Bhagavad Gita as the Basis of Happiness in Life

Bhopal ( Madhya Pradesh ): The Brahma Kumaris of Blessing House, Sahastrabahu Nagar, in Bhopal, held a Bhagawad Gita discourse.  The theme of the day was ‘Bhagavad Gita as The Basis of Happiness in Life‘.

Rajyogini BK Veena, while speaking on this occasion, said that Bhagavad Gita contains the summary of happiness in life within it. The war mentioned therein depicts the eternal truth that we are a soul enslaved in this body. The secret of happiness in this life is doing good deeds. Practice of Rajyoga Meditation is extremely useful to cleanse the mind in today’s times.

BK Dr. Reena, In-charge of the local Brahma Kumaris center,  said that Brahma Kumaris is called World Spiritual University,  as it teaches people how this civilization started with the Golden Age, where gods and goddesses reigned Supreme. It was established by the Supreme Lord Himself. It teaches men how to become Godlike. BK Hemraj gave the welcome speech.

Child artists presented a dance based on the themes of Bhagavad Gita.

News in Hindi:

गीता के सार में है जीवन की खुशियों का आधार: ब्रह्माकुमारी वीणा दीदी
– ब्रह्माकुमारीज ब्लेसिंग हाउस सहस्त्रबाहु नगर में हुआ गीता प्रवचन का आयोजन।
भोपाल।
गीता में जीवन की खुशियों का सार समाया हुआ है। गीता में वर्णित युद्ध के माध्यम से यह शिक्षा
मिलती है कि हम एक आत्मा रूपी चैतन्य शक्ति है जो इस शरीर रूपी रथ पर विराजमान है। पांच
कर्मेन्द्रियों रूपी घोड़े यदि हमारे अनुसार चलते हैं तो हमारा जीवन खुशियों से भर जाता है। परमात्मा को यदि सारथी बनाकर कर्मेन्द्रियों रूपी घोड़ों की लगाम दे दी जाए तो व्यक्ति विषम परिस्थितियों के ऊपर विजय प्राप्त की जा सकती हैं। जीवन में खुशियों का आधार श्रेष्ठ कर्म है कर्म ही जीवन है श्रेष्ठ कर्म की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा की विकारी मनोवृति से मुक्त कर्म ही श्रेष्ठ कर्म है जिससे सभी के जीवन में सुख शांति का प्रभा होता है और खुशियां आती है वर्तमान समय नकारात्मक वातावरण में मनोवृत्ति को शुद्ध बनाने में राजयोग का अभ्यास अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह बातें कर्नाटक सिरसी से पधारी गीता ज्ञान विशेषज्ञ राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वीणा दीदी ने ब्रह्माकुमारीज सहस्त्रबाहुनगर भोपाल द्वारा आयोजित ‘गीता ज्ञान -खुशियों का आधार’ विषय पर व्याख्यान देते हुए कही |

निराकार परमात्मा ने की है इस विश्व विद्यालय की स्थापना-
सेवाकेंद्र प्रभारी बीके डॉ. रीना दीदी ने कहा कि विश्व विद्यालय उसे कहा जाता है जहां सारे विश्व के
इतिहास अर्थात् यहां दैवी-देवताओं का राज्य कब होता है, कैसे होता है। भूगोल अर्थात सृष्टि के चारों चक्रों का ज्ञान बताया जाए, उसे विश्व विद्यालय कहते हैं। ब्रह्माकुमारी विश्व विद्यालय की स्थापना स्वयं
निराकर परमात्मा ने की । इस यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने वाले और पढऩे वाले भाई बहनों को
ब्रह्माकुमार और ब्रह्माकुमारी कहते हैं। इस ईश्वरीय विश्वविद्यालय मे देवी-देवता बनने की शिक्षा दी
जाती है। भगवान ने गीता में कहा है कि जिसके कर्म ब्रह्मा के समान अर्थात् ब्रह्मचर्य का पालन करने
वाला, ब्रह्म को जानने वाला हो, वही सच्चा ब्राह्मण है। यह ज्ञान यज्ञ स्वयं परमपिता परमात्मा द्वारा
स्थापित अविनाशी रुद्र गीता ज्ञान यज्ञ ही है। कार्यक्रम में हेमराज भाई ने स्वागत उद्बोधन दिया।
कुमारी श्री, कुमारी पूजा, कुमारी आरती , कुमारी राधा ने सुंदर नृत्य के माध्यम से गीता ज्ञान का संदेश
सभी उपस्थितों को दिया।

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