Brahma Kumaris Latur celebrated Shiv Jayanti with great pomp

Latur ( Maharashtra ) : 87th Shiv Jayanti was celebrated with great pomp by Brahma Kumaris, Shivaji Nagar, Latur.Chief guest of the program:Israr Jabbar Sagre -Chairman Latur Multi State Co-operative Credit Society, Latur, Ganesh Sandipan Shinde, Director of Stark Academy, Srishti Sudhir Jagtap (Asia Book of World Records holder), Dharne Basavraj (Principal Bidve Engineering College, Latur), Prashant Patne (Director, Venkatesh School and College, Latur), BK Nanda, Director Brahma Kumari’s center Latur, BK Punya, BK Divya, BK Preeti, BK Varsha, BK Mahananda were present.

Speaking on the occasion of 87th Trimurti Shiv Jayanti Festival, Israr Jabbar Sagre, Chairman of Latur Multi State Credit Society, speaking as the chief guest, said that India is a culture dominated country. We should celebrate festivals and anniversaries.

Shree Ganesh Sandipan Shinde guiding the students said that all the students have come to Latur to become doctors, engineers but to score good marks in the exam they need both peace of mind and sharp intellect which is achieved through Rajyoga meditation.

In the program, the God Shiva flag was hoisted by the dignitaries and coconut was offered in front of the Shivling made of Rudraksha.

A play on de-addiction composed by Brahma Kumaris was presented for the youth, in which there was an appeal to learn Rajyoga meditation being taught by Lord Shiva to get rid of addictions and vices.

BK Divya conducted mass meditation for everyone.Those who participated in the program were awarded with participation certificates and mementos. In the end all the guests were given gifts.

News in Hindi:

आत्मवाद से ही आतंकवाद ख़त्म होगा:-  इसरार जब्बार सगरे ब्रह्मा कुमारीज पाठशाला, शिवाजी नगर, लातूर द्वारा 87 वीं त्रिमूर्ति शिव जयंती को महोत्सव के रूप में बड़े ही धुम धाम से मनाया गया। इस महोत्सव में सैकड़ों युवाओं ने हिस्सा लिया, महोत्सव में शिव के गीत, डांस, ड्रामा, शिवसंदेश, पार्टिसिपेशन सर्टिफिकेट और मोमेंटो, सौगात दे दी गई और ब्रह्मा भोजन दिया गया।कार्यक्रम के लिए—मुख्य वक्ता के रूप में राजयोगिनी ब्रह्मा कुमारी नंदा दीदी-संचालिका ब्रह्मा कुमारी सेवा केंद्र लातूर,राजयोगिनी ब्रह्मा कुमारी पुण्या दीदी-सहसंचालिका ब्रह्मा कुमारी सेवा केंद्र लातूर,राजयोगिनी ब्रह्मा कुमारी दिव्या दीदी – संचालिका ब्रह्मा कुमारी सेवा केंद्र,सूरतब्रह्मा कुमारी प्रीती-संचालिका ब्रह्मा कुमारी सेवा केंद्र मुरुड,ब्रह्मा कुमारी वर्षा-संचालिका ब्रह्मा कुमारी सेवाकेंद्र मोती नगर,लातूरब्रह्मा कुमारी महानंदा-संचालिका ब्रह्मा कुमारी सेवाकेंद्र उजनीब्रह्मा कुमारी प्रयाग-संचालिका ब्रह्मा कुमारीज पाठशाला, शिवाजी नगर, लातूर,मुख्य अतिथि के रूप में उपस्तित थे  श्री इसरार जब्बार सगरे -चेयरमैन लातूर मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी, लातूरश्री श्रीगणेश संदीपान शिंदे, स्टार्क अकादमी के डायरेक्टर,विशेष अतिथि कु. सृष्टि सुधीर जगताप ( एशिया बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स धारक)तथा श्री धरने बसवराज ( प्राचार्य बिड़वे इंजिनिअरींग कॉलेज ,लातूर )

श्री प्रशांत पटने ( संचालक, श्री व्यंकटेश विद्यालय और महाविद्यालय, लातूर) और कार्यक्रम के लिए शिवाजी नगर के गणमान्य उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत गणमननीय के तिलक पुष्प द्वारा की गई। ब्रह्मा कुमारी कीर्ति ने, भो शम्भो… गीत से सबका मन मोह लिया। तो मान्यवरों का स्वागत  ब्रह्मा कुमारी कंचन ने शब्द-सुमनों से किया। तो पुष्प और तिलक से ब्रहमाकुमारीज पाठशाला की संचालिका ब्रह्मा कुमारी प्रयाग ने स्वागत किया।

ब्रह्मा कुमारीज विद्यालय का परिचय देते हुए ब्रह्मा कुमारी प्रयाग ने कहा वह भगवान इस धरती पर अवतरित हो चूका है , और पिछले 87(सत्तासी सालों से इस कब्र से निकाल जन्नत में, हेवन में, स्वर्ग में, ले जाने का कार्य कर रहे है। इस पर्व की यादगार आज हम 87 (सत्तासीवीं त्रिमूर्ति शिव जयंती मना रहे है। और यह कार्य ब्रह्मा कुमारीज के 20 (बिस) विंग्स द्वारा पुरे विश्व में चल रहा है अब परमात्मा आ चुके  है तो इस दुनिया से दुखों का विनाश होना है , दुनिया का विनाश कभी भी नहीं होगा लेकिन दुखों का विनाश होना ही है और स्वर्ग आना ही है।….कार्यक्रम की विशेष अतिथि विश्व विख्याता कु.सृष्टि सुधीर जगताप ने शिव अनादि है… गीत पर सबका स्वागत किया ।

कार्यक्रम में  मान्यवरों के हस्तकमल से शिवध्वजारोहण किया गया तथा शिव परमात्मा की रुद्राक्ष से बनी शिवलिंग के सामने नारियल का अर्पण किया गया और विश्व कल्याण अर्थ शांति के संकल्प फ़ैलाने हेतु, शांति के संकल्प करते हुए दीपप्रज्जवलन किया गया।

महोत्सव की शुरुआत भो शंभो… इस आध्यात्मिक गीत को ब्रह्मा कुमारी कीर्ति वाघन्ना ने   गाया और अपनी सुरीली आवाज से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। तो शिव अनादि है .. नृत्य के माध्यम से कु. सृष्टि सुधीर जगताप ने सबका स्वागत किया।

कार्यक्रम में शिव संदेश राजयोगिनी ब्रह्मा कुमारी नंदा दीदी ने दिया। इस महोत्सव को सम्बोधित करते हुए राजयोगिनी ब्रह्मा कुमारी नंदा दीदी ने कहा की, महाशिवरात्रि माना विश्व कल्याण दिवस और विश्व कल्याण के लिए युवाओं का बड़ा योगदान होता है और जब युवा जगेगा तो भारत को, दैवी भारत में परिवर्तन होने में समय नहीं लगेगा। आगे उन्होंने कहा स्वामी विवेकानंद कहते थे, मुझे सिर्फ सौ युवक दे दो मैं भारत को स्वर्ग बनाऊंगा और हम अभी प्रैक्टिकल में देख रहे है ब्रह्मा कुमारी विद्यालय में अनेक युवक अपने तन-मन-धन और पवित्रता की पालना से भारत को स्वर्ग बनाने का कार्य कर रहे है।  और इस स्वर्ग बनाने के कार्य के प्रेरक है सर्वशक्तिवान परम पिता परमात्मा शिव। सर्वशक्तिवान परमात्मा ईश्वरीय शक्ति हमको देकर राजयोग के माध्यम से जीवन को पवित्र बनाने की विधि शिखा रहे है। इस राजयोग का स्वीकार कर अपने जीवन को सुखमय बनाने का आवाहन उपस्थित सैकड़ों युवकों को किया।

87वें त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्सव के अवसर पर बोलते हुए लातूर मल्टी स्टेट क्रेडिट सोसाइटी के चेयरमैन इसरार जब्बार  सगरे सर ने बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए कहा कि, भारत संस्कृति प्रधान देश है।  हमें त्योहार और जयंती मनानी चाहिए।  इसलिए हमारी संस्कृति बची हुई है। इसके अलावा, आप कितना भी सोचते हैं कि विज्ञान भाग्यविधाता है, हम सर्वोच्च भगवान ईश्वर, अल्लाह को कभी नहीं छोड़ते हैं।  आज ब्रह्मा कुमारी पाठशाला में 87वें त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्सव में मुझे आमंत्रित किया गया और मैं धन्य हो गया।  मैंने अपना राजयोग कोर्स किया और मुझे एहसास हुआ कि हम सभी मानव,  आत्माएं या रूह  हैं और सभी मानव आत्माओं का  परमपिता परमात्मा “शिव” हैं, हम उन्हें अपने बनाए नाम से भगवान, ईश्वर, गॉड, अल्लाह, परमात्मा कहते हैं और भगवान एक ही है और वह हमारा  पिता होने के कारन हम सभी आत्माएं आपस में भाई-भाई हैं। अगर हम आपस में भाई-भाई है तो झगड़ा किस बात का ? इस आत्मवाद से ही आतंकवाद ख़त्म होगा। जब आप इस रहस्य को समझेंगे तभी आप वास्तव में वसुधैव कुटुम्कम अमल में लाएंगे। और यह कार्य ब्रह्मा कुमारीज विश्व भर में कर रही है, उनके इस कार्य को मेरी शुभकामनायें !

गणेश संदीपन शिंदे सर ने छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि सभी छात्र डॉक्टर इंजीनियर बनने लातूर आए हैं, लेकिन परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए उन्हें मन की शांति और तेज बुद्धि दोनों की आवश्यकता होती है, जो राजयोग ध्यान के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है

ब्रह्मा कुमारीज द्वारा युवाओं के लिए रचा हुवा व्यसनंमुक्ति का नाटक प्रस्तुत किया गया जिसमें व्यसनों से होने वाले विपरीत परिणाम और व्यसनमुक्ति के लिए परमात्मा शिव द्वारा शिखाया जा रहा राजयोग मैडिटेशन सीखने का आवाहन किया गया। सभी के लिए राजयोगिनी ब्रह्मा कुमारी दिव्या दीदी – संचालिका ब्रह्मा कुमारी सेवा केंद्र,सूरत मास मैडिटेशन भी कराया ।

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