Three-Day Dialogue for Media Professionals at ORC

Gurugram ( Haryana ): A three-day dialogue on the theme “Spiritual Empowerment and Stress Management” was held at Om Shanti Retreat Center (ORC) in Bhorakalan. A large number of media professionals from the Delhi NCR region participated in this event.

Former director of the Indian Institution of Mass Communication Mr. KG Suresh said that the influence of spirituality results in positive journalism. The aim of the media is not only to point at the shortcomings in society but also to highlight its positive aspects.

Former editor of The Pioneer, Mr. Pradeep Mathur, highlighted the need of spirituality and good values for achieving excellence in journalism.

Veteran journalist NK Singh talked about the degradation of media because of the influence of market culture on its policies. He described this dialogue as a golden opportunity for all.

In charge of the Om Shanti Retreat Center BK Asha, while addressing the gathering, said that good journalism is not possible without inner empowerment. Rajayoga meditation can make us fearless and enable us to report fairly. The more stress-free the media people are, the better will be their understanding of important issues.

Senior Rajyoga Teacher BK Shukla said that Bharat was known as the land of exalted beings. But mental weaknesses led to its fall. Only through the spiritual path can it become golden again.

News in Hindi:

मीडिया कर्मियों के लिए तीन दिवसीय संवाद का शुभारम्भ

बेहतर पत्रकारिता के लिए आध्यात्मिक जागृति ज़रूरी- के.जी.सुरेश

भयमुक्त पत्रकारिता के लिए राजयोग ज़रूरी-बी.के.आशा

गुरूग्राम:

ब्रह्माकुमारीज़ के भोड़ाकलां स्थित ओम् शान्ति रिट्रीट सेन्टर में मीडिया कर्मियों के लिए आंतरिक सशक्तिकरण एवं तनाव प्रबन्ध विषय पर तीन दिवसीय संवाद की शुरूआत हुई। कार्यक्रम में काफी संख्या में दिल्ली एवं एनसीआर के अनेक मीडिया कर्मी सम्मिलित हुए। भारतीय जन संचार संस्थान के पूर्व महानिदेशक के.जी. सुरेश ने कहा कि आध्यात्मिकता हमें सकारात्मक पत्रकारिता की तरफ ले जाती है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का अर्थ केवल समाजिक बुराईयों को ही दिखाना नहीं बल्कि समाज के सकारात्मक पक्ष को भी उजागर करना है जिससे लोगों को प्रेरणा मिले।

पायनियर के पूर्व संपादक प्रदीप माथुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए जीवन में श्रेष्ठ मूल्यों एवं चरित्र का होना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय पत्रकारिता तकनीकी के विकास के कारण कम खर्चीली हो गई है। तकनीक का सही उपयोग करने के लिए समझ बहुत ज़रूरी है।

वरिष्ठ पत्रकार एन.के.सिंह ने कहा कि मीडिया की बाजारू प्रवृत्ति ने विचारों को जड़वत बना दिया है। उन्होंने कहा कि समाचार देना बड़ी बात नहीं है। लेकिन समाचारों के रूप में हम क्या परोस रहे हैं, इस पर विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ एक अद्भुत संस्था है। जो मानव को आध्यात्मिक जागृति के माध्यम से मूल्यों के प्रति सजग कर रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम के द्वारा ब्रह्माकुमारीज़ ने पत्रकारों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान किया है।

इस विशेष अवसर पर बोलते हुए ओआरसी की निदेशिका आशा दीदी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि बेहतर पत्रकारिता के लिए हमें पहले स्वयं को सशक्त करना होगा। उन्होंने कहा कि राजयोग के द्वारा हम भयमुक्त बनते हैं जिससे ही हम निष्पक्ष पत्रकारिता कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जितना मिडिया से जुड़े लोग तनावमुक्त होंगे, उतना ही चीज़ों को बेहतर ढग़ से समझ सकेंगे।

वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका शुक्ला  दीदी ने कहा कि भारत भूमि, देव भूमि कहलाती है। लेकिन आज मानव अपने ही मनोविकारों में फँसकर दानव बन चुका है। उन्होंने कहा कि नैतिकता के बल पर ही हम बेहतर विश्व बना सकते हैं।

वरिष्ठ पत्रकार कमल दीक्षित ने कार्यक्रम का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि आंतरिक सशक्तिकरण के द्वारा पत्रकारों में सच कहने का साहस पैदा करना ही इसका मुख्य लक्ष्य है। कार्यक्रम का संचालन बी.के. सुशांत ने किया।

 

 

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