On World Press Freedom Day – A Dialogue on “Role of Spirituality in Freedom of Press”

Hathras (Anand Puri colony, Uttar Pradesh):  On the occasion of World Press Freedom Day, a Dialogue was conducted on the topic “The Role of Spirituality in Freedom of Press” by the Brahma Kumaris Media wing and the Shanti Bhavan Anandpuri colony center.

Addressing the occasion among all journalists, highly specialized guest Mr. Shivaji Sarkar (Registrar of Mangalayatan University, Dean and Director of Journalism, Professor of the Mass Communication department) said that journalists are a link for communication between the Government and the people but they are not slaves of any Government.  They are not representatives of any Government but representatives of all citizens. Keeping in mind in terms of freedom, one should see that there should not be any abuse of others freedom.

The program was launched with a candle lighting ceremony by BK Sushant, National Coordinator of the Media wing of the Brahma Kumaris; Pravin Kumar Lakshakar (IAS), District Magistrate; Shivaji Sarkar, Professor; and  BK Shanta, Program Director.

News in Hindi

पत्रकार गर्वमेन्ट और जनता के बीच में संवाद का एक माध्यम अवश्य है लेकिन वह किसी गवर्मेन्ट का गुलाम नहीं है। हम सरकार के प्रतिनिधि नहीं लेकिन हम नागरिकों का प्रतिनिधित्व करते हैं। परन्तु स्वतन्त्रता में इस बात का भी ख्याल हो कि किसी दूसरे की स्वतन्त्रता का हनन न हो। उक्त विवेकपूर्ण सविचार अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में मंगलायतन विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार तथा डीन एवं डायरैक्टर पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग प्रोफेसर शिवाजी सरकार ने “विश्व प्रेस स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मीडिया प्रभाग एवं शान्ति भवन, आनन्दपुरी कालोनी केन्द्र द्वारा “प्रेस की स्वतन्त्रता में अध्यात्म की भूमिका” विषय पर संवाद में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। । कार्यक्रम का शुभारम्भ ब्रह्माकुमारीज़ के राष्ट्रीय समन्वयक बी0के0 सुशान्त भाई जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार एवं प्रोफेसर शिवाजी सरकार, कार्यक्रम संयोजिका बी0के0 शान्ता बहिन आदि ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इससे पूर्व सभी अतिथियों का स्वागत आत्मस्मृति का तिलक एवं पुष्पगुच्छ देकर किया गया। बालिका नैन्सी ने “झूम झूम हर कली, बार बार कह चली’ गीत पर भावनृत्य प्रस्तुत किया।

मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने कहा कि मीडिया राष्ट्र का निर्माता है। मीडिया जिसे चाहे ऊपर उठा सकता है और जिसे चाहे गिराने की क्षमता भी रखता है परन्तु सुनने में यह आता है कि अब खबरें बिक रही हैं, यह नहीं होना चाहिए। क्योंकि राष्ट्र के निर्माण में आपका बहुत योगदान है।

मुख्य वक्ता के रूप में अपने सम्बोधन में दिल्ली से पधारे ब्रह्माकुमारीज के राष्ट्रीय समन्वयक एवं स्वतन्त्र पत्रकार बी0के0 सुशान्त भाई ने कहा कि बहुत सारे ऐसे देश हैं जहाँ पत्रकारिता को गुलाम बनाया हुआ है। पत्रकार और सरकार में से देश को चलाने के लिए यदि चुना जाये तो पत्रकारिता ही सर्वोपरि है इसके बिना देश नहीं चल सकता। कोई कुछ भी आपके बारे में कहे लेकिन उसके प्रति शुभभावना बनाये रखना यह अध्यात्म सिखाता है। राजयोग से आन्तरिक सशक्तिकरण हो जाता है। वक्तव्य से पूर्व उन्होंने एक मिनट की मौन शृद्धांजली सभी उपस्थित जनों से पत्रकारिता करते हुए अपनी जान गॅवाने वाले बहादुर पत्रकारों को दिलवाई।

प्रेस की स्वतन्त्रता के सम्बन्ध में अपनी अभिव्यक्ति करते हुए वरिष्ठ पत्रकार विनय ओसवाल ने कहा कि प्रेस स्वतन्त्रत है आज हर आम व्यक्ति पत्रकार है वह अपनी स्वतन्त्रता का दुरूप्योग फेक न्यूज के रूप में भी करने में संकोच नहीं कर रहा। इस प्रकार की स्वतन्त्रता को अगर कड़ाई से अंकुश नहीं लगाया जा पा रहा तो केवल अध्यात्म के आन्तरिक भाव जागरण होने पर ही रोका जा सकता है।

राष्ट्रीय कवि संगम संस्थान के हाथरस संयोजक एवं दक्षिण भारत के अध्यक्ष आशु कवि अनिल बौहरे ने कहा कि अध्यात्म ही तो पत्रकारिता का नारद के रूप में जन्मदाता है। कविता के माध्यम से उन्होंने कहा कि- कलमकार जहाँ का सो जाता है, लकवाग्रस्त वह देश हो जाता है।

पी0टी0आई0 के संवाददाता गुरूदत्त भारती ने ब्रह्माकुमारीज़ संगठन की सराहना करते हुए कहा कि हर वर्ष पत्रकारों को सम्मान सहित बुलाकर संवाद कराने का कार्य यह संगठन एक दशक से अधिक समय से कर रहा है। हिन्दुस्तान के जिला प्रभारी रतन गुप्ता ने हाथरस के आसपास की कई घटनाओं का हवाला देते हुए प्रश्न किया कि पत्रकार कहाँ स्वतन्त्र है। किसी खबर की सच्चाई सामने लाने पर अपराध की सारी धारायें उस पर लगाने के लिए शासन-प्रशासन तैयार हो जाता है। प्रशासन पर और पत्रकारों के विषय में दो पैमाने नहीं चल सकते। अन्दर से राजयोग मजबूत करेगा लेकिन बाहर से हमें खुद को मजबूत बनाने के लिए संगठित होना पड़ेगा।

बी0के0 शान्ता बहिन ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज के संचालन में और उसकी बुराईयों का आइना दिखाने में पत्रकारिता की अहम भूमिका है यदि दर्पण में कोई अपनी खराब शक्ल देखना चाहे तो। ब्रह्माकुमारीज़ संगठन आन्तरिक सशक्तिकरण की सेवायें दे रहा है और समय निकाल कर पत्रकारों भाईयों को भी स्वयं को राजयोग से सशक्त बनाने का अभ्यास पूरे दिन में कम से कम पाँच मिनट का कर लेने से लाभ होगा।

इस अवसर पर अतुल नारायण, नीरज चक्रपाणिा, विद्यासागर विकल, कुलदीप सिकरोरिया, विनय शर्मा, विनोद कुमार, मनीषा उपाध्याय, रतन गुप्ता, शिवशंकर पुरोहित, महेश चंदेल, अमित दत्त, सुनील कुमार, दीपकरफी सहित अनेक मीडियाकर्मी एवं साहित्यकार उपस्थित थे।

 

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