“Environment Protection Our Responsibility” Webinar by Brahma Kumaris Indore

Indore ( Madhya Pradesh) : On the occasion of World Environment Day, the Brahma Kumaris of Indore organized a webinar on the topic “Environment Protection Our Responsibility.” This was done in collaboration with the Agriculture and Rural Development Wing of the Brahma Kumaris.

The inaugural speech was given by BK Raju, Vice Chairperson of the Agriculture and Rural Development wing from Mount Abu. He said that it is our responsibility to take care of all the five elements around us. Our thoughts have a direct bearing on our environment. A pure mind keeps the surroundings pure. It is time to switch synthetic fertilizers and pesticides for organic manure.  This is the basis of the Sustainable Organic Yogic Farming Initiative of the Brahma Kumaris.  It combines spirituality with organic farming to make a healthy environment.

Puroshottam Dhiman, Additional Chief Secretary in Forest Ministry of the Government of Madhya Pradesh, said that a balance is needed between economic and environmental growth. We must work for a pure mind, pure diet and cleanliness.

BK Hemlata,  Incharge of Indore Subzone of Brahma Kumaris, said that nature is our mother.  Taking care of her and respecting her is our prime duty.  Today, humans have ripped the planet apart with greed. The time has come to nurture it back to health.

Dr. Ramesh Mangal, Secretary of Environmental Development and Exploration, said that the Youth and media need to come forward in a big way for environment protection.  Environment protection needs to become a part of every day life and the school curriculum as well.

V.K. Swarnakar, Former Dean of Agriculture University, said that decreased human activity in the coronavirus-induced lockdown has benefited the environment.

Tree plantation was done in the Yogic Home Garden and positive vibrations were given to the environment through Rajayoga Meditation.

News in Hindi:

इंदौर:  विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में ‘ पर्यावरण संरक्षण – हमारा दायित्व‘ विषय पर आयोजित वेबिनार ( आॅन लाइन सेमिनार) का आयोजन प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग के द्वारा किया गया । इसमें अपने विचार रखते हुए प्रभाग के उपाध्यक्ष, माउण्ट आबू मुख्यालय के वरिष्ठ राजयोगी ब्रह्माकुमार राजू भाई ने मुख्य उद्बोधन देते हुए कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हमारे आसपास जो जल, जमीन, जंगल जानवर और जनता है उसकी रक्षा करना हमारा प्रथम दायित्व है। मनुष्य के विचारों का सीधा असर प्रकृति पर पडता है। मानसिक शुद्धता से प्रकृति अपने आप अपनी शुद्धता की ओर लौटने लगेगी। साथ ही रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशक के बदले जैविक खाद का उपयोग करें । इस दिशा में ब्रह्माकुमारी संस्थान के कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग द्वारा एक महत्वाकांक्षी परियोजना शाश्वत यौगिक खेती चलाई जा रही है। जिसमें जैविक खाद एवं शुद्ध विचारों का प्रयोग कर फसलों एवं प्रकृति को हरा भरा कर उसे जीवन दान दे रहे हैं।

इस अवसर पर मध्यप्रदेश शासन के वन विभाग के अतिरिक्त प्रमुख सचिव पुरुषोत्तम धीमान ने कहा कि भौतिक विकास तथा पर्यावरण संरक्षण में संतुलन की आवश्यकता है। विकास के लिये जितने पेड़ों की कटाई हो, उससे कई गुणा ज्यादा मात्रा में नये पेड़ लगाकर सामन्जस्य बनाना चाहिए । जैसे जंगल रहेगा तो जल आयेगा। प्रकृति के संतुलन में हर बड़े से बड़े तथा सूक्ष्म जीव का बहुत ही महत्व है। आपने कहा कि पर्यावरण की शुद्धि के लिये मनुष्य को स्वच्छता, शुद्ध मन एवं शुद्ध अन्न ग्रहण करना होगा।

इंदौर जोन की मुख्य क्षेत्रीय समन्वयक ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि प्रकृति मां है। वह मनुष्य को जन्म से लेकर मृत्यु तक देती ही देती है । प्रकृति इतनी बडी दाता है जो एक बीज को हजारों बीज के रुप में वापस करती है ऐसी प्रकृति मां का सम्मान करना, उसकी रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है। लेकिन आज का मानव लोभ के वश होकर प्रकृति की, वनों की अंधाधुध कटाई कर जमीन को बंजर धरती बना दिया है । 5 तत्वों का आपसी संतुलन बिगड़ गया है। जिसका परिणाम बढती हुई प्राकृतिक आपदायें हैं अतः मानव जीवन की रक्षा के लिये लोभ वृत्ति को छोड अपनी शुद्ध भावनाओं से शुद्ध विचारों से प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण करना हम सबकी जिम्मेवारी है।

इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षाविद व पर्यावरण विकास एवं अनुसंधान के सचिव डा. रमेश मंगल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिये विद्यार्थियों युवाओं समाज के बुद्धिजीवियों एवं मीडिया को भी आगे आना होगा। पर्यावरण सरंक्षण की आवश्यक बातों को जीवन का हिस्सा बनायें अधिक से अधिक वृक्ष लगायें, समाचार पत्र पत्रिकाओं में समय≤ पर लेख प्रकाशित हो।
कृषि महाविद्यालय के पूर्व डीन वी.के. स्वर्णकार ने अपनी शुभकामना देते हुए कहा कि लाक डाउन के चलते लोगों के धरों में बंद रहने से स्वच्छ निर्मल और शुद्ध वातावरण का निर्माण हुआ है। जो कि पर्यावरण के लिए बहुत लाभ दायी है।
ओमशान्ति भवन की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी उषा बहन ने योगानुभूति कराते हुए कहा कि हम प्रतिदिन पेड़ पौधों को शुभ भावनाओं के जल और स्नेह के दवाई शक्तिशाली संकल्प से सिंचन करें तो बहुत सुखदायी फल मिलेगा।
इस अवसर पर ओमशान्ति भवन में बने यौगिक गृह वाटिका के बीच वृक्षारोपण किया गया एवं राजयोग मेडिटेशन द्वारा प्रकृति को सकाश दिया गया। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी अनिता दीदी ने किया।

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