Gwalior ( Madhya Pradesh ): The Youth Wing of the Rajayoga Education and Research Foundation and Brahma Kumaris Gwalior conducted a program via Webinar for the Youth to discuss “High Thinking, Search of Youth.” In this discussion, a number of Youth took part from various districts of Madhya Pradesh along with BK Rekha, Zonal Coordinator of Youth Wing, Gwalior, who conducted the program.
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एज्युकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन के युवा प्रभाग के द्वारा ऑनलाइन वेविनार के माध्यम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका विषय था| जिसका विषय था “ऊँची सोच युवा की खोज” इसमें मध्य प्रदेश के सीधी, ग्वालियर सहित बिभिन्न जिलो के युवाओं ने भाग लिया | कार्यक्रम का संचालन युवा प्रभाग की क्षेत्रीय सयोंजिका बी. के. रेखा दीदी (सीधी) ने किया | और सभी का स्वागत करते हुए कहा कि आज युवाओं को सही और श्रेष्ठ मार्गदर्शन की आवश्यकता है जिससे वह सही दिशा में रचनात्मक कार्य कर सके| ब्रह्माकुमारीज संसथान लगातार युवाओं के उत्थान के लिए इस तरह के आयोजन समय प्रति समय करता रहता है|
तत्पश्चात कार्यक्रम में ग्वालियर से मुख्य वक्ता के रूप में मोटिवेशन ट्रेनर बी. के. प्रह्लाद भाई ने सभी को संबोधित किया और कहा कि –
सोच का जीवन में बड़ा महत्व है फिर वह सोच कैसी भी हो | क्योंकि हम आज अपने जीवन में जो कुछ भी अनुभव कर रहे हैं वह हमारी सोच का ही परिणाम है | लेकिन दुनिया में बहुत थोड़े लोग ऐसे हैं जो इस बात का अनुभव कर पाते हैं | कई बार आपने भी देखा होगा आपके जीवन में अनेकानेक उतार चढाव आते हैं और उसको देख कर हम उसी तरह का चिंतन करने लगते है और धीरे धीरे हम उसमे फंसते नज़र आते हैं | हम ऐसा मानते हैं की जो चीज़ हमारे लिए ठीक नहीं है हम उसको बोलकर ठीक कर देंगे जबकि ऐसा होता नहीं है | जैसे किसी कमरे में अँधेरा हो और उसको आपको दूर करना हो तो क्या करना पड़ेगा ‘अँधेरा भाग जा’ कहे ऐसे तो नहीं भागेगा बल्कि आपको प्रकाश का स्विच ऑन करना पड़ेगा तो अंधेरा स्वतः ही भाग जायेगा क्योकि अँधेरा कुछ होता ही नहीं हैं बल्कि प्रकाश का अभाव ही अंधियारा है | ठीक ऐसे ही मै मानता हूँ कि नकारात्मकता और व्यर्थ कुछ भी नहीं है बल्कि सकारात्मकता का अभाव ही इन सब चीजों को जन्म देता है | इसलिए हम आज से पक्का पक्का संकल्प कर ले की आज से हर बात के लिए हम सकारात्मक (पॉजिटिव) ही रहेंगे तो आप खुद देखेंगे की आपके साथ सब कुछ वही होने लगेगा जो आप सोच रहे हैं | इतनी पॉवर हमारी सोच में है “as you think so you become” और आज दुनिया में जितने भी बड़े परिवर्तन हुए हैं वह सब युवाओं की ऊँची सोच का ही परिणाम है | वैसे भी अगर देखें तो युवा का उल्टा वायु होता है और वायु की गति सबसे तेज़ और हल्की होती है | |
लेकिन आज वर्तमान समय युवा फैशन और व्यसन में घिरता नज़र आ रहा है | वह अपने गुणों और शक्तियों को भूलकर व्यर्थ में अपना समय गवां रहा है | वहीँ दूसरी और ऐसे युवा भी है जो परमात्म श्रीमत पर चलकर उसकी आज्ञानुसार स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन के श्रेष्ठ कार्य में लगे हुए हैं | अब हमें ये तय करना है कि हम कौन से युवा हैं | यदि हम ये स्मृति रखते हैं की हम सर्व शक्तिमान परमात्मा की संतान हैं तो जिसका पिता सर्वशक्तिमान हो उसके बच्चे साधारण नहीं हो सकते | सिर्फ हमे अपने स्मृति का स्विच ऑन करना है | तो परमात्म की शक्ति से हम हर असंभव कार्य को संभव कर सकते हैं | आज इस भागती दौड़ती ज़िन्दगी में बाहर की दुनिया में वह इतना व्यस्त हो गया है की उसे स्वयं के लिए समय ही नहीं है | इसलिए आज वह हर छोटी छोटी बात में दुखी अशांत और परेशान हो जाता है | जबकि जीवन की वास्तविकता यह है की सृष्टि एक रंगमंच है और हम सब इसमें अभिनय कर्ता है और परमात्मा इस सृष्टि के निर्देशक हैं | अब यदि हमारा सम्बन्ध उस निर्देशक के साथ नहीं है तो हम इस जीवन के खेल को अच्छी तरह से नहीं खेल सकते हैं |
यह ठीक वैसे ही है जैसे आपके घर बिजली से चलने बाले अनेक साधन हो जैसे कूलर, पंखा , टी. व्ही., कम्प्यूटर इत्यादि | लेकिन बिजली का कनेक्शन नहीं हो तो यह सब बेकार है |
इसी प्रकार हमारे पास सुख सुबिधायों के सारे साधन है लेकिन परमपिता परमात्मा शिव के साथ सम्बन्ध नहीं है तो जीवन में सुख शांति आ ही नहीं सकती |
आज हरेक को चाहिए कि वह अपने मन की तार उससे जोड़े और उसके द्वारा दी जा रही शिक्षाओं को अपने जीवन में लेकर आयें तो वह आपका जीवन दूसरों के लिए उदहारण मूर्त आदर्श बन सकता है | जो अपने मन में सदेव सकारात्मकता विचार करते हैं उनको व्यर्थ और नकारात्मकता छू भी नहीं सकती |
आदर्श युवाओं में अनेकानेक विशेषताएं होती है जिनमें से कुछ इस प्रकार है –
- आदर्श युवा किसी की कमी कमजोरियों पर ध्यान नहीं देता बल्कि उसकी विशेषताओं को देखता हैं |
- आदर्श युवा अपनी श्रेष्ठ भावना से हिम्मतहीन को हिम्मतवान बना सकता है |
- आदर्श युवा नि:स्वार्थ सेवा और परोपकार की भावना से कार्य करता है |
- श्रेष्ठ भावना से युवा किसी भी आत्मा के भाग्य की रेखा बदल सकता है |
- आदर्श युवा के मन में सदेव शुभ विचार ओर श्रेष्ठ विचार ही आते हैं |
- आदर्श युवा की वाणी में मधुरता और व्यव्हार में सरलता होती है |
- आदर्श युवा हमेशा रचनात्मक कार्य करता है |
- आदर्श युवा बुराइयों से व्यस्नों (नशे) से अपने को दूर रखता है |
इस अवसर पर कार्यक्रम में होसंगाबाद से बी. के. सुनीता दीदी ने अपनी शुभकामनाएं रखीं साथ ही अनेक युवाओं ने भी अपने विचार रखे |
कार्यक्रम के अंत में बी. के. अर्चना दीदी (सीधी) ने सभी का आभार व्यक्त किया |