Central Minister Pratap Sarangi Addresses Global Summit Cum Expo

Abu Road ( Rajasthan ): The Fourth plenary session of the Global Summit Cum Expo on Spirituality for Unity, Peace and Prosperity in Shantivan in Abu was addressed by Pratap Chandra Sarangi, Minister of State in the Government of India for Animal Husbandary, Dairying and Fisheries and Micro, Small and Medium Enterprises. Ms. Aruna Roy, well-known Social Activist and Founding Member of Mazdoor Kisan Shakti Sangathan, was also present on this occasion.

Pratap Sarangi in his address said that learning to live optimally here is more important than trying to find life on Mars. Unity, Peace and Prosperity are most needed in the world of today. These can be attained by following spiritual principles. Unlike western countries, science and spirituality run hand in hand in India. Science can lead to material prosperity but individual growth is possible only through spirituality. The knowledge of the Brahma Kumaris is very exalted. It shows the way to the Supreme Soul. This is a great organization working for the upliftment of mankind with total dedication. We must all join hands for environment protection.

Ms. Aruna Roy said that everyone should take responsibility for the degradation in society today. For maintaining a good society, a broad vision of the leadership is a must. We must all become aware of our duties and rights, and fight for them.

Padmashree Dr. Rani Bang, Founder of the Society for Education, Action and Research in Community Health, from Maharashtra, talked about the work in de-addiction, health and welfare being done there in collaboration with the Brahma Kumaris. Spirituality equips us to deal with many hardships. The Brahma Kumaris are showing the right way to live. We must all join hands with this organization to bring in Unity, Peace and Prosperity.

Prof. Dr. Itticorn Wattana, International Vice Chancellor of YSAM University, Florida, addressed the audience and a Memorandum of Understanding (MoU) was signed between the Education Wing (RERF) and YSAM University.

Mr. Nagendra Singh Rathore, Legislator from Bhojpur, ADGP; Mr. Mahendra Pratap from Cuttack; Mr. Albert Asadullin from Russia; Sushree Kothai Dinakaran, Managing Director of Sri Ramalinga Mills; BK Dr. Banarasi Shah, Secretary, Medical Wing; and BK Bharat, Head Quarters Coordinator of the Science and Technology Wing, also shared their views with the audience.

News in Hindi :

वैश्विक शिखर सम्मेलन… चौथा दिन
मंगल में जीवन पर अनुसंधान की जगह जीवन में मंगल है कि नहीं इस पर अनुसंधान करें वैज्ञानिक: केंद्रीय राज्यमंत्री प्रतापचंद्र सारंगी
– ब्रह्माकुमारीज के शांतिवन में चल रहे सम्मेलन में सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय ने भी सांझा किए अपने जीवन के कड़े अनुभव
– विश्व के 140 देशों से पहुंचे हैं सात हजार से अधिक लोग

आबू रोड (राजस्थान): 
वैश्विक शिखर सम्मेलन में केंद्रीय राज्य पशुधन विकास, लघु, मध्यम उद्योग मंत्री प्रतापचंद्र सारंगी ने कहा कि मैं वैज्ञानिकों को कहना चाहूंगा कि मंगल में जीवन पर अनुसंधान करने की बजाय जीवन में मंगल है कि नहीं इस पर अनुसंधान करें। दुनिया में आज सबसे ज्यादा सद्भावना, शांति और प्रेम की जरूरत है जो आध्यात्म से ही आएगी। यूरोप में विज्ञान और आध्यात्म में प्रतिस्पद्र्धा है। हमारे देश में विज्ञान और आध्यात्म साथ चलता है, एक-दूसरे के पूरक हैं। विज्ञान बहुत गहरी रिसर्च है, इससे हम भौतिक तरक्की कर रहे हैं पर खुद को जानना आध्यात्म है। हम दुनिया को तो जान रहें हैं पर खुद को नहीं जान रहे हैं।
मौका था ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय आबू रोड शांतिवन परिसर में चल रहे वैश्विक शिखर सम्मेलन का। सम्मेलन के चौथे दिन सोमवार को जानी-मानीं सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय, डॉ. रानी बेंग ने भी अपने संघर्ष के पलों को सभी के साथ सांझा किया।
केंद्रीय राज्य मंत्री सारंगी ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज का ज्ञान बहुत ऊंचा है। ये सीधे परमात्मा से जोड़ता है। राजयोग मेडिटेशन ईश्वर से जोड़ता है। यहां का पूरा वातावरण प्रभावित करने वाला है। मैं यहां आकर इस दिव्य वातावरण से प्रभावित हूं। यहां विशेष रूप से स्वच्छता का माहौल देखने को मिला। ये संस्था मानव समाज को बहुत ऊंचाई पर ले जाने का काम कर रही है। ब्रह्माकुमारीज महान संगठन है, क्योंकि यहां से सबको प्रेम करने की शिक्षा दी जाती है।अपने कर्तव्यों को करवाने के लिए बनाना पड़ रहे कानून….
केंद्रीय राज्य मंत्री सारंगी ने कहा कि हमारी संस्कृति है कि कमजोर की रक्षा करें। पहले पति, पत्नी के प्रति, बच्चे मां-बाप के प्रति अपने कर्तव्य का सहजता से पालन करते थे। आज के जमाने में बच्चे अपने माता-पिता के प्रति अपना कर्तव्य नहीं निभा रहे हैं, यही कारण है कि ऐसे कानून बनाना पड़ रहे हैं कि वह अपने कर्तव्यों का पालन करें। जब अपने कर्तव्यों को करवाने के लिए कानून बनाना पड़े तो समझ जाइए कि हमारा राष्ट्रीय चरित्र क्या हो गया है। प्रकृति के विरुद्ध हम कुछ करेंगे तो आपदा आती है। पर्यावरण का संरक्षण हम सभी को मिलकर करना होगा। आज प्लास्टिक और प्रदूषण मानव के लिए सबसे बड़ा खतरा है। हमारे प्रधानमंत्री सिंगल यूज प्लास्टिक नहीं उपयोग करने को बढ़ावा दे रहे हैं।सही व्यवस्था के लिए सत्ता में पारदर्शिता जरूरी: अरुणा रॉय
प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता व मजदूर किसान शक्ति संगठन की संस्थापक अरुणा रॉय ने कहा कि यदि समाज में व्यवस्था बिगड़ रही है तो उसमें हम भी भागी हैं। क्योंकि जब हम अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक नहीं होंगे तो व्यवस्था बिगड़ती है। सही व्यवस्था के लिए सत्ता में पारदर्शिता जरूरी है। उन्होंने सभी से आह्नान किया कि अपने अधिकारों के लिए लड़े। भारत में सत्यमेव जयते का नारा दिया जाता है। हमें सत्य को जीतने के लिए आधार बनाने होंगे।
इस दौरान उन्होंने अपने साथ आईं सुशीला नामक महिला से परिचय कराते हुए कहा कि सुशीला मात्र चौथी कक्षा तक पढ़ीं है और उन्होंने आरटीआई लागू करवाने सहित अन्य कानूनों का खाका तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैं आज भी उनसे सीखती हूं। बता दें कि रॉय की भारत में आरटीआई लागू करवाने में मुख्य भूमिका रही है। साथ ही 2005 में नोबल पीस प्राइज, रमन मैग्सेसे पुरस्कार और भगत सिंह पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। आप राजस्थान के पिछड़े गांवों में मजदूरों के हक व अधिकारों के लिए वर्ष 1987 से संघर्ष कर रही हैं। आज भी आपका जीवन चंदे के पैसे से चलता है और झोपड़ी में रहती हैं। ब्रह्माकुमारीज समाज को सुधारने और सामाजिक बदलाव में महत्वपूर्ण कार्य कर रही है।

लोगों से प्रेम करना होगा: पद्मश्री डॉ. रानी बंग
सर्च संगठन की संस्थापक पद्मश्री डॉ. रानी बंग ने कहा कि नशे की लत में जकड़े समाज को आध्यात्मिकता की शरण में लाने का चुनौती भरा कठिन कार्य है। नक्सल प्रभावित महाराष्ट्र के गढ़चिरौली क्षेत्र में ब्रह्माकुमारी संस्था के साथ मिलकर नशामुक्ति, स्वास्थ्य, तंदरुस्ती से लेकर लोगों के चरित्र निर्माण का कार्य किया जा रहा है। आध्यात्मिकता से जीवन में अनेक प्रकार के संकटों का सामना करने की शक्ति मिलती है। आज दुनिया मे एक बटन दबाते ही हमारी कनेक्टिविटी हो जाती है, लेकिन पड़ोसी डिस्कनेक्ट हैं। ब्रह्माकुमारीज समाज के सभी वर्गों को जीवन जीने का मार्ग दिखा रही है। हम ब्रह्माकुमारीज संस्था के सहयोगी बनकर एकता, शान्ति व समृद्धि के लिए कार्य करते रहेंगे। लोगों से प्यार करो, उनसे सीखो तो आगे बढऩे की प्रेरणा मिलती है। आदिवासी गांवों में हिंसा नहीं होती, बलात्कार नहीं होते जबकि पढ़े-लिखे समाज में हिंसा और बलात्कार बढ़ रहे हैं इस पर गंभीर चिंतन की जरूरत है।
मध्यप्रदेश सरकार के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव फांसे ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज स्वर्णिम भारत की परिकल्पना को साकार कर रहा है। संस्था समाज में सकारात्मक क्रांतिकारी परिवर्तन का कार्य कर रही है। प्रकृति का संतुलन बिगड़ता जा रहा है। जल, पर्यावरण, ऊर्जा संरक्षण को लेकर बहुत गम्भीर होने की जरूरत है। इसके लिए ब्रह्माकुमारी संस्था के कार्य समाज के सामने खुली किताब की तरह हैं। सर्व के सहयोग से ही प्रकृति के संतुलन को सही दिशा में लाया जा सकता है। उन्होंने आह्नान किया कि सभी जल बचाने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करें।

इन्होंने भी रखे अपने विचार…
उत्तर प्रदेश के भोजपुर विधायक नागेंद्र सिंह राठौर, ओडिशा कटक अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महेंद्र प्रताप, रशिया के अल्बर्ट असादुलीन, श्रीरामलिंगा मिल प्रबंध निदेशक सुश्री कोठाई दिनाकरन, ब्रह्माकुमारी संस्था के चिकित्सा सेवा प्रभाग सचिव बीके बनारसी साह, विज्ञान व तकनीकी प्रभाग के मुख्यालय संयोजक बीके भरत ने भी अपने विचार रखे। मंच संचालक वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षिका बीके चंद्रकला बहन ने किया।

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