Brahma Kumaris are Taking Humanity on The Path of Peace and Love: Union AYUSH Minister

New Delhi: More than 3,000 people attended the inauguration of grand Mahashivaratri celebrations and twenty National Youth Upliftment campaign programs organized by Brahma Kumaris of Delhi at Nehru Indoor Weightlifting Auditorium.

Sarbananda Sonowal, Cabinet Minister of AYUSH, Government of India, was the Chief Guest on this occasion.  He inaugurated the program with a candle-lighting ceremony.  While speaking on this occasion,  the Minister said that he has achieved success in public life due to the blessings of his mother. He had always followed the values given by her. Nature is also our mother. We must act keeping in mind the welfare of the entire society always.

He further said that Brahma Kumaris Organization is doing the supreme work of taking humanity on the path of peace and love. It has integrated people not just in Bharat but all over the world. It is very important to keep human emotions alive in this era of scientific innovation and competition.

The dignitary said that the Brahma Kumaris are giving the real message of Mahashivaratri by erasing the negative tendencies like hate, cunning,  jealousy and ego from the minds of the people. Peace can come only through positive thinking and good values.

Dr. Roger Gopal, High Commissioner,  said that on this occasion of Mahashivaratri,  let’s give vibrations of peace by filing ourselves with Divine qualities.  We need to have the knowledge about our real nature of being. If we connect with God, all His Divine qualities start reflecting in us.

BK Brij Mohan,  Additional Secretary General of Brahma Kumaris,  said that Bharat is the only place where feminine is considered Divine.  We need to make Bharat great again and let the Divine feminine regain its position.

BK Geeta said that the Supreme Soul is our biggest benefactor.  There can be no real peace and power without knowing the nature of God.

BK Shivani, Internationally renowned Motivational Speaker, inspired the youth to adopt spiritual education and Rajyoga Meditation in their lives.

BK Chakradhari said that all the pain in this world is due to ignorance about the real nature of God.

BK Reena, BK Ashwini, and BK Gaurav sang beautiful songs dedicated to the Supreme Soul.  BK Varnika, BK Prachi, BK Sunaina and others gave wonderful dance performances.

There was a panel discussion and flag-hoisting ceremony as well. Twenty national youth campaigns on health, sports, and welfare were also inaugurated.

BK Sapna and BK Shrinidhi coordinated this program.

News in Hindi:

प्रकृति के बगैर प्राणी का नहीं है अस्तित्व – सर्बानन्द सोनोवाल

– महाशिवरात्रि महोत्सव कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन

– इस अवसर पर वाई 20 युवा स्वास्थ्य, खेल एवं कल्याण अभियान का हुआ राष्ट्रीय शुभारम्भ

नई दिल्ली, 11 फरवरी : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा एक दिवसीय महाशिवरात्री महोत्सव एवं राष्ट्रीय युवा उत्थान कार्यक्रमों का आज भव्य आयोजन हुआ।

“आज जो भी सामाजिक दायित्व मुझे मिले हैं, ये सब मां का ही आशीर्वाद है। मां के द्वारा जो भी शिक्षा दी गई, आज तक भी मैं उन शिक्षाओं पर ही खड़ा हूं। प्रकृति भी हमारी मां है। प्रकृति के बगैर प्राणी का महत्व नहीं हो सकता। सिर्फ हमारा जीवन ही सुखी न हो। बल्कि मानव समाज के कल्याण के लिए समर्पित भाव से कार्य करना भी जरूरी है।”

उक्त विचार केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने  दिल्ली, जवाहर लाल नेहरू इंडोर वेटलिफ्टिंग ऑडिटोरियम में ब्रह्माकुमारीज संस्था द्वारा आयोजित महाशिवरात्रि महोत्सव को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। माननीय मंत्री जी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।

विज्ञान के साथ-साथ मानवीय भावनाओं को जिंदा रखना जरूरी –

माननीय मंत्री जी ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्था मानव समाज को शांति और प्रेम के मार्ग पर ले जाने का श्रेष्ठ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि संस्था ने केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व के सम्पूर्ण मानव समाज को भी जोड़ा है। आयुष मंत्री होने के नाते मुझे प्रकृति से बहुत लगाव है। प्रकृति को नुकसान पहुंचाकर के हम सुखमय जीवन नहीं जी सकते। आज मानव ने कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए विज्ञान का काफी विस्तार किया है। प्रतिस्पर्धा के दौर में विज्ञान भी जरूरी है। लेकिन इन सबके बीच जरूरी हैं, मानवीय भावनाओं का जिंदा रहना।

घृणा, छल, कपट और अहम के विष को मन से मिटाकर ब्रह्माकुमारीज दे रही है शिवरात्रि का संदेश –

माननीय मंत्री जी ने कहा कि मात-पिता, समाज, देश और दुनिया के लिए सद्भावनाएं जरूरी हैं। इन सब बातों का ज्ञान नई पीढ़ी के लिए आवश्यक है। ब्रह्माकुमारीज संस्था घृणा, छल, कपट, नफरत और अहम के विष को मानव मात्र के अंदर से निकाल कर सच्ची शिवरात्रि का संदेश दे रही है। शांति केवल सकारात्मक सोच और श्रेष्ठ संस्कारों के द्वारा ही आ सकती है। श्रद्धा और परमात्म योग वा ध्यान के बिना सच्ची शक्ति व शांति नहीं मिलसकती है। सच्ची भगवत प्रेम और निस्वार्थ भावना से ही हम समाज की सर्वांगीण सेवा व विकास कर सकते हैं।

गुणों की श्रेष्ठ धारणा से ही निराशा के भावों का अंत-

त्रिनिदाद और टोबैगो के उच्चायुक्त डाॅ. रोजर गोपाल ने कहा कि वर्तमान समय दुनिया संकट के दौर से गुजर रही है। महाशिवरात्रि के इस अवसर पर हम सभी स्वयं को परमात्म गुणों से सम्पन्न कर शांति और प्रेम के प्रकंपन्न फैलाएं। ताकि कभी भी हमारे अंदर निराशा के भाव उत्पन्न न हों। जीवन में धैर्य, दया और करुणा जैसे गुणों से ही श्रेष्ठ जीवन का निर्माण होता है। स्वयं के वास्तविक स्वरूप का ज्ञान होना जरूरी है।

राजदूत रॉजर गोपाल ने कहा कि जब शिव जो सुख, शांति, प्रेम, करुणा व आनंद का सागर है। उनसे जब हम खुद को जोड़ते है, तो ये गुण हमारे अंदर आते जाते और हम उनके स्वरुप बनते जाते हैं।

ब्रह्माकुमारीज के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन ने कहा कि भारत में ही नारी को शक्ति को स्वरूप माना जाता है। जिस कारण केवल भारत में ही परमात्मा का अवतरण होता है। उन्होंने कहा कि जब नारी शक्ति का अपमान होता है और उसे निम्न माना जाता है, तब उनकी आवाज सुनकर परमात्मा स्वयं अवतरित होते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत ने मातृ शक्ति को महत्त्व दिया है इसलिए यहाँ गीता माता, धरती माता, गौ माता, गंगा माता और ऋषि लोग हर स्त्री को माता कहते है। परन्तु आज नारी को भोग की वस्तु मान लिया गया है। दुनिया और भारत को फिर से पावन बनाना है। और मातृ शक्ति को पुनः वापिस सम्मान दिलाना है।

उन्होंने कहा कि किसी भी देवता को परमात्म नम: नहीं कहते हैं। केवल शिव को ही परमात्मा नम: करते हैं। नारी जब परमात्मा शिव से जुडती है तो शिव शक्ति बन जाती है। परमात्मा ने आकर नारी का सम्मान बढाया है, इसलिए हमें भी महिलाओं का मान बढ़ाना है।

राजयोगिनी गीता दीदी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि परमात्मा शिव ही वास्तव में सबके सच्चे कल्याणकारी हैं। शिव का अर्थ ही होता है कल्याणकारी। परमात्मा के वास्तविक परिचय के बगैर हमें शांति और शक्ति प्राप्त नहीं हो सकती। आज के हम इसलिए इकट्ठे हुए हैं। ताकि परमात्मा के वास्तविक स्वरूप को समझें।

राष्ट्रिय युवा शक्ति उत्थान अभियान की सुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए मोटिवेशनल वक्ता ब्रह्मा कुमारी शिवानी ने देश की युवाओं को अध्यात्मिक मुल्य शिक्षा व राजयोग ध्यान को जीवन में अपनाने के लिए प्रेरीत किया। जिसके द्वारा, पहले अपने गुरू बनकर ही देश को विश्व गुरू बनाने की उन्होंने युवाओं को नसीहत दी।

इन्होंने भी रखे अपने विचार –

कार्यक्रम में राजयोगिनी बीके चक्रधारी ने कहा कि परमात्मा के सत्य स्वरूप न जानने के कारण ही मानव आज दुःखी है।

राजयोगिनी बीके शुक्ला दीदी ने कहा कि मनुष्य के नाम संज्ञवाचक होते हैं। लेकिन परमात्मा शिव का नाम कर्तव्य वाचक है।

महोत्सव की झलकियाँ –

– बीके रीना, बीके अश्विनी एवं बीके गौरव ने परमात्मा शिव की स्मृति के सुंदर गीतों से सबका मन प्रभु प्रेम से सराबोर कर दिया।

– बीके वर्णिका, बीके प्राची, बीके सुनैना, आराध्य, जाह्नवी एवं अन्य कलाकारों ने नृत्य के द्वारा ईश्वरीय स्नेह का संचार किया।

– सिरी फोर्ट के कलाकारों ने लघु नाटिका के माध्यम से परमात्मा के वास्तविक स्वरूप के बारे में बहुत सुंदर संदेश दिया।

– कार्यक्रम में पैनल डिस्कशन के द्वारा भी परमात्मा के सत्य स्वरूप पर चर्चा की गई।

– कार्यक्रम में शिव ध्वजारोहण के बाद सबको बुराइयों से मुक्त होने की प्रतिज्ञा भी कराई गई।

– इस अवसर पर वाई 20 युवा स्वास्थ्य, खेल एवं कल्याण अभियान का राष्ट्रीय शुभारम्भ हुआ।

कार्यक्रम का संचालन बीके सपना एवं बीके श्रीनिधि ने किया। कार्यक्रम में 3000 से भीअधिक लोगों ने शिरकत की।

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