Three-Day Conference on “Yogic Agriculture and Holistic Rural Development,” Maharashtra Minister Assures Help

Nagpur ( Maharashtra ): “There is need to spread awareness about the research, results and success of the novel project “Sustainable Yogic Agriculture and Holistic Rural Development” among the general public in Maharashtra. The Maharashtra Government would render all possible help to Brahma Kumaris to successfully conduct the projects in rural areas of Maharashtra state,” assured Sunil Kedar, Maharashtra Minister for Dairy and Animal Husbandry, Sports and Youth Welfare, on Sunday. Kedar was delivering the inaugural address of three-day national conference on “Yogic Agriculture and Holistic Rural Development” organised by the Brahma Kumaris Nagpur Centre at Vishwa Shanti Sarovar in Jamtha. Expressing the condition of women in India, Kedar appealed, “Brahma Kumaris should conduct such a conference on women empowerment to protect self respect, dignity, and to change the approach of society towards women.”

He also rendered help to organise such a conference by the Government of Maharashtra in association with the Brahma Kumaris. Earlier, the three-day conference was started with a flag hoisting and lighting the traditional lamp.

BK Rajesh Dave, Deputy General Manager of National Bank for Agriculture and Rural Development (NABARD), delivered a keynote speech. Dave said, “Since ancient times, villages in India are maintaining the status of agricultural heritage of the nation and are contributing towards its economical development. When the entire world is talking about scientific and technological developments, Brahma Kumaris have been contributing in bridging the gaps. Science and technology only could not help to develop the modern world, if there is no spirituality. Science and technology are being used by human brains marching towards destruction. Only Brahma Kumaris are working on the missing links of inculcating the human brains to use science and technology properly for the welfare of the nation.”

Dave mentioned, “Through different wings Brahma Kumaris have been amalgamating modernity and spirituality. India’s tri colour represents three colours. India being an agriculture country, the green colour in flag represents ‘Green Revolution’, the white colour represents ‘Milk Revolution,’ and now there is need for Saffron colour which represents spirituality and the spiritual revolution has been started from Nagpur city by Brahma Kumaris.”

BK Sarla, Chairperson of The Rural Development Wing of the Rajayoga Education and Research Foundation, the sister institution of the Brahma Kumaris, underlined the importance of knowledge, peace, happiness, love, pleasure, purity and positive energy in the life of an individual. She said, “Rajyoga meditation is a powerful tool of self transformation. Brahma Kumaris believe in global transformation through individual transformation. The spiritually transformed farmers in India could do wonders in life. The project of sustainable agriculture started by Brahma Kumaris has transformed the lives of many farmers in the country.”

Vice-Chairperson of the Rural Development Wing BK Raju from Mount Abu; National Coordinator BK Sunanda from Kolhapur; Kamptee MLA Tekchand Savarkar; Director of the National Bureau of Soil Survey (NBSS) and Land Use Planning (LUP) of the Indian Council of Agricultural Research Dr. Munish Sharma; Joint Director of Agriculture, Nagpur Division, Ravindra Bhoale; Bhagyashree Banayat, Director of Sericulture; and ZP (Zila Panchayat or Parishad) President Rashmi Barwe also spoke on this occasion.

Balasaheb Rughe from Ichalkaranji shared his success story of Yogic Farming. BK Rajani, Director of Vishwa Shanti Sarovar, Nagpur, delivered a welcome speech.

BK Shobha from Islampur conducted the proceedings. BK Premprakash proposed a vote of thanks.

About 300 zonal coordinators, executive committee members, and other functionaries of the Rural Development Wing of the the Rajayoga Education and Research Foundation along with more than 2,000 farmers from the country attended the conference. The three-day conference has different technical sessions, discussions and sessions of sharing success stories of Yogic farming. The stalls of agriculture produce through Yogic farming methods were displayed at the venue.

News in Hindi:

नागपुर : ब्रह्माकुमारीज व्दारा आयोजीत ‘शाश्वत यौगिक खेती एवं सम्पूर्ण ग्राम विकास का आधार आध्यात्मिकता कार्यक्रम 01/03/2020 को विश्वशांती सरोवर, जामठा में सम्पन्न हुआ। इसमे महाराष्ट्र के पशुपालन मंत्री भ्राता श्री सुनिल बाबू केदार जी ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। सबसे पहले झंडा वंदन ब्रह्माकुमार राजयोगी राजू भाई जी और ब्रह्माकुमारी राजयोगीनी सरला दीदीजी के हस्ते संपन्न हुआ। हार्मनी हॉल में सावनेर की कुमारीयो ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया। ब्रह्माकुमारी रजनी दीदीजी निर्देशिका विश्व शांति सरोवर ने सभी का शब्दसुमनों से स्वागत किया। इस कार्यक्रम में भारत वर्ष से ग्रामविकास प्रभाग के 260 सदस्य सम्मिलित हुए। उन्होंने बताया की इन सदस्यो ने नागपूर में आकर पिछले तीन दिनो में पुरे साल मे की जाने वाली जाने वाली कार्यक्रमों की रुपरेखा बनाई। ब्र. कु. सुनंदा दीदी नॅशनल कॉर्डिनेटर, मुख्य वक्ता ब्रह्माकुमार राजेश दवे जी आमदार कामठी टेकचंद सावरकर जी ने भाग लिया। भाग्यश्री बानाईत, डायरेक्टर रेशिम संचनालय, महाराष्ट्र, भ्राता मुनिष शर्मा, डायरेक्टर सॉईल कन्जर्वेशन ऑफ इंडिया और रामभाई खर्चे, यौगिक खेती करनेवाले पहले किसान, जिल्हा परिषद अध्यक्ष सौ. रश्मी बर्वे भी उपस्थित थे।

सुनंदा दीदी, नॅशनल कोऑर्डिनेटर, ग्रामविकास विंग ने ब्रह्माकुमारी संस्था का परिचय दिया की इस संस्था को 84 साल हुए है। इस संस्था का उद्देश बताया की यह संस्था मनुष्य आत्माओं को निगेटिव से पॉजिटिव्ह, प्युअर, पीसफूल बनाती है। इसमें पहला मुख्य सब्जेक्ट सच्चा ईश्वरीय ज्ञान। इसमें मै कौन हू, मुझे कौनसा कर्म करना जिसमें लाभ हो ना की नुकसान हो। भगवान का सत्य परिचय दिया जाता है। योग के व्दारा स्वभाव और कर्मो में पॉजिटिवटी लाता है। तिसरा धारणा, क्षमा, प्रेम, दया इसकी धारणा होती है।  इसमें 20 विंग है। ग्रामविकास विंग के अंतर्गत गांवो की सेवा करते है। कुछ गांव एडॉप्ट करते है और सरपंच, पोलीस पाटील वहा के युवा को सम्मिलीत करते हुए काम करते है। दुसरा इसमें व्यसनमुक्ती के कार्यक्रम करते है। शाश्वत यौगिक खेती करते है, इसमें चार प्रकार के फायदे होते है। सबसे पहले उनके कर्म श्रेष्ठ कर्म होते है चरित्रवान बनाता है। जमीन उपजाऊ बनती है। और फसल बहुत अच्छी जो बहुत दिनो तक रहती है। इससे पैसा भी ज्यादा मिलता है। संबध सुधरते है। किसान माना हम समझते है देश की शान है। उनको हम इस विंग के व्दारा शान में बिठाते है। यहा पर कोई भी आ सकता है। धर्म भेद, जाती भेद नही है। क्योंकी इसकी स्थापना स्वयं भगवान ने की है। जब दुनिया में धर्म ग्लानी का समय गीता में वर्णीत यदा यदा ही धर्मस्य ……. के समय अनुसार उनकी जरुरत पूरी दुनिया को पड़ी तो वह 1937 में अवतरीत होकर इस संस्था की स्थापना की।

ब्रह्माकुमार भ्राता राजेश दवे जी, उपमहाप्रबंधक, नाबार्ड ने कहा यह सही बात है की हम ऐसे समय पर खडे है जहा जीवनशैली परिवर्तीत हो रही है। हम यब को मिल कर ऐसा कर्तव्य करना जिससे विश्व की गरीमा फिर से स्थापित कर सके। अभी भी हमारी 55-60% भाई-बहने गावों में रहते है। गावो के लोगों के प्रती कैसे संवेदनशील बने कैसे योगदान दे । योग का दान देना जरुरी है। पहले अपने आप को श्रेष्ठ समझे। भारत मेरा देश है। भारत दुनिया में सर्वश्रेष्ठ देश है। जीवन एक यात्रा है। अभी सारा विश्व सोच रहा है अभी कौन आगे आयेंगा तो जो देश अपना हाथ, हेड और अध्यात्मिकता(दिल) उपयोग में लाएंगे वह आगे जाएंगे और वह भारत ही होगा। सायन्स और टेक्नॉलॉजी के साथ मिसिंग लिंक है तो वह है अध्यात्म की लिंक। वह पूरी कर रही है ब्रह्माकुमारीज । प्रकृती और मानव इन दोनों का बहुत अच्छा संबंध है। सुक्ष्म जीवाणू हमारी बहुत मदत करते है। धरती माता सुखी तब है जब सुक्ष्म जीवाणू बहुत ज्यादा होते है। गाय के गोबर में सबसे ज्यादा सुक्ष्म जीवाणू है। अमूल कहता है अमूल टेस्ट ऑफ इंडिया है पर भारत टेस्ट ऑफ वर्ल्ड है। अमेरिका में चले जाओ भारत के बैंगन का टेस्ट वहा नही मिलता। भारत के नॅशनल फ्लॅग में तीन कलर है। ग्रीन कलर ग्रीन रिव्हाल्युशन का प्रतीक है। व्हाइट कलर श्वेत क्रांती का प्रतीक है और ऑरेंज कलर अध्यात्मिकता से सच्ची दिशा और सच्चा परिवर्तन का प्रतीक है। अभी तक हम प्रकृती का दोहन और शोषन करते रहे। हमारे सोच से प्रकंपन फैलते है उसका पेड और पौधो पर असर होता है। उसके लिए खेती में सुक्ष्म वातावरण बनाना जरुरी है। योग के माध्यम से परिवर्तन कर सकते है। उन्होंने शाश्वत यौगिक खेती का कन्सेप्ट बताया कि जीयो और जीने दो। ग्रामविकास में अध्यात्मिकता की जरुरत है। कृषी में हमें सभी जीवो को शांती के सुख के शक्ती देना। आध्यात्मिकता से हम जमीन को सस्टेनेबल माना शाश्वत बनाता है। 18 एलिमेंट जो धरती को उबजाऊ बनाते है। जो की मिसींग है, जो सुक्ष्म है उनको जमीन को देना है। आज गाव में राजनेता है पर नैतिकता है यह मिसिंग लिंक है। गाव में स्कुल है पर चरित्र की मिसिंग लिंक है तो उस मिसिंग लिंक को पूर्ण करना है। यह समय है परिवर्तन का हमे अपनी उंगली लगाना है गोवर्धन पर्वत रुपी इस व्यवस्था में, यह सृष्टी यह देश को सहयोग देना है। आधुनिकता के साथ अध्यात्मिकता को जोडना है। धन के साथ अध्यात्मिकता को जोडना है। ब्रह्माकुमारीज संस्था इस कार्य में अहम भुमिका निभाएंगी ।

ब्रह्माकुमार राजयोगी भ्राता राजूभाई, उपाध्यक्ष ग्रामविकास , ने कहा की भारत के किसान को अन्नदाता कहते है। उनके मेहनत के कारण हम जी रहे है। वह किसान हमारे लिए दिन रात मेहनत कर रहा है। लेकिन न्युज पेपर में देखे तो पता चलता है की किसान आत्महत्या कर रहा है। और विदर्भ में इसका प्रमाण ज्यादा है। इसके लिए कई प्रकार की योजनाए बनाई गयी है। यौगिक खेती महाराष्ट्र की देन है। एक भाई ने यह यौगिक खेती चालू की थी पर तब मुझे इसके बारे में कुछ भी नही पता था वह मुझे उनके खेत पर लेकर गए और वहा देखा तो बहुत अच्छे पेड थे खेती लहरा रही थी गोमुत्र और गोबर का खत देते है और उसके साथ परमात्मा से शक्तिया लेकर पौधो को दान देते है। ऐसेही 2-3 बार वहा जाना हुआ और इस प्रोजेक्ट का निर्माण हुआ। जैसा ‘अन्न वैसा मन’ ऐसा कहते है। इस खेती में रसायण का और केमिकल का उपयोग नही होता। पहले तो गुजरात में एस. डी. एग्रीकल्चर युनिवर्सिटी धातेवाडा में इसका सायंटिफिक रिसर्च हुआ और पाच साल रिसर्च किया गया। और बाद में गुजरात के चारो युनिवर्सिटी में रिसर्च किया गया और सफल रहा। महाराष्ट्र की युनिवर्सिटीज में भी रिसर्च हुयी। सारे रोगो की जड है खाद्य पदार्थ, पंजाब में अनाज उगता है पर वह बाहर से बुलाते है पर वह वह बाहर से बुलाते है। पर आबादी भी दिनोदिन बढ़ रही है। सरकार व्दारायोजनाए बन रही है की किसानो की आमदनी दुगुनी हो जाए। जगन्नाथ पूरी के मिटींग में कमिश्नर ने बताया था की 2000 रु. हर किसानो को मिला पर उस दिन शराब की बिक्री दोगुनी हुर्थी वह पैसा शराब में चला गया। किसान को पैसा आया पर चिंतन और चरित्र को परिवर्तन नही किया। ब्रह्माकुमारीज संस्था मुख्य उद्देश यह है की हमारे विचारधारा को परिवर्तन कर चिंतन और चरित्र निर्माण करना। विचारों के आधार से हमारे चारो और एक सकारात्मक आभा मंडल तैयार होता है। इसका प्रयोग कर सकते है। घर में भी गमलो में पौधे लगाओ और उनसे बाते करो रोज और कुछ दिन मत जाओ तो सुख जाएंगे तो सुख जाएंगे। तो पौधे भी राह देखते है मालिक का। तो मै आत्मा इस शरीर का मालिक हु। किसान भाई बहुत खुशी से बताते है जहा हम योग करते है जहा हम योग में चक्कर लगाते है वहा ओले भी गिरते तो भी हमारे खेतो में कोई नुकसान नही होता। जैसा अन्न वैसा मन तो झगडों का कारण बिमारीयों का कारण यह अन्न है। 12000 पेशंट के पिछे 1 डॉक्टर है। तो बिमारीया भी बहुत बढ़ रही है। परमात्म शक्ति का उपयोग कर खेती करना है इसके कई गुणा अच्छे परिणाम आएंगे। किसी भी प्रॉब्लम का निवारण प्रकृती में ही है बस हमे उसको अच्छे से युज करना है। हम किसी भी प्रकार का रसायण का युज नही कर रहे है। सिर्फ पशु धन गोबर का युज करना है और उनपर योग का प्रयोग करना है। यह योग आपको 7 दिन के कोर्स में पूरी तरह से सिखाया जाएगा। संसार के सभी समस्याओं का निवारण इस योग मे है। मन के प्रॉब्लम भी इस योग में खत्म हो जाएंगे।

श्री सुनिल बाबू केदार जी पशुपालन तथा क्रिडा विभाग कॅबीनेट मंत्री ने कहा, मै 25 साल से इस संस्था से जुडा हूँ। मै सम्मिलित रहता हूँ। इय संस्था व्दारा अनोखे प्रोग्राम चलाए जाते है। जो इंसान के जिंदगी में सुधार लाने के लिए बहुत जरुरी है। मै मानता हू की सब कार्यक्रम लोगो के हित के लिए करते है। मै किसान होने के नाते मै इस संस्था का शुक्रगुजार हूँ कि संस्था लोगो के सामने प्रक्टिकल योजना बता रही है। इस संस्था के कार्यक्रम अपने मुकाम तक पहूचते है। आज लोगो को जरुरत है यौगिक खेती की। उनको परमात्मा का स्मृती चिन्ह फोटो भेट दिया गया। किसान की समस्याओमें सरकार की योजनाओ मे यौगिक खेती के बारे में सोचा जाएगा। उन्होंने ब्रह्माकुमारीज को आव्हान किया की महिलाओं की उत्थान के लिए कार्यक्रम आयोजीत करे।

भ्राता मुनिष शर्मा जी डायरेक्टर सॉईल कन्जर्वेशन ने कहा की ब्रह्माकुमारीज का बहुत ही सराहनिय कार्य हुआ है। जो किसान हाशीये पर चले गए थे उनके तरफ ध्यान दिलाया। सिक्किम पूरी तरफ ऑरगनिक है। उन्होने खुद के डिपार्टमेट के कार्यो मे ब्रह्माकुमारीज को आमंत्रित किया। 

ब्रह्माकुमारी राजयोगीनी सरला दीदी ने कहा भारत में किसान भाईयो को बहुत परेशानीया हो रही है। परेशानीयों को दूर करने के लिए पहले स्वयं को जानना होगा और उस सर्वोच्च सत्ता से जुडना पड़ेगा। संतुलित मन हमेशा श्रेष्ठ कर्म करता है। वह शुध्द मन ही सब चेंज कर देगा। इस विद्यालय में यही बताया जाता है की स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन होगा। रोज आधा घंटा अपने लिए, समाज के लिए, देश के लिए आधा घंटा देना होगा। एक दिप से दिपमाला बनती है। किसानो की आत्महत्या हम रोक सकेंगे। परमात्मा पिता से शक्तियों से भरपूर होते रहिये ।

राजयोगीनी ब्रह्माकुमारी रुक्मिनी दीदी ने कहा की हमारा मनोबल कमजोर हो गया है उसके कारण प्रकृती पर भी इसका असर होता है। और उन्होंने राजयोग करवाया। सबको शांती का अनुभव हुआ। राजयोगी ब्रह्माकुमार प्रेमप्रकाश भाई जी ने आभार प्रदर्शन किया। मंच का संचालन ब्रह्माकुमारी शोभा बहेनजी ने किया ।

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