथ में विषय पर व्याख्यान को बतौर मुख्य अतिथी संबोधित कर रहे थे। आयोजन राजयोगिनी उषा दीदी के सानिध्य में वरिष्ठ विधायक यशपालसिंह सिसोदिया के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। जिसमें आइएमए के अध्यक्ष डॉ गोविन्द छापरवाल, सीएमएचओं डॉ के.एल राठौर, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ सुरेश जैन, जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ डी.के. शर्मा, कार्डियोलॉजिस्ट डॉ शुभम चेलावत ने स्वस्थ्य रहने के गुर सिखाऐं।
विधायक श्री सिसोदिया ने दिवंगत राजयोगिनी समीता बहन को याद करते हुए कहा कि जो दिलों में निवास करती थी आज दीवार पर बैठी है । कोरोना की आपदा ने हमसे बहुत कुछ छीन लिया है लेकिन इस महामारी ने भी सिखाया है कि हम अध्यात्मिक जीवनशैली ओर योग को अपनाकर खुद को निरोगी रख सकते है, भारत की संस्कृति योग जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक स्तर पर पहुंचाया और पूरे विश्व ने भी इसे स्वीकार किया है। पूरे देश में केवल मध्यप्रदेश ऐसा प्रदेश है जहां मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अलग से अध्यात्म विभाग का गठन किया है। आपने कहा कि तनाव ही बिमारियों का कारण बनता है जिस प्रकार वोटों की गिनती होती है उसी प्रकार नोटों की गिनते करने वाले वाले लोग तनाव में रहते है, जितना मिल रहा है उसमें संतुष्ट नहीं रहना ही विभिन्न प्रकार की बिमारियों को आमंत्रण देता है। दूसरी तरफ मेहनत कश आदिवासी समाज को कभी भी इन गंभीर रोगों से ग्रस्त नहीं होता है उसका सबसे बडा कारण है कि तनाव मुक्त होकर काम करते है, जितना मिलता है उसमें पूरी तरह से संतुष्ट रहते है, समय पर उठते है, समय पर सोते है, खान-पान का समय भी निश्चित होता है उनकी तनाव मुक्त कार्यशैली ही उन्हें पूरी तरह से स्वस्थ्य रखती है। लेकिन दूसरी तरफ कई लोग बिना वजह देर तक जागते है सुबह देर से उठते है लेकिन फिर भी शरीर को जितना आराम चाहिए वह नहीं मिलता और शरीर ह्दय रोग जैसी गंभीर बिमारियां जकड़ लेती है। इसलिऐ हर व्यक्ति को अध्यात्मिक जीवन शैली अपनाकर तनाव मुक्त रहकर स्वस्थ्य रहने के प्रयास करने चाहिऐ।
आईएमए के अध्यक्ष डॉ गोविन्द छापरवाल ने कहा कि शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए मानसिक स्वास्थ्य सबसे जरूरी है लेकिन वर्तमान दौर में हम खराब जीवनशैली को अपनाकर तो बिमार हो हीं रहे है लेकिन सौश्यल मिडिया का ज्ञान अपनाकर और ज्यादा स्वास्थ्य को खराब कर रहे है। व्यक्ति अपने डाक्टर से ज्यादा सौश्यल मिड़िया के ज्ञान पर भरोसा करता है, उसे अपनाकर और ज्यादा बिमार हो जाते हैं। कोरोना कॉल मेें रेमडेसीविर इंजेक्शन को जीवन अमृत के समान सौश्यल मिडिया ने महिमामंडित कर दिया ओर वर्तमान में डेंगू के समय में भी प्लेटसलेट को लेकर हव्वा बनाया जा रहा है जबकि हर व्यक्ति को प्लेट्सलेटस चढाने की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन सौश्यल मिडिया का ज्ञान लेकर भयभीत हो रहे और स्वास्थ्य को ओर ज्यादा खराब कर रहे है। व्यक्ति को चिंता में डालने का काम सौश्यल मिडिया कर रहा है इसके प्रति हर व्यक्ति को सचेत रहना चाहिए, सकारात्मक रूप से इसका उपयोग करें और चिंता मुक्त रहेंगे क्योंकि चिंता मुक्त रहकर ही हम ह्दय रोग से बचे रह सकते है।
सीएमएचओं डॉ के.एल. राठौर ने कहा कि ह्दय रोग का सबसे बडा कारण चिंता युक्त होने के साथ ही आधुनिक जीवन शैली को अपनाना है। मानव का स्वास्थ्य उसके स्वयं के हाथों में ही होता है। व्यक्ति आधुनिकता के फैर में पडकर पूरे दिन मोबाइल और टीवी पर लगा रहता है, रात को देर से सोकर सुबह देर से उठता है जिसके कारण योग, ध्यान, व्यायाम जैसी अतिआवश्यक किृयाओं से दूर हो रहा है। व्यक्ति ने भारतीय सात्विक भोजन को छोडकर पिज्जा, बर्गर, हॉट डॉग को अपना लिया जिसके कारण मोटापा बढ रहा है और इसी के साथ बीपी, शुगर समेत अन्य बिमारियों से होकर ह्दय रोग तक पहुंच रहा है। इसलिए व्यक्ति संयमित जीवन शैली को अपनाऐ, अपना खान-पान रहन-सहन सात्विक करें तो गंभीर रोग से बचे रह सकते है।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ डी.के. शर्मा, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ सुरेश जैन और कार्डियोलॉजिस्ट डॉ शुभम चेलावत ने भी संबोधित किया।
स्वागत भाषण देते हुए मेडिकल कॉर्डिनेटर मेडिकल प्रभाग राजयोगिनी उषा दीदी ने कहा कि हमारा स्वास्थ्य हमारे स्वयं के ही हाथ में है। मानव शरीर जल, अग्नि, वायु, आकाश और पृथ्वी पांच तत्वों से बना है जिसमें आत्मा निवास करती है जो शरीर को चलाने वाली चेतन्य शक्ति होती है। आत्मा के सात गुण सुख शांति, प्रेम, आनंद, ज्ञान ओर पवित्रता होते है। आत्मा को अपने दिव्य गुणों से सम्पन्न रखने के लिए आत्मा का कनेक्शन परमात्मा से जोडना आवश्यक होता है क्योंकि जिस प्रकार बिजली का कनेक्शन उसके पॉवर हाउस से होता है उसी प्रकार आत्मा का पॉवर हाउस परमात्मा होता है। इसके लिए सर्वोत्तम माध्यम योग होता है। आपने कहा कि ह्दय मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है इसलिए हमें ह्दय को रोग मुक्त करने के लिए सचेत रहना होगा और इसे स्वस्थ्य रखने के लिए स्वस्थ्य मन का होना आवश्यक होता है और मन की स्वस्थ्यता आत्मा के परमात्मा से कनेक्शन पर ही मिलेगी। चिकित्सक भी इस बात को स्वीकारते है कि मानव को स्वस्थ्य रहने के लिए मेडिटेशन आवश्यक है कयोंकि जब योग करते है तो हम एकाग्र होते है और नेगेटिव विचार बाहर निकलते है जिससे ह्दय को भी सकून मिलताा है।
प्रारम्भ में अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन कर समारोह का शुभारम्भ किया। ब्र्हमाकुमारी बहनों ने योग की अनूभूति कराई तथा अतिथियों का स्वागत किया। समारोह का संचालन ब्रहाकुमारी हेमलता दीदी ने किया, आभार मंदसौर जिला प्रेस क्लब अध्यक्ष ब्रजेश जोशी ने व्यक्त किया।

 

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