– शिव संग जोड़ी जीवन की प्रीत, वरमाला पहनाकर बनाया जीवन साथी
– दादीजी के सानिध्य में बेटियों ने परमात्मा शिव के यादगार शिवलिंग को वरमाला पहनाकर शिव को बनाया साजन
– ब्रह्माकुमारीज इंदौर जोन के स्वर्ण जयंती समारोह में 20 बेटियों ने लिया बालब्रह्मचर्य और समाजसेवा में जीवन अर्पित करने का संकल्प
– माउंट आबू से पधारे 108 बालब्रह्मचारी, राजयोगी भाई- बहनों का पगड़ी, मुकुट, माला पहनाकर किया सम्मान
– खचाखच भरा रहा बास्केटबॉल स्टेडियम
इंदौर: अपने लिए तो सभी जीते हैं हमें औरों के लिए जीना है। दुःख- दर्द में जी रहे हजारों लोगों का सहारा बनना है। लोगों को सदमार्ग का रास्ता दिखाना है…. इस संकल्प के साथ देशभर के अलग- अलग स्थानों से पहुँची 20 बेटियों ने अपना जीवन परमात्मा शिव को अर्पण कर दिया। अब इनके जीवन का एक ही लक्ष्य है भारतीय पुरातन संस्कृति आध्यात्मिकता और राजयोग मेडिटेशन का संदेश जन- जन को पहुँचाना है।
सभी बेटियां सजधजकर दुल्हन के रूप में जैसे ही स्टेज पर पहुँची पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा।
साइलेन्स से मिलती है शांति, खुशी और शक्ति: दादी जानकी जी
पांच हजार से अधिक लोगों की सभा को संबोधित करते हुए दादी जानकी जी ने कहा कि साइलेन्स से शांति, खुशी और शक्ति मिलती है। साइलेन्स में बहुत पॉवर है। ओम शांति का ये महामंत्र मन को शांति प्रदान करता है। आज इतने लोगों की सभा देखकर बहुत खुशी हो रही है। सभी के दिल में बाबा है। हम बाबा के हैं और बाबा हमारा है। जब हम प्यार से मेरा बाबा कहते हैं तो बाबा की मदद मिलती है।
दादी: सब बाबा का कमाल है….
आज इतनी सभा के बीच इन कन्याओं का समर्पण हो रहा है, ये कन्याएं कितनी भाग्यशाली हैं जो भगवान की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर रही हैं। आज का ये द्रश्य कितना सुंदर है। वाह मेरे बाबा, वाह। सब बाबा करा रहा है। मै तो निमित्त मात्र हूं। सब बाबा का कमाल है। आज इंदौर आकर ओम प्रकाश भाई की याद आई। दादी जी का इंदौर जोन की वरिष्ठ ब्रह्माकुमारी बहनों की ओर से दादी जी का मुकुट, हार, माला से सम्मान किया गया।
माता- पिता बोले- ऐसी बेटी को पाकर में धन्य हो गया….
बाद में सभी कन्यायों ने परमात्मा शिव के यादगार चिन्ह शिवलिंग को वरमाला पहनाकर जीवनभर के लिए जीवन का हमसफर बना लिया। इस मौके पर बेटियों के माता- पिता ने अपनी लाडली का हाथ दादी के हाथ में सौपते हुए बोले- दादी मेरे कलेजे का टुकड़ा आज से आज से आपकी अमानत है। अपनी लाडली बिटिया को आज से विश्व कल्याण के लिए आपको सौप रहे हैं। आज मेरा जीवन धन्य हो गया जो जगत के पालनहार को अपने वर के रूप में चुना। आज मेरी बेटी ने गर्व से सिर ऊंचा कर दिया। मैंने तो स्वप्न में भी नहीं सोचा था कि मेरी लाडली आध्यात्म के मार्ग पर चलकर परिवार का नाम रोशन करेगी।
इंदौर जोन में एक हजार बहनें बनी ब्रह्माकुमारी….
इस दौरान ब्रह्माकुमारीज संस्थान के आंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू से पधारे 101 बाल ब्रह्मचारी राजयोगी भाई- बहनों का पगड़ी, तिलक और माला पहनाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में इंदौर जोन की जोनल निदेशका बीके कमला दीदी ने कहा कि आज का दिन कितना सुहाना है कि इतने भाई बहनों के बीच 20 बेटियां आध्यत्म की राह पर चलने का संकल्प लें रहीं हैं। आज से 50 वर्ष पूर्व इंदौर में रोपा गया ये आध्यत्म का पौधा वटवृक्ष बन गया है। ओम प्रकाश भाई ने आज इंदौर जोन में तीन हजार से अधिक ब्रह्माकुमारी बहनों को तैयार कर दिया। साथ ही एक लाख से अधिक लोग नियमित राजयोग मेडिटेशन और सत्संग कर रहें हैं।
भाई जी ने मेरा जीवन संवारा….
माउंट आबू से आए मीडिया विंग के उपाध्यक्ष बीके आत्मप्रकाश भाई ने कहा कि मैं खुद को भाग्यशाली समझता हूं कि ॐ प्रकाश भाई जी के अंग संग रहने का मौका मिला। माउंट आबू से आई वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके डॉ सविता ने कहा कि भाई जी ने ही मुझे मंच से भाषण करना सिखाया। इस मौके पर ब्रह्माकुमारीज के शांतिवन के प्रबंधक बीके भूपाल, बीके देव, बीके रुक्मिणी, नागपुर से आई बीके रजनी सहित 200 से अधिक ब्रह्माकुमारी बहनों सहित पांच हजार से अधिक लोग उपस्थित रहे।