All India Religious Conference at Brahma Kumaris Gyan Sarovar Academy

The Rajayoga Education and Research Foundation of the Brahma Kumaris in collaboration with its Religious Services Wing organized an All India Religious Conference in Harmony Hall of Gyan Sarovar Academy in Mount Abu.  Its topic was “Golden Age Through Godly Power”. Hundreds of representatives of different religions and religiously inclined people from all over India participated in this event.

The Director of Gyan Sarovar, Rajyogini BK Dr. Nirmala, also blessed this gathering. While interacting with the audience, Dr. Nirmala said that Mount Abu is the place where the Supreme Soul lived in human form for many years and gave its teachings. The real way to usher in the Golden Age is to know the real nature of God and try to become pure through yoga.

Rajyogini BK Godavari, Vice Chairperson of the Religious Services Wing from Mulund, Mumbai, also shared her views. She said that it is through yoga only that the Golden Age dawns every time in the cycle of life.

Rajyogini BK Manorama, Chairperson of the Religious Services Wing, said that in the Bhagavad Gita it is also written that when religion is at its lowest, the Supreme Soul incarnates to show the way. The way is Rajayoga through which a Golden Age will come.

Jagannath Patil Maharaj, Religious storyteller, also gave his good wishes to this conference. He said he felt peaceful vibrations at this place.

Saint Rameshwar Teerth from Tanmay Dham Omkareshwar said that he has experienced the vibrations of the Supreme Soul after coming to Mount Abu. Karma Yoga is a valid method to reach the Supreme. Only yoga can save the world today.

Swami Akhand Swaroopanand from Akhand Gita Mandir Ambala congratulated the organizers for this initiative and said that only by channelizing the mental energies can a Golden Age happen.

108 Sadhavi Vijay Lakshay Puri of Shiv Shakti Mandir Moga hoped that the maximum number of people will benefit from the teachings of the Brahma Kumaris and become pure.

Dilip Singh Ragi from Nanded said that it is appreciable that this conference will show the way to bring in the Golden Age.

BK Ramnath, National Coordinator of the Religious Services Wing, welcomed the guests on behalf of the Brahma Kumaris and said that soul knowledge is the real way to know the Supreme. Spirituality is the way to become divine.

News in Hindi:

राजयोग के अभ्यास से सर्व ईश्वरीय खज़ानों की प्राप्ति होगी : राजयोगिनी डॉक्टर निर्मला दीदी
माउंट आबू (ज्ञान सरोवर):
 
आज ज्ञान सरोवर स्थित हार्मनी हॉल में ब्रह्माकुमारीज एवं आर ई आर एफ की भगिनी संस्था, “धार्मिक सेवा प्रभाग” के संयुक्त तत्वावधान में एक अखिल भारतीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का विषय था ‘परमात्म शक्ति द्वारा स्वर्णिम युग’. इस सम्मेलन में देश के सैकड़ों धर्म प्रेमी प्रतिनिधिओं ने भाग लिया। दीप प्रज्वलन के द्वारा सम्मेलन का उद्घाटन सम्पन्न हुआ।
ज्ञान सरोवर की निदेशक राजयोगिनी डॉक्टर निर्मला दीदी ने भी सम्मेलन को अपना आशीर्वाद दिया। आपने कहा कि माउंट आबू परमात्म अवतरण भूमि है। यहां परमात्मा ने अनेक वर्षों तक अपनी साक्षात उपस्थिति दर्ज़ की है और अपनी शिक्षाएं प्रदान की हैं। परमात्मा तो सभी गुणों और मूल्यों के सागर हैं। जो कार्य संसार में अनेक वर्षों या हज़ारों वर्षों में कोई नहीं कर पाया – वह कार्य परमात्मा ने आकर चंद वर्षों में ही कर दिखाया। पतित दुनिया को पावन बनाने का कार्य परमात्मा ने किया है। परमात्मा का सर्व खज़ाना पाने के लिए उनको जान कर और समझ कर योग सीखना है और पावन बनने का पुरुषार्थ करना है।
राजयोगिनी गोदावरी दीदी, उपाध्यक्ष,धार्मिक सेवा प्रभाग, मुलुंड, मुंबई ने भी अपने विचार रखे। आपने बताया की हर बार राजयोग के द्वारा ही स्वर्णिम दुनिया की स्थापना हुई है और आगे भी होती रही है। ओम शांति एक ऐसा महा मंत्र है जो संसार में शांति की स्थापना कर के ही रहेगा।
आज युवा पीढ़ी का हाल बुरा है। अन्य का भी हाल बुरा है। इनकी अवस्था सुधारने के लिए भगवान् को आना पड़ता है। आज वे यहां आकर संसार को सुधार कर सुन्दर स्वर्ग बना रहे हैं।
धार्मिक सेवा प्रभाग की अध्यक्षा राजयोगिनी मनोरमा दीदी ने अपने उद्बोधन में सम्मेलन को बताया कि कभी तो परमात्मा ने स्वर्णिम युग के स्थापना की होगी ? अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो आज इस बात की चर्चा क्यों होती है ?बताया जाता है की राम राज्य में किसी प्रकार का दुःख दारिद्रय नहीं था। कोई विकार बुराई नहीं थी। मगर आज के संसार को देख कर संशय होता है क्या वैसी दुनिया कभी थी ? आज दुनिया में बुराई – विकार का बोलबाला है। गीता में बताया गया है की धर्म की ग्लानि होने पर परमात्मा का अवतरण होता है। परमात्मा ने आकर बताया है की आत्म भान की विस्मृति से सब कुछ बर्बाद हुआ है। आत्म स्मृति से ही खोये हुए मूल्यों को फिर से प्राप्त कर पाएंगे। राजयोग ध्यानाभ्यास से ही जीवन सफल होगा।
कथाकार जगन्नाथ जी पाटिल महाराज ने अपनी शुभ कामनायें सम्मेलन को दीं। आपने कहा कि यहां आने पर शांति की विशेष अनुभूति हो रही है। ओम शांति का उद्घोष हर तरफ सुनाई दे रहा है। क्रोध मुक्ति के लिए बोध की जरूरत है। शांति की स्थापना के लिए हर होम में ओम शांति की जरूरत है। आपने यह बताया कि सुकरात को भी भारत के किसी गुरु की चाहना थी। यह भारत की विशेषता हमेशा रही है इसने विश्व को मार्ग दिखलाया है।
राष्ट्रीय संत रामेश्वर तीर्थ जी.तन्मय धाम, ओम्कारेश्वर ने सम्मेलन को शुभकामनायें दीं। यहां आकर मैं साकार परमात्मा के दर्शन कर रहा हूँ सभागार में। आप तकलीफ उठा कर यहां तक पहुंचे हैं और यहां से लौटकर अनेक लोगों के दुःख दर्द का निवारण करेंगे। अपने कर्म से आप अनेक दिलों में अपने लिए स्थान बना लेते हैं। कर्म योग श्रेष्ठ है। योग सीख कर संसार का कल्याण करें। महानता धारण करें। इसके लिए जीवन को होम करना पड़ता है।
स्वामी कैलाश स्वरूपानंद जी, अखंड गीता मंदिर, अम्बाला ने अपनी शुभकामनायें रखीं। आयोजकों तथा पधारे हुए सभी अतिथियों को शुभकामनायें दीं। कहा मन प्रफुल्लित है। जिस शक्ति से सम्पूर्ण विश्व संचालित है , उस परमात्मा की शक्ति से स्वर्णिम युग की स्थापना अवश्य होगी। यहां आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। ओम शांति का अनुभव कर रहा हूँ। यहाँ कण कण में शांति की अनुभूति कर रहा हूँ।
१०८ साध्वी विजय लक्ष्य पुरी,शिव शक्ति मंदिर, मोंगा ने भी अपने विचार रखे। आपने आह्वान किया की यहाँ अधिक से अधिक संख्या में लोग पधारें और यहां की शिक्षाओं को जीवन में धारण करें। यहां पवित्रता को धारण करना आसान है। यहां की सादगी और पवित्रता अनुकरणीय है। बच्चों को भटकन से बचाने के लिए ये शिक्षा काफी कारगर है।
दिलीप सिंह जी रागी, नांदेड़ ने अपने विचार रखे। कहा की किस तरह से हम स्वर्णिम युग स्थापित करेंगे इसपर आने वाले ३ दिनों में विचार होगा जो स्वागत योग्य है।
धार्मिक सेवा प्रभाग के राष्ट्रीय संयोजक बी के रामनाथ भाई ने अतिथियों का स्वागत किया। आपने कहा आज शिक्षा में आध्यात्मिक ज्ञान की कमी है। आत्मा का सही ज्ञान नहीं है। यही कारण है की लोग आज भौतिकवाद की चपेट में फंसे हुए हैं। स्वर्ग में देवी देवताओं के जीवन में अनेक गुण और मूल्य होते हैं। आध्यात्मिकता को जीवन में स्थान देकर उन्होंने यह पद पाया है।
बी के राजेश्वरी बहन ने मंच का संचालन किया।

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