Ambikapur Brahma Kumaris Pay Homage to Road Accident Victims

Ambikapur (Chhattisgarh): The Brahma Kumaris of Ambikapur in the Surguja District of Chhattisgarh held a special meditation to mark World Day of Remembrance for victims of road traffic.  Vivek Shukla, Additional S.P, Ravindra Tiwari of Mahendra Showroom, Ajay Tiwari of Art of Living, BK Vedanti from the Travel and Transport Wing, and BK Vidya, In-charge of Brahma Kumaris in Ambikapur, were present on this occasion.

Vivek Shukla, Chief Guest,  while paying tributes to the victims of road accidents said that sudden deaths are a difficult experience for the family members of the deceased.  Ignoring traffic rules and driving under inebriated conditions are the main causes of accidents.  Traffic Police will implement traffic rules stringently.  Everyone must make others aware of the rules as well. We are thankful to the Brahma Kumaris Organization for this initiative.

BK Vidya, In-charge of Brahma Kumaris in Ambikapur, said that the main causes of road accidents are fast lifestyle, mobiles, drugs and mental instability.  Physical protection is dependent on emotional control. Spiritual discipline helps controlling the mind and keeping it steady.  She held a Rajayoga session with commentary for the peace of the deceased and their families.

Ravindra Tiwari of Mahendra Showroom appreciated this initiative of Brahma Kumaris and said that the Organization is known all over the world for public welfare activities.  We must all follow traffic rules diligently.  Traffic rules must be taught in schools and colleges as well.

Ajay Tiwari from Art of Living said that today 23 percent of road accidents happen due to carelessness.  Caution and Awareness can aid in the prevention of accidents.

BK Vedanti shared traffic rules with everyone and practically demonstrated the traffic signals.  BK Pratima coordinated this program.

News in Hindi:

अम्बिकापुर : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय नव विश्व भवन चोपड़ापारा
द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ितों की स्मृति में विश्व यादगार दिवस पर विशेष मेडिटेशन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में एडिशनल एस.पी. भ्राता विवेक शुक्ला, महेन्द्रा शोरूम के संचालक रविन्द्र तिवारी, आर्ट ऑफ लिविंग के संचालक अजय तिवारी, यातायात के अधिकारी वेदांती बहन और सरगुजा संभाग की सेवाकेन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी ने द्वीप जलाकर सड़क दुर्घटना में पीड़ितों को श्रद्धांजलि दे कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला सड़क दुर्घटना में पीड़ितो को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये कहा कि वाहन दुर्घटना में आसामयिक मृत्यु परिवार जनों के लिये बहुत ही दर्दनाक, पीड़ादायक और कष्टदायक होती है। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से बताया कि यातायात के नियमों का ना पालन करने और नशे में वाहन चलाने से ही दुर्घटना होती हैं और कभी- कभी तो लापरवाही और हठधर्मिता के कारण भी दुर्घटना होती हैं जो और भी पीड़ादायक होता हैं। आगे उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन यातायात के नियमों के प्रति बहुत ही कड़ा नियम लागू करेगी जिसे सभी को पालन करना आवश्यक है और अपने आस- पडोस के लोगों को भी यातायात के नियमों की जानकरी दें जिससे इस असावधानियों और दुर्घटनाओं से बचें। और आगे उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्था ऐसे कार्यो के लिये धन्यवाद के पात्र है और यातायात पुलिस भी अपने कर्त्तव्य की ओर हमशा तत्पर और अग्रसर रहेंगे।
सरगुजा संभाग की सेवाकेन्द्र संचालिका बी.के.विद्या दीदी सड़क दुर्घटना में पीड़ितों की स्मृति के यादगार में अपना वक्तव्य देते हुये कहा कि वर्तमान समय दुर्घटना होने का मुख्य कारण है मनुष्य का जीवन फास्ट होना, मोबाइल, नशा और मन की अस्थिरता । क्योंकि इसके कारण मनुष्य कर्म और एक्षन कांसेस हो गया है जिसके वजह से ध्यान भंग हो जाता है, तनाव में आ जाता है और मन असन्तुलित हो जाता है जो बहुत बड़ी दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। केवल शारीरिक सुरक्षा का ज्ञान होना पर्याप्त नहीं हैं लेकिन भावानात्मक और मानसिक रूप से सकारात्मक भी होना जरूरी हैं तभी हम सुरक्षित रह सकते हैं और जहाँ पर तीन एच अर्थात् हैण्ड, हेड और हार्ट एक दिशा पर काम कर रहे हैं तो वहाँ पर दुर्घटना के केसेस भी कम होते हैं। परन्तु जब हम सोचते कुछ और है और हमारा दिल कुछ और कह रहा है और कर कुछ और रहे हैं तो निश्चित रूप से दुर्घटना बढ़ता हैं और अगर हमने मन को सन्तुलित कर लिया तो से हमारी भावना भी सकारात्मक हो जाती हैं और जहाँ पर मन संतुलित हैं तो हमारा जीवन संतुलित होता हैं और जीवन अगर संतुलित हो गया तो हमारा संपूर्ण जीवन सुरक्षित हो जाता हैं और जो स्वयं सुरक्षित हैं वही दूसरों को भी सुरक्षित रख सकता हैं। इसलिये वर्तमान समय मन का संतुलन होना बहुत जरूरी हैं। दुर्घटना ना हो उसके लिये आध्यात्मिकता की ओर ध्यान खिचवाते हुये बताया कि आध्यात्मिकता से मन, बुद्धि कन्ट्रोल में आता जिससे दुर्घटना से बचना संभव हैं क्योंकि आध्यात्मिकता हमें जीवन जीने की कला सिखाती हैं और सुरक्षा हमंे जीवन जीने का ढंग सिखाती है और दोनों तरफ से जीवन में सेफ होना बहुत जरूरी हैं। चूंकि शारीरिक रूप से सारे नियमों का पालन तो कर लिया लेकिन हम मानसिक रूप से असंतुलित है तो पूर्ण रूप से हम सुरक्षित नहीं कहे जायेंगे इसके लियेे बोल, एक्षन, फीलिंग और इमोशनल इन चारों को सकारात्मक होना जरूरी है तभी हम दुर्घटनाओं से बच सकतें है। और आने वाली पीढियों को भी सुरक्षित रख सकते हैं। आगे उन्होने सड़क दुर्घटना में मृत आत्माओं को शांति एवं पीड़ितों तथा उनके परिवार जनों को मानसिक संबल प्राप्त हो इसके लिये राजयोग मेडिटेषन कॉमेंट्री के माध्यम से प्रदान किया गया।

महेन्द्रा शोरूम के संचालक रविन्द्र तिवारी ने ब्रह्माकुमारी संस्था का सराहना करते हुये कहा यह संस्था किसी भी पहचान की मोहताज नहीं है विश्व कल्याण और मानव सेवा के लिये समर्पित यह संस्था विभिन्न कार्याें के लिये पूरे विश्वभर में जानी जाती हैं। और सड़क दुर्घटना में पीड़ितों की स्मृति के यादगार दिवस पर वाहन दुर्घटना में आसामयिक मौत हुये लोंगों को यादकर श्रद्धांजलि दी और कहा कि सभी को शासन और प्रशासन द्वारा बनाये गये नियमों को कड़ाई से पालन करना चाहिये तभी हम अपने परिजनों को और समाज के लोगों को खोने से बचा सकते हैं और प्रत्येक नागरिक को यातायात के नियमों को पालन करने के लिये जागरूक होना चाहिये। दुर्घटना होने का मूल वजह है अज्ञानता हठधर्मिता नियमों का पालन न करना और लापरवाही जिसके कारण ही मृत्यु का दर बढ़ता जा रहा हैं और आगे उन्होंने कहा कि यातायात से सम्बन्धित शिक्षा अनिवार्य रूप से स्कूलों एवं कॉलेजों के विद्यार्थियों को देना चाहियें।
आर्ट ऑफ लिविंग के संचालक अजय तिवारी जी ने कहा कि वर्तमान समय 23 प्रतिशत दुर्घटना भागदौड़ के कारण हो रहा हैं। यातायात के पुलिस का प्रतिबद्धता और कर्मठता के कारण ही इस भागदौड़ को हद तक नियंत्रण करने में सफल हुये हैं। इस विकट परिस्थिति को ध्यान और जागरूकता के माध्यम से रोक सकते हैं इसके लिये सभी को स्वतंत्र नहीं बल्कि स्वाधीन होना पडे़गा।
यातायात के अधिकारी वेदांती बहन के यातायात के नियमों की जानकारी देते हुये यातायात के संकेत को प्रैक्टिकल करके लोगों को बताया।
कार्यक्रम का सफल संचालन ब्रह्माकुमारी प्रतिमा बहन ने किया और उन्होंने सड़क दुर्घटना में मृत जनों के औसत दर का ऑकडा बताते हुये कहा किहर 6 सेकेण्ड में एक व्यक्ति घायल होता है, हर 25 सेकेण्ड में एक मृत्यु होती हैं।

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