Grand Shri Krishna Janmashtami Celebrations in Bhilai

Bhilai ( Chhattisgarh ) : Brahma Kumaris celebrated the festival of divinity, Shri Krishna Janmashtami, with great enthusiasm after the Raj Yoga session in the Peace Auditorium of Antardisha Bhawan, Sector 7.

On this occasion, Bhilai Center In-charge Brahma Kumari Asha said that Shri Krishna Janmashtami festival celebrates the birth of Lord Krishna, the first prince of the golden age, in the satopradhan world.  He was 16 celestial degrees full, completely pure, completely viceless, doubly non-violent, full of all virtues.

She said that on this auspicious occasion, we have to make nature pure.  Today human souls are unhappy, disturbed, and the nature is also impure.  We have to concentrate the mind and donate peace to nature through Raja Yoga and make the five elements of nature satopradhan. We have to create a world where there is happiness and peace.

A beautiful tableau of Sri Krishna and Radhe in a golden aged scene was displayed with cultural performances.

News in Hindi:

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सेक्टर 7 स्थित अंतर्दिशा भवन के पीस ऑडिटोरियम में प्रातः राजयोग सत्र के पश्चात श्री कृष्ण जन्माष्टमी दिव्यता का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ,इस अवसर पर भिलाई सेवा केन्द्रों की नेदेशिका ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने कहा कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व अर्थात धरा पर वैकुंठ सतयुगी दुनिया में सर्वगुण संपन्न, 16 कला सम्पूर्ण , मर्यादा पुरुषोत्तम, संपूर्ण निर्विकारी, डबल हिंसक से सुसज्जित सतोप्रधान दुनिया में सतयुग के प्रथम राजकुमार श्री कृष्ण का जन्म, जिसे हम आज तक उत्साह के साथ उत्सव के रूप में मना रहे है |

ऐसा गायन है जहां शेर और गाय एक ही घाट का पानी पीते थे अर्थात सभी में आपसी , प्रेम , सुख शांति , स्नेह संपन्नता थी | उस पावन दुनिया में जाने हमें योग बल एवं ज्ञान बल से विकारों रूपी माया पर विजय पानी है| देवताये पावन दुनिया में कदम रखते हैं पतित दुनिया में नहीं| पीस ऑडिटोरियम में सतयुग वैकुंठ दुनिया के स्वर्णिम दृश्य को सजाया गया, जहां राधे कृष्ण को पुष्पक विमान में उड़ता हुआ दिखाया है तथा शेर और गाय को एक ही घाट का पानी पीते हुए दिखाएं जो कि दर्शाता है कि हमें ऐसे ही आपसी प्रेम और सौहार्द्र से रहना है | श्री कृष्ण , राधा को झूले में झूलते हुए एवं साथ में गोप गोपियों को संस्कारों के मिलन की रास करते हुए दिखाया है| आशा दीदी ने कहा कि इस पावन अवसर पर हमें प्रकृति को भी पावन बनाना है ,आज मनुष्य आत्माएं दुखी,अशांत है तो प्रकृति भी दुखदाई है हमें मन को एकाग्र कर राजयोग से प्रकृति को शांति का दान देना है, प्रकृति के पांच तत्वों को सतोप्रधान बनाना है, ऐसी दुनिया बनानी है जहां सुख , निश्चित वाली जीवन हो यह दृश्य आने वाली दुनिया में प्रैक्टिकल में संपन्न होगा| यह झांकी सर्व के दर्शनार्थ 23 अगस्त रात्रि 9 बजे तक रहेगी|

 

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