‘Spiritual Life-Value Based Society’ National Conference By Social Service Wing

Abu Road( Rajasthan): The Social Service Wing of RERF,  in collaboration with Brahma Kumaris,  held a four day National Conference at Manmohinivan Premises. The theme of this conference was “Spiritual Life- Value Based Society‘. It was attended by around 600 social workers from all corners of the Nation.

Dr. Ginendra Jain, District Governor,  Rotary  Club-3040, Bhopal, congratulated the Brahma Kumaris for making numerous efforts for the well being and happiness of all. He said that it is true that spirituality teaches us the art of living a balanced life.

Girdhar Prasad Bhagat, Founder of Saint Hardyal Education Society from Delhi, said that the spiritual knowledge of Brahma Kumaris surpasses the power of science. Today’s society is in dire need of this knowledge.

Sushma Trivedi, Chairperson,  Saraswati Vidya Vikas Samiti,  Indore,  said that the spiritual education of Brahma Kumaris needs to be taught in every school.  It makes children aware of service towards others.  She has seen heaven while living at Brahma Kumaris.

BK Nirwair,  Secretary General of Brahma Kumaris,  urged the participants to work for spiritual upliftment via a video message.

BK Brij Mohan,  Additional Secretary General of Brahma Kumaris,  said that we need to change the parameters of social service today. Social Service will become effective only when there is a balance between spirituality and morality in life.

BK Santosh, Chairperson of the Social Service Wing, said that only those who are capable of sacrifice can do social service.  Those who can offer selfless service can take the society towards the right direction.

BK Prem, Vice President of Social Service Wing, apprised the audience about the aims and objectives of this conference.  He said that Brahma Kumaris belongs to that class of social service organizations that work for social upliftment.

BK Avatar, National Coordinator of Social Service Wing, while welcoming everyone, said that during the Golden Age this society was very prosperous and no social service organizations were needed.  We must transform ourselves spiritually to create a Golden World once again .

News in Hindi:

आबू रोड:  इंदौर से आये Dist. Governor, Rotary Club-3040, Bhopal डॉ. जिनेन्द्र जैन ने कहा कि यह सत्य है कि आध्यात्मिकता के फलस्वरूप प्रत्येक व्यक्ति के अंदर संयमित जीवन जीने की कला आ जाती है। सर्व के सुखी जीवन के लिए संस्था के जो सफल प्रयास हैं उनके लिए मेरी ओर से हार्दिक बधाई। परमपिता परमात्मा शिव के द्वारा स्थापन की गई इस संस्था की विशेष बात यह है कि संस्था का संचालन प्रमुख रूप से नारी शक्ति के द्वारा किया जाता है। मातृ शक्ति सम्मान के योग्य है जो विश्व में शांति व सद्भाव स्थापित करने के कार्य में जुटी है। सुखी, श्रेष्ठ समाज की स्थापना के लिए कार्य करने वाले समाजसेवी श्रेष्ठ व वंदनीय है, परम सौभाग्यशाली हैं। यह बात उन्होंने ब्रह्माकुमारीज के मनमोहिनीवन स्थित ग्लोबल ऑडिटोरियम में समाज सेवा प्रभाग द्वारा आयोजित चार दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।

विज्ञान से भी ऊपर है ब्रह्माकुमारीज़ का ज्ञान : श्री भगत
दिल्ली से आये Saint Hardayal Education Society Founder श्री गिरधर प्रसाद भगत ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज का आध्यात्मिक ज्ञान, विज्ञान से भी ऊपर है इसकी आज के समाज को सख्त जरुरत है। विद्यालयों में नैतिक मूल्यों के ज्ञान का अभाव है। एक समय था जब श्रवण कुमार ने अपने माता-पिता को अपने कन्धों पर उठाकर सभी तीर्थ यात्रायें कराई लेकिन आज के श्रवण कुमार अपने वृद्ध माता पिता को ऑटो में बिठाकर कहीं भी अनजान जगह छोड़कर आ जाते हैं। यहाँ कई प्रकार के समाजसेवी बैठे हैं जो देश और दुनिया में कई प्रकार की समाज सेवा कर रहे हैं लेकिन आज जरूरत है सभी को जागरूक करने की, आध्यात्मिक ज्ञान की, जो लोगों के अंदर के मूल्यों को जगाये। आखिर कितने वृद्धाश्रम खोले जायेंगे, कितने समाज सेवी संस्थाएं खोली जाए! जरुरत है एक ऐसे ज्ञान की जो लोगों को लाचार और बीमार होने से बचाये। हम सभी समाज सेवकों की जो जिंदगी है गुलाब के पौधों जैसी है, जिसमें बहुत सारे कांटे हैं लेकिन अथक परिश्रम से उन काँटों के बीच जो फूल निकलता है तो काफी सुन्दर लगता है, जिस दिन हम सभी समाज सेवियों के अंदर आध्यात्मिक चेतना और नैतिक मूल्य आ जायेंगे उस दिन समाज भी गुलाब की खुशबू से महकेगा।
जीते जी देख लिया स्वर्ग : श्रीमती त्रिवेदी
इंदौर से पधारी श्रीमती सुषमा त्रिदेवी ( Chairperson, Saraswati Vidya Vikas Samiti, Indore) ने कहा कि अपने माता-पिता के प्रति सेवा, जन जागृति व समाज सेवा के जिस पाठ को ब्रह्माकुमारीज़ संसथान में दिया जा रहा है ऐसी शिक्षा को हर विद्यालय में देने की जरुरत है, जिससे बच्चा बचपन से ही सेवा भाव के प्रति सजग रहे। उन्होंने कहा कि लोग तो मरकर स्वर्ग जाते हैं लेकिन हमने जीते जी स्वर्ग देख लिए। यहाँ आने के बाद जिस तरह का स्वर्गमय वातावरण मिला इसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते थे। उन्होंने अपने बारे में बताया कि 1984 में उन्होंने वृद्धाश्रम खोले ये देखते हुए कि किस तरह से घरों से वृद्धों को निकालकर लाचार हालात में सड़कों पर छोड़ दिया जाता है। ऐसे समय में वो आखिर कहाँ जाएँ, फिर उनके लिए एक आश्रम की स्थापना की और उनके बच्चों को बुलाकर अपने माता-पिता की सेवा के प्रति शिक्षाएं भी दी।
आध्यात्मिक उत्थान का सन्देश
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के महासचिव राजयोगी बीके निर्वैर ने विडिओ सन्देश के माध्यम से समाज सेवियों में आध्यात्मिक उत्थान का सन्देश दिया।
प्रारूप को बदलने की जरुरत
 
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बी के बृजमोहन ने कहा कि वर्तमान में समाज सेवा के प्रारूप को बदलने की जरुरत है। पेड़ लगाने वालों की संख्या में और पेड़ काटने वालों की सख्या में, बीमारी और लाचारी मिटाने वालों की संख्या में और बीमारी और लाचारी बढ़ाने वालों की सख्या में बहुत बड़ा अंतर है। समाज सेवा तभी गतिमान होगी जब जीवन में अध्यात्मिकता व नैतिकता का समावेश किया जाए।
त्याग के बिना सेवा नहीं हो सकती
समाज सेवा प्रभाग की अध्यक्षा बी के संतोष दीदी ने कहा कि समाज सेवा वही कर सकते हैं जिनके अंदर त्याग है, त्याग के बिना कभी सेवा नहीं हो सकती। समय, श्वांस, संकल्प, तन, मन और धन निःस्वार्थ रूप से सेवा में लगाने वाले समाज सेवी ही समाज को सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं। समाज सेवा के लिए स्व परिवर्तन बहुत जरुरी है, क्योंकि जो स्वयं में परिवर्तन लाता है वही समाज में परिवर्तन ला सकता है।
सम्मेलन के उद्देश्यों की जानकारी दी

समाज सेवा प्रभाग उपाध्यक्ष बी के प्रेम भाई ने सम्मलेन के उदेश्य की जानकारी देते हुए कहा कि समाज सेवा दो प्रकार की है – एक वो जो रोटी, कपडा, मकान, विद्या और औषधि देता है, जिस दिशा में  आज हज़ारों-लाखों  संस्थाएं कार्य कर रही हैं और आवश्यक भी है। दूसरा है समाज सुधारक, ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान भी समाज सुधारक के रूप में अपनी सेवाएं दे रही है। इसी उदेश्य के साथ यहाँ सम्मलेन आयोजित किया गया है जिससे हर समाज सेवी समाज सेवा के साथ एक समाज सुधारक भी बन सके। ईश्वरीय नियमों को जीवन में आत्मसात करने वाले समाजसेवी निरंतर समाज उत्थान में अहम योगदान दे सकते हैं

Videos Links
 
Reception Session : https://youtu.be/KD5QYbzM3tk
Inaugural Session : https://youtu.be/fEsH3vWD4pA
Lecture & Plenary Session 1 : https://youtu.be/wa9gp9zyBEs
Plenary Session 2 : https://youtu.be/jBUUILYgghE
Lecture & Valedictory Session 2 : https://youtu.be/lNT4aSWguYg

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