Seminar On Role of Teachers and Journalists In Creating A Value Based Society

Dwarka( New Delhi ): The Brahma Kumaris held a Seminar on the topic ‘Role of Teachers and Journalists In Creating A Value Based Society‘, at Sector 44 Rajayoga Service Center in Dwarka.

Prof. Sanjay Dwivedi, Director of IIMC of Ministry of Information and Broadcasting GOI, while speaking on this occasion said that when we connect with spiritual principles,  we become selfless and more humane. But, under the influence of western media, Indian media has started considering negativity as a journalistic value. We must Indianize our media. Only then, will it reflect our cherished values.

Anuradha Prasad, Director of News 24 Channel and Special Guest, said that media is the force binding Bharat together.  What we need the most today is Positive Journalism. Media these days is increasingly taking sides on issues, instead of just accurately reporting.  It has become a very commercialized space.

BK Asha, Director of ORC Gurgaon,  in her video address said that we all value and praise teachers, but are they propagating good values? Some basic fundamental values like transformation instead of punishment,  not hurting anyone, giving happiness to all, Brotherhood and harmony should be inculcated by all teachers themselves first. Having the right conduct is the best teaching by example.

BK Saroj, Chief Coordinator of this program,  said that without self transformation,  there can’t be any lasting social transformation.  By connecting to God, the repository of all good values, through Rajayoga,  we can easily build a value based society.

A group Rajayoga session was also held. Many prominent and senior journalists also shared their views on this topic.  Students of the local girls school gave beautiful musical performances.

News in Hindi:

मूल्य आधारित समाज के निर्माण में शिक्षकों व पत्रकारों की भूमिका पर सेमिनार का आयोजन हुआ 
“मीडिया के भारतीयकरण से ही मीडिया मूल्यनिष्ठ होगा” – प्रो० संजय द्विवेदी
नई दिल्ली:  “जब हम आध्यात्म से जुड़ते है तो स्वार्थ से दूर हो जाते हैं और ऐसी मूल्य आधारित जीवन शैली हमें मनुष्यता के करीब ले जाती है। परन्तु विदेशी मीडिया से भारतीय मीडिया के उद्गम के कारण नकारात्मकता को भी मूल्य माना जा रहा है। अब मीडिया के भारतीयकरण से ही इसमें सकारात्मक मूल्यों का समावेश होगा। एवं मीडिया मूल्य निष्ठ होगा।”
यह बात भारत सरकार के सूचना व प्रसारण मंत्रालय की आईआईएमसी के महा निर्देशक प्रो. संजय द्विवेदी ने ‘मूल्य आधारित समाज के निर्माण में शिक्षकों व पत्रकारों की भूमिका” विषय पर आज आयोजित एक सेमीनार में मुख्य अतिथि के रूप में कहा । यह सेमिनार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा संस्था के द्वारिका सेक्टर ११ स्थित राजयोग ध्यान केंद्र पर आयोजित किया गया था।
न्यूज़ २४ चैनल की निदेशक अनुराधा प्रसाद ने विशिष्ठ अतिथि के रूप में कहा कि मीडिया कम्युनिकेशन व संवाद ने ही सम्पूर्ण भारत को एकता की सूत्र में  जोड़ रखा है। उन्होंने कहा की आज समाज में सबसे ज्यादा जरुरत सकारात्मक संवाद की है, जो समाज में कम होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि मीडिया का रोल सही बात को सही रूप में परोस ने के बजाए, उसके पक्ष या विपक्ष में खड़ा होता नजर आ रहा है। खास कर सोशल मीडिया में लाइक व डिस लाइक के आंकड़े के पीछे मीडिया मूल्यों में समझौता हो रहा है और मीडिया बाजारी मूल्यों के चपेट में आ गया है।
ओमशांति रिट्रीट सेंटर, गुरुग्राम की निदेशका ब्रह्माकुमारी आशा जी ने अपने विडियो सन्देश में कहा कि टीचर की महिमा तो करते हैं, परन्तु क्या वे उनके मूल्यों को आगे लेकर जा रहे हैं ? कुछ  मूलभूत सिद्धांत जैसे की बदला न लो बदल कर दिखाओ, न दुःख दो न दुःख लो, सुख दो सुख लो, सर्व के प्रति शुभ भावना और कामना रखो आदि को जब हम स्वयं में धारण करेंगे, तो हमे देख और भी ऐसे करने लगेंगे। इसे कहते हैं, आचरण द्वारा शिक्षा देना।
इस अवसर पर कार्यक्रम की मुख्य संयोजिका ब्रह्माकुमारी सरोज ने बताया कि बाह्य परिवर्तन से पहले आंतरिक परिवर्तन जरुरी है और पहले स्वयं में मूल्यों के आधार पर परिवर्तन लाना होगा। तभी  समाज, देश और विश्व में परिवर्तन होगा। उन्होंने कहा की सभी मूल्यों का मूल उद्देश्य मानव जीवन व सामाज में सच्ची सुख, शांति, प्रेम, आनंद, पवित्रता आदि गुण और शक्तियों की पुनः स्थापना है। इन सकारात्मक गुणों के श्रोत व सागर परमपिता परमात्मा शिव से राजयोग मैडिटेशन के माध्यम सम्बन्ध जोड़कर ही हम अपने जीवन व सामाज को मूल्यनिष्ठ बना सकते है ।

कार्यक्रम के मध्य में समस्त उपस्थित लोगों को सामूहिक राजयोग ध्यान का अभ्यास कराया गया। आंतरिक शांति व शक्ति की अनुभूति कराई गई। अंत में कुछ वरिष्ठ शिक्षा विद व वरिष्ठ पत्रकारों ने अपनी अनुभव युक्त विचार रखे। स्थानीय बालिका विद्यालय के छात्राओं ने अपनी भावमयी गीत संगीत प्रस्तुत किए।

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