Abu Road ( Rajasthan): The Chief Minister of Haryana, Manohar Lal Khattar, visited Brahma Kumaris Headquarters to participate in the National Conference “Spiritual Empowerment for Social Transformation” at Diamond Hall in Shantivan. The CM addressed this conference and also donated 21 lakh rupees for the PM park on the Brahma Kumaris premises.
Manohar Lal Khattar, Honorable CM of Haryana, while speaking on this occasion said that we cannot enjoy material prosperity without spiritual empowerment. We need to pay attention to developing divine qualities in men and raising their spiritual quotient. We should work on eliminating drug addiction, stress and other negative tendencies from our society. The Brahma Kumaris is relentlessly doing this work.
The CM further said that all saints are unanimous in their view on how to make this society beautiful, only their language and method can vary. Haryana Government had made a policy to convey this vision of the saints to the people. All through our history, great personalities have tried to promote divine qualities in people. When these qualities outnumber the negative ones, Golden Age will come.
Brahma Kumaris are working with the single aim of increasing Divine qualities in men through spirituality. Only this can make a happy society.
Sanjay Bhatia, Member of Parliament, Lok Sabha from Karnal, said that the Brahma Kumaris opened its first center in Panipat in 1983. Today, there are 55 such centers. The Brahma Kumaris sisters have left their families and are serving the society in mission mode.
Rajyogini BK Santosh, Joint Chief of Brahma Kumaris, said that purity is the biggest power in spirituality.
BK Mruthyunjaya, Executive Secretary of Brahma Kumaris, said that Haryana gave the knowledge of Bhagavad Gita to the whole world.
BK Brij Mohan, Additional Secretary General of Brahma Kumaris, said that Haryana is famous for sports. The government has played an important role in encouraging it.
BK Bharat Bhushan, Director of Brahma Kumaris in Panipat, gave the welcome speech. BK Shivani, Senior Rajyoga Teacher from Panipat, coordinated this program. BK Mehar Chand gave the Vote of Thanks .
Dadi Ratanmohini, Chief of Brahma Kumaris, felicitated the CM with a shawl and Godly momento. The dignitary inquired about the health and well being of Dadi and sought her blessings.
The CM visited the memorial of Dadi Hridayamohini, Former Chief of Brahma Kumaris, called Avyakt Lok, and offered his tribute to her. He appreciated the services being done by Brahma Kumaris.
News in Hindi:
हमें भौतिक विकास का सुख चाहिए तो आध्यात्मिक विकास भी करना होगा: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर
– हरियाणा के मुख्यमंत्री पहुंचे ब्रह्माकुमारीज शांतिवन, आध्यात्मिक सशक्तिकरण से सामाजिक परिवर्तन विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन में लिया भाग
– सम्मेलन में पंजाब, हरियाणा सहित देश के अन्य हिस्सों से आए पांच हजार से अधिक लोगों ने लिया भाग
– पीएम पार्क के लिए 21 लाख रुपये दान करने की घोषणा की
2 जनवरी, आबू रोड (निप्र)। सिर्फ भौतिक विकास को हम विकास नहीं कहेंगे। इसके साथ-साथ हमें मनुष्य के मानसिक, सामाजिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक विकास पर जोर देना होगा। हमें भौतिक विकास का सुख चाहिए तो आध्यात्मिक विकास जरूरी है। मनुष्य में संस्कार निर्माण कैसे हो, आध्यात्मिक स्तर कैसे ऊंचा उठाया जाए इस पर ध्यान देना होगा। जो समाज में नशाखोरी, गलत आदतें, तनाव जैसी व्याधियां हैं उसे कैसे समाप्त किया जाए इस पर हमें आगे आकर कार्य करना होगा। इस कार्य में ब्रह्माकुमारीज लगी हुई है। उक्त उद्गार हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने व्यक्त किए। मौका था ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन के डायमंड हॉल में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन का। इस दौरान उन्होंने संस्थान के पीएम पार्क के लिए 21 लाख रुपये दान देने की भी घोषणा की।
आध्यात्मिक सशक्तिकरण से सामाजिक परिवर्तन विषय पर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सभी संत-महात्माओं के एक ही विचार होते हैं कि समाज को सुंदर कैसे बनाया जाए। उनकी भाषा, तरीका अलग-अलग हो सकता है। संत-महात्माओं के विचारों को समाज तक पहुंचाने के लिए हरियाणा सरकार ने योजना बनाई है। इसके तहत सरकारी स्तर पर उनकी जयंतियां मनाते हैं। अच्छे कार्य करने में हमें तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। लेकिन कभी कभी अपने में निराशा नहीं लगने दें। हमेशा आशावादी बनकर आगे बढऩा है। माना कि अंधेरा घना है पर दीप जलाना कहां मना है। इस नाते से हम एक-एक दीप जलाते जाएं और आगे बढ़ते जाएं।
प्रधानमंत्री ने 2023 को मिलिट इयर घोषित करने यूएनओ में रखा प्रस्ताव-
मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यूएनओ में भारत की ओर से प्रस्ताव रखा है कि वर्ष 2023 को मिलिट इयर (मोटा अनाज) मनाया जाए। ताकि मोटे अनाज को लोग खाने में ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें। हमने गेहूं और धान का उत्पादन तो बढ़ा लिया लेकिन शरीर में कई व्याधियां आ गईं हैं। हम पुराने परंपरागत तरीके को सोचें तो हमारा शरीर स्वस्थ रहेगा। हरियाणा आईएएस एसोसिएशन ने एक संकल्प लिया कि नववर्ष पर 1 जनवरी को हम अल्पाहार मोटा अनाज के रूप में शुरुआत करेंगे। प्रधानमंत्रीजी के आह्नान के कारण आज योग को दुनिया मान रही है और हम 21 जून को योग दिवस के रूप में मना रहे हैं।
स्वर्ग और नर्क दोनों यहीं हैं-
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कभी इस सृष्टि की कल्पना की होगी और मनुष्य ने होश संभाला होगा तो समाज में अच्छाई-बुराई दोनों साथ-साथ रहीं होंगी। दैवी शक्तियां, आसुरी शक्तियां दोनों चलीं होंगी और आज में चल रहीं हैं, आगे भी चलेंगी। लेकिन प्रबुद्धजन, महापुरुषों ने दैवी शक्तियों आगे बढ़ाने की भूमिका निभाई है। श्रेष्ठ विचार को आगे बढ़ाने का प्रयत्न रहा है। जब दैवी शक्तियों की रेखा लंबी हो गई तो समाज के अंदर एक सुख का अनुभव करने लगे तो लोगों ने उसे स्वर्ग का नाम दे दिया। जब कभी आसुरी शक्तियां अपनी रेखा लंबी कर लेती हैं तो समाज में पीड़ा, दु:ख पनपने लगता है उसे नर्क का नाम दे दिया। स्वर्ग और नर्क दोनों यहीं हैं। अंतर बस इतना है कि किस समय कौन सी शक्तियां प्रभावी हैं, कौन सी रेखा लंबी है।
ब्रह्माकुमारीज आध्यात्म की रेखा को लंबा कर रही-
उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान एक लक्ष्य को लेकर आध्यात्मिकता के माध्यम से इस रेखा को लंबा कर रहे हैं। यही वास्तव में हमें आगे चलकर के इसका प्रभाव बढ़ेगा तो समाज सुखी होगा। फिर से हम जिस स्वर्ग की कल्पना कर रहे हैं वह आने वाला है। इतिहास में समय-समय पर बहुत से महापुरुष हुए हैं। बहुत से महापुरुषों के बाद उनके विचार को बहुत से संगठन भी उसे आगे बढ़ा रहे हैं। वर्ष 1937 में दादा लेखराज ने इस संगठन की शुरुआत की। वर्ष 1925 में आरएसएस की भी स्थापना हुई। संगठनों का भी मूल उद्देश्य यही था कि मनुष्य का चरित्र और आध्यात्मिक निर्माण कैसे हो, समाज कैसे सुखी बने।
गीता का एक श्लोक पढ़कर मैंने अपना जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया-
मुख्यमंत्री खट्टर ने अपने जीवन का अनुभव सुनाते हुए कहा कि कहीं से मुझे गीता के एक श्लोक कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन अर्थात् कर्म करते चलो, फल की इच्छा मत करो पढऩे को मिल गया। वर्ष 1977 में 45 साल पहले इस एक पंक्ति को पकड़कर मैंने अपना जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया। मैंने हरियाणा के पौने तीन करोड़ जनता को अपना परिवार माना है। हमने आध्यात्मिकता के आधार पर कहा है कि वसुधैव कुटुम्बकम्। लेकिन मैंने कर्म के नाते पूरे हरियाणा को अपना परिवार माना है। हम समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं। संस्कार केवल शिक्षा से नहीं आएगा। इसके लिए हमें अलग से पाठ्यक्रम शुरू करना होगा। हरियाणा सरकार ने शिक्षा में गीता के उपदेशों और जीवन जीने की कला की बातों को शामिल किया है, जिसे आज देश ही नहीं दुनिया भी स्वीकार कर रही है। अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती के कार्यक्रमों को सरकार की ओर से प्रत्येक जिला स्तर पर आयोजित कराए गए हैं। चिंता इस बात कि करें कि जो जरूरतमंद लोग हैं, गरीब लोग हैं उनके विचार बदलने के लिए प्रयास करें। लोग आनंद के लिए बुराई का रास्ता अपनाते हैं लेकिन उन्हें बताएं कि आनंद बुराई में नहीं है।
मिशन के रूप में कर रहे कार्य: सांसद
हरियाणा करनाल के सांसद संजय भाटिया ने कहा कि पानीपत में वर्ष 1983 में पहली बार ब्रह्माकुमारीज का पहला सेंटर खुला। आज वहां से 55 सेंटर खुल चुके हैं। आज ब्रह्माकुमार भाई-बहनें आनंद को छोड़कर, परिवार को छोड़कर मिशन के रूप में समाजसेवा में लगे हुए हैं। संस्थान की संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके संतोष दीदी ने कहा कि आध्यात्मिकता में प्योरिटी की ताकत सबसे बड़ी ताकत है। संस्थान के कार्यकारी सचिव डॉ. बीके मृत्युंजय ने कहा कि हरियाणा पूरे विश्व को गीता का ज्ञान देने के निमित्त बना और गीता को विश्व व्यापक बनाया। इस दौरान संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन ने कहा कि हरियाणा खेल के लिए प्रसिद्ध है। इसे प्रोत्साहित करने के लिए सरकार का बहुत योगदान है। पानीपत के डायरेक्टर बीके भारत भूषण भाई ने स्वागत भाषण दिया। संचालन पानीपत से पधारीं वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके शिवानी बहन ने किया। आभार बीके मेहरचंद भाई ने किया।
दादी ने किया मुख्यमंत्री का सम्मान-
कार्यक्रम के पश्चात संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने मुख्यमंत्री का शॉल और परमात्मा का स्मृति चिंह्न भेंटकर सम्मान किया। इस दौरान सीएम ने दादी की कुशलक्षेम पूछी और आशीर्वाद लिया। इसके पश्चात वह संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी हृदयमोहिनी की स्मृति में बने अव्यक्त लोक में पहुंचे, जहां अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस दौरान उन्होंने संस्थान द्वारा किए जा रहे सेवा कार्यों की सराहना भी की। पीआरओ बीके कोमल ने मुख्यमंत्री को संस्थान की सेवा रिपोर्ट सेवांजली भेंट करते हुए सामाजिक सेवाओं की जानकारी दी।
सुरक्षा-व्यवस्था के रहे पुख्ता इंतजाम-
मुख्यमंत्री खट्टर की सुरक्षा-व्यवस्था बहुत ही पुख्ता रही। शांतिवन में जगह-जगह पुलिसकर्मी, अधिकारी और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तैनात रहे। हर गतिविधि पर सुरक्षाकर्मियों की नजर रही। हवाई पट्टी पर कलेक्टर और एसपी ने मुख्यमंत्री की अगवानी की। कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री ने संस्थान के वरिष्ठ पधाधिकारियों से मुलाकात कर माउंट आबू दर्शन के लिए निकल गए।