Bharatpur ( Rajasthan ): The Brahma Kumaris of Bharatpur celebrated Sri Krishna Janmashtami at their Centre Vishwa Shanti Bhawan in a very attractive way by the Chaitanya Jhankiyan or Live Display of little Radha- Krishna, Laxmi- Narayan, Jashoda- Nanda and Sakhi- Sakha (Friends of Krishna), with enchanting emotions.
The function was presided over by BK Kavita, Agra Sub Zone and Bharatpur Centre in Charge, and the Chief Guest was Mr. Jagdish Joshi, Retired Panchayat Prachar-Prasar (Publicity and Promotion) Officer. Mr. Jagdish Joshi very happily mentioned, “God is so graceful to make us worthy of Heavenly Life by imparting Spiritual Knowledge to us through Brahma Kumaris. It is the very object of this divine organization.”
BK Kavita said, “It is said that the world sovereign Sri Krishna was born in the Jail of Kansa. Corona by playing its role has created the situation like that of Jail and in very near future Sri Krishna with all Divinity, 16 Celestial Arts will be born as most Virtuous Being, when India will become the World Teacher. In memory of the same incidence, whole world, India in particular, is celebrating this Birthday of Sri Krishna.” She said that on behalf of Brahma Kumaris, all of us thank God for making us Pure and Viceless by His Love, Affection and the Spiritual Knowledge.
The Function began with Candle Lighting by the Guests. Jhankiyan (Live show of deities) were displayed in between the programs. Cute little Muskan, Ruchi and Payal danced to the tunes of “Ghanshyam Teri Bansi” (Krishna your flute..), “Radha Dhhoond Rahi” (Radha is searching…) as showing glimpses of Satyug (Golden Era). Lastly everyone performed a Group Dance called “Raas” in which many other dancers Ananya, Astha, Shivam, Shashi, Jay and BK Yogita, BK Gita, BK Kanak and BK Paavan also participated.
Everyone was served Toli (Prasad) while BK Jai Singh gave a Vote of Thanks to one and all.
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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कार्यक्रम ब्रह्माकुमारीज भरतपुर
भरतपुर : आज यहाँ प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय विश्व शांति भवन भरतपुर के अंतर्गत श्री कृष्ण जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में राधे -कृष्णा ,लक्ष्मी -नारायण ,जसोदा -नंदबाबा ,सखी -सखा की चैतन्य झाकियों का कार्यक्रम आगरा सबजोन सहप्रभारी एवं भरतपुर सेवाकेंद्र प्रभारी राजयोगिनी ब्र. कु कविता बहनजी , अध्यक्षता में मनाया गया।
धरती पर स्वर्ग स्थापन करने के लिए परमात्मा ब्र.कु. बहनों के द्वारा यह ज्ञान देकर हमें अनुग्रहित कर रहे हैं। इस ज्ञान को जितना हम उठा सकेंगे उतना जीवन को सार्थक सिद्ध करते हुए सतयुगी युग में प्रवेश करेंगे यही इस संस्था का मुख्या उद्देस्य है “उक्त विचार मुख्य अतिथि रिटायर्ड पंचायत प्रचार -प्रसार अधिकारी भ्राता जगदीश जोशी जी ,ने अपने वक्तव्य में प्रस्तुत किये।
सम्पूर्णता की दिशा देते हुए कहा जाता है कि यादगारों में विश्व महाराजन श्रीकृष्ण का जन्म कंस की जेल में हुआ। कुछ -कुछ ऐसा ही स्वरूप इस विश्व व्यापी महामारी कोरोना ने विश्व के आगे प्रदान किया है जो यादगार है विश्व -कल्याणकारी परमात्मा का। सम्पन्नता को प्राप्त होते हुए विश्व के परिवर्तन में अपनी अहम् भूमिका अदा कर रही है। निकट भविष्य में समस्त सृस्टि का स्वरूप सर्वगुण संपन्न ,16 कला सम्पूर्ण ,मर्यादा पुरुषोत्तम श्री कृष्ण विश्व महाराजन के रूप में अखंड भूमि भारत भूमि पर जो विश्व गुरु के रूप में हो उसमें जन्म लेंगे। जिनकी यादगार स्वरूप आज भारत सहित समस्त विश्व जन्माष्टमी महोत्सव मना रहा है प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व- विद्यालय की ओर से हम सर्व मनुष्यात्माओं विश्व पिता परमात्मा को शुक्रिया अदा करते हैं कि अपने लव और अफैक्शन ,अलौकिक आध्यात्मिक पराविद्या के माध्यम से तमोप्रधानता को सतोप्रधानता प्रदान कर रहे हैं। “उक्त विचार राज.ब्र.कु.कविता बहन जी ने अध्यक्षता करते हुए अपने वक्तव्य में कहे।
श्रीकृष्ण को श्याम सुन्दर क्यों कहा जाता है ?आज तक हम शायद उत्तर नहीं ढूंढ पाए कि इतनी सुन्दर छवि को प्राप्त करने वाला श्रीकृष्ण जिसकी छवि को निहारने के लिए हम दूर -दूर तक जाते हैं। सुन्दर अर्थात श्रीकृष्ण की सतोप्रधानता की निशानी है और श्याम अर्थात तमोप्रधानता। जब आत्मा कर्मक्षेत्र पैर पार्ट बजाते -बजाते तमोगुणी हो जाती है तो वही श्रीकृष्ण का स्वरुप श्याम बन जाता है । आज भी मंदिरों में उसकी झलक देखने के लिए जाते हैऔर सोचते है कि इनके दरसन मात्र से हमारे पापकर्म विकर्म ख़त्म हो जायेंगे “उक्त विचार भरतपुर सेवा केन्द्र सह प्रभारी राजयोगिनी ब्र.कु. बबिता बहनजी ने अपने वक्तव्य में कहे।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में रि . कर्नल ओमवीर सिंह जी ,एवं रि . प्रधानाध्यापक भ्रा .बालमकुंड सैनी ,रिटायर्ड कर्नल तेजराम अपनी शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम की शुरआत दीप प्रजव्वलन कर सभी अतिथियों के द्वारा करके की गई एवं बीच बीच में दिव्य झांकियां का अवलोकन कराया गया एवं कुमारी मुस्कान ,कुमारी रूचि। कुमारी पायल ,के द्वारा दिव्य नृत्य ” घनश्याम तेरी वंसी” ,”राधा ढूंढ रही” गीत के माध्यम से नृत्य द्वारा सतयुगी दुनिया का दिव्य नजारा दिखाया गया एवं सभी ने मिलकर कार्यक्रम को समाप्त करते हुए रास भी किया कार्यक्रम के अंत में सभी ईश्वरीय प्रसाद भेट किया गया जिसमे अन्य कलाकार जाय ,अनन्या ,आस्था ,शिवम् ,सशी ,अन्य ब्रह्माकुमारी बहनें योगिता ,कनक गीता ,पावन ने अपनी महती भूमिका ऐडा की। कार्यक्रम का धन्यबाद ब्र.कु.जयसिंघ भाई ने किया ,मंच का कुशल संचालन ,ब्र कु प्रवीणा बहिन ने किया।