‘Solution-Based Media Towards Prosperous Bharat’ : Seminar in Kesli

Kesli, Sagar( Madhya Pradesh ): Rural journalism has not reached the root problems even today. We still have to recover from the old Orthodox traditions. Today there is a need to focus on the problems of rural development said the Chief Guest, Dr. Harisingh Gour University Professor and IT Expert Dr. K. Krishna Rao. The occasion was the media seminar organized by the Kesli center and Media Wing of Brahma Kumaris, under the campaign from Amrit Mahotsav of Independence to Golden India. The seminar was organized on the topic “Solution-Based Media Towards Prosperous Bharat”.
He said that according to a research, every year four to five crore rupees are going from every village for drug, liquor, gutkha etc. Out of this, the tax of one and a half to two crore rupees goes to the government. If all the people of the village become drug-free, then this money will be saved, and if it is used for village development, then every village will become a model village.

Prioritize the good news…
Keynote speaker Dr. Ashish Dwivedi, Director, Inc. Media Institute of Journalism and Mass Communication said that the job of journalism is to build an informed, logical, legal and egalitarian society. We have to inculcate sense of responsibility, sense of duty feeling in the people, and only then a conscious society will be created.

You are all eyes….
Poet, writer Ambika Yadav said that society looks at you with the eyes of hope. Senior journalist Deependra Tiwari said that the media will have to make the society aware of its historical heritage, golden culture with its pen.

Motivational speaker BK Ashish, who came from Bhopal, said that you are all lamps and a single lamp is enough to tear out the darkness. Introducing the organization, BK Anuradha said that the message of Raja Yoga meditation is being given by Brahma Kumaris in 140 countries. Motivational writer Pushpendra Sahu and BK Sandhya were also present.

News in Hindi:

अपनी लेखनी से समाज में सकारात्मकता का माहौल बनाएं: डॉ. कृष्णा राव
खबर लिखने के पहले सोचें इसका समाज पर क्या असर होगा: डॉ. आशीष द्विवेदी
– ब्रह्माकुमारीज केसली के मीडिया विंग की ओर से मीडिया सेमिनार आयोजित
– आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर अभियान के तहत आयोजन

सागर: ग्रामीण पत्रकारिता आज भी मूल समस्याओं तक नहीं पहुँची है। पुरानी रूढ़िवादी परंपराओं से हम अभी भी उबर पाए हैं। आज ग्रामीण विकास की समस्याओं पर फोकस करने की जरूरत है। पत्रकारों पर समाज को सकारात्मक दिशा देने की महती जिम्मेदारी है, जिसका निर्वहन हमें करना होगा।
उक्त उदगार मुख्य अतिथि डॉ. हरिसिंह गौर विश्वद्यालय के प्रोफेसर व आईटी एक्सपर्ट डॉ. के. कृष्णा राव ने व्यक्त किए। मौका था ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के केसली सेवाकेन्द्र और मीडिया विंग की ओर से आयोजित मीडिया सेमिनार का। आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर अभियान के तहत समाधानपरक पत्रकारिता से समृद्ध भारत की ओर विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया।
उन्होंने कहा कि एक शोध के मुताबिक प्रत्येक गांव से हर वर्ष चार से पांच करोड़ रुपये नशा, शराब, गुटखा आदि में जा रहा है। इसमें से डेढ़ से दो करोड़ रुपये का टैक्स सरकार के पास जाता है। यदि गांव के सभी लोग नशामुक्त हो जाएं तो यह पैसा बचेगा और यदि इसे ग्राम विकास में लगाया जाए तो हर गांव आदर्श गांव बन जाएगा।

शुभ-मंगल की खबर को प्राथमिकता दें…
मुख्य वक्ता इंक मीडिया इंस्टीट्यूट ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के डायरेक्टर डॉ. आशीष द्विवेदी ने कहा कि
पत्रकारिता का काम एक सूचनासम्मत, तर्क सम्मत, विधिसम्मत और समतामूलक समाज का निर्माण करना है। हमें लोगों के भीतर दायित्व बोध, कर्तव्य बोध, भाव बोध पैदा करना होगा, तभी एक चैतन्यशील समाज की रचना होगी। पत्रकार को समस्या मूलक पत्रकारिता की जगह उनके समाधान पर भी चर्चा करनी चाहिए, तभी उसकी सार्थकता है। अभी सकारात्मक और सात्विक पत्रकारिता की दिशा में बहुत काम किया जाना बाकी है। सकारात्मकता की बात खुद से शुरू होती है। जैसा देखेंगे, जैसा पढ़ेंगे, वैसे हमारे विचार बनते हैं। हमारे जीवन में वाइब्रेशन का बड़ा असर होता है। शुभ की, मंगल की खबर छापिए, इसे पढ़कर समाज में भी अच्छा माहौल बनेगा। हमारे समाज में अव्यवस्था की गंदगी आ गयी है, इसे अपनी लेखनी से बदलना होगा। यह चिंतन का विषय है कि सुबह हम अखबार पढ़ते हैं और फ्रंट पेज पर दो साल की मासूम से दुराचार की खबर पढ़कर पाठकों की क्या मानसिकता बनेगी। समाज में नकारात्मकता को पेश कर हम क्या साबित करना चाह रहे हैं?। हमें तय करना है कि हम मक्की बनना चाहते हैं कि तितली।

आप है सबकी निगाहें….
कवि, लेखक अम्बिका यादव ने कहा कि समाज आपके आशा की निगाहों से देखता है। वरिष्ठ पत्रकार दीपेंद्र तिवारी ने कहा कि मीडिया को अपनी ऐतिहासिक धरोहरों, स्वर्णिम संस्कृति को अपनी कलम से समाज को रुबरु कराना होगा। भोपाल से आये मोटिवेशनल स्पीकर बीके आशीष ने कहा कि आप सभी दीपक है और एक अकेला दीपक अंधेरे को चीरने के लिए काफी होता है। बीके अनुराधा दीदी ने संस्था का परिचय देते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारीज द्वारा 140 देशों में राजयोग मेडिटेशन का संदेश दिया जा रहा है। मोटिवेशनल लेखक पुष्पेंद्र साहू ने कहा कि अपनी लेखनी से समस्याओं के साथ समाधान भी पेश करें।
सेवाकेन्द्र प्रभारी बीके संध्या ने मंच संचालन करते हुए पत्रकारों से अच्छी खबरों को बढ़ावा देने का आह्वान किया। समापन पर सभी अतिथियों और पत्रकारों का सम्मान किया गया।

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