Brahma Kumaris ‘Message of Peace’ to Inmates of Indore Central Jail

Indore ( Madhya Pradesh ): The All India Social Campaign of Rajayoga Education and Research Foundation of Brahma Kumaris reached Indore during the course of its journey from Jammu to Mumbai.

Delivering message of happy life and healthy society to the inmates of the Central Jail Bk Sabita from Mumbai told that humanity, brotherhood, love are the qualities in man which make him worthy of worship. On the contrary, evils like enemity, vengence and anger has turned man into a devil. Now its time to change the thought to become a civilised being. We toppled the world down by our evil actions ,now its time to elevate the world  by our positive actions.      Superintendent of the central  jail Solanki told that  the regular practice of Rajayoga has helped to change the thought among inmates/convicts. Regular Rajayoga classes in several district Jails has helped hardcore convicts join the mainstream of the society.

 BK Narayan, National  executive member of religious wing of Brahma Kumaris told that we experience restlessness growing in the present world because of sorrow, peacelessness, stress and diseases. No one is happy. Sin, Profligation, oppression, addiction and drug abuse indicate the call of time to change.               If we don’t act according to the need of time we are bound to be annihilated.If we spend time sensitively we will certainly achieve bounties/riches in life.
News in Hindi:
कारागृह  सुधार गृह व जीवन निर्माण की फैक्ट्री है  ।
इंदौर : इंसान की विकृत सोच व मानसिकता ही सभी सामाजिक समस्याओं का प्रमुख कारण है। मानव के नजरिए में बदलाव लाकर ही सभी सामाजिक अपराधों व समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। आज समाज के अंदर कपड़ा दान करना, धनदान करना ,वस्तु ,अनाज दान करना यह तो हम करते आ रहे हैं, इससे समाज उन्नत दिशा की ओर नहीं जा रहा है, इसके साथ-साथ अगर हम नजरिए में बदलाव  लाए तो आज का यह वर्तमान समाज श्रेष्ठ समाज बन सकता है। आप सभी जो जेल में है आप सभी को क्या नहीं मिल रहा है ।परिवार ।एक एक व्यक्ति अगर समाज के प्रति अच्छा सोचेगा तो हमारा समाज एक दिन अच्छा बन जाएगा ।वर्तमान में जहां आप रह रहे हैं वही आपका समाज है।आप सभी कैदियों के प्रति अच्छा सोचे, परिवार की भावना से रहे तो आपको वही भासना ,एहसास यहां पर भी मिलने लगेगा जो पहले परिवार में मिलता था ।इसके लिए शुरुआत खुशी से करें कि आप हर एक को प्रतिदिन किसी भी कैदी से वार्तालाप में खुशी के साथ करेंगे तो आप दिन प्रतिदिन अपनी पुरानी बातें जो आपको परेशान कर रही है वह दिमाग से निकल जाएगी ।आप यहां रहते भी यह जीवन सुंदर लगने लगेगा। जेल आप को जेल नहीं सुधार गृह , जीवन निर्माण की फैक्ट्री है यह अनुभव होने लगेगा ।यह विचार ब्रह्मा कुमारी प्रियंका बहन ने समाज सेवा प्रभाग द्वारा  28 अप्रैल से 16 जून 2019 तक जम्मू से मुंबई तक  सुखी जीवन स्वस्थ समाज सेवा अभियान तहत स्थानीय केंद्रीय जेल में कैदियों को संबोधित करते हुए बताया।  मुंबई से पधारी सविता बहन ने बताया कि इंसानियत ,भाईचारा ,प्रेम भाव के कारण इंसान के देवता के रूप में पूजा हो रही है वहीं दूसरी ओर इंसान चारदीवारी में बंद हो गया है ।परिवार से समाज से दूर हो गया ।कारण जीवन में बुराइयां, वेर विरोध, बदले की भावना, क्रोध ने स्थान ले लिया जिसके कारण मानव दानव बन गया है ।अब समय है, अपने विचारों में परिवर्तन लाकर श्रेष्ठ मानव आत्मा बनने का ।हमने अपने कर्मों से विश्व को गिराया है अब हमें अपने कर्मों से विश्व को श्रेष्ठ बनाना है। इसके लिए कानून  ,पुलिस का डर ही अपराध मुक्त समाज ,अन्याय मुक्त समाज का निर्माण नहीं कर सकता। इसके लिए लोगों को आध्यात्मिकता व जीवन मूल्यों से जोड़ना होगा। केंद्रीय जेल के सुप्री टेंट सोलंकी जी ने बताया कि राजयोग के नित्य अभ्यास से कैदियों के विचारों में परिवर्तन आता है। कई जिला जेल में चल रहे राजयोग के  अभ्यास  से खूंखार कैदी भी अब समाज की मुख्यधारा से जुड़ गए हैं। बेमिसाल   परिवर्तन जीवन में देखने को मिलता है। कैदीयो को अपनी गलतियों का एकांत में बैठ महसूस करने भूतकाल में हुई गलतियों को वापस दोबारा रिपीट नहीं करने से, मन निर्मल, शक्तिशाली होता है। आध्यात्मिकता मानव जीवन को श्रेष्ठ नई दिशा देती है इसके वैज्ञानिक परिणाम जीवन में देखने को मिलते हैं ।धार्मिक प्रभाग के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य ब्रह्मा कुमार नारायण भाई ने बताया कि आज हम संसार की हालत चारों ओर रोज देखते कि कितना दुख, अशांति ,तनाव ,बीमारियां बढ़ती जा रही है ।सभी दुखी है ।कोई सुखी नहीं ।पापा चार ,दुराचार ,अत्याचार व्यसन, नशाखोरी बढ़ता जा रहा है। यह सब इशारा दे रहा है समय परिवर्तन का ।किसने कहा कि ऐसी कोई घड़ी नहीं जो गुजरे घंटे को फिर से बजा दे। यदि आप समय के साथ साथ नहीं चलते हैं, समय की पुकार नहीं सुनते तो समय आपको बाहर फेंक देगा ।समय इंसान की सबसे बड़ी संपदा है। यदि वह विवेकपूर्ण खर्च करें तो अवश्य जीवन में बहुमूल्य संपदा को प्राप्त कर सकता है।

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