Bilaspur ( Madhya Pradesh ): The Brahma Kumaris of Tikrapara Centre in Bilaspur in Madhya Pradesh organized a program to felicitate the Farmers at their respective Centre on National Farmer’s Day. A Webinar was hosted with the theme ‘Smiling Farmer, Smiling Bharat‘. The function was conducted with the collaboration of the Agriculture and Rural Development Wing of the Rajayoga Education and Research Foundation in Mount Abu, Rajasthan, and the Brahma Kumaris of Tikrapara Centre. During this program, the Farmers were honored by the BK sisters. On this occasion, Mr. Sanjay Agrawal, Former President of Chhattisgarh Yoga Commission and Central in Charge of Patanjali; Mr. Anil Kaushik, Assistant Director of Agriculture, Bilaspur, and BK Manju extended their Best Wishes.
Mr. Anil Kaushik asked the farmers to adopt Consistent Yogic Farming and use Natural Organic Manures. They must know and receive benefits from various plans the Government is formulating for them. He said that this day is celebrated as National Farmer’s Day, in memory of our first Agriculture Minister Mr. Choudhary Charan Singh’s Birthday as he did a lot for the welfare of farmers and has implemented many projects for their upliftment.
BK Manju, Tikrapara Centre in Charge said, “This Webinar is conducted to highlight the greatness of farmers, to make them aware of and encourage them to adopt Consistent Yogic Farming.” She said that every farmer is the Pride of the Nation. He stands for Penance and Sacrifice. She said, “Krushi (toiling) and Rushi (Hermit) match in pronouncing. The Hermit does Penance on the mountains and the Farmer toils hard to produce Gold from the Soil. Hot Sun, critical Cold, and incessant Rainfalls divert him from his dedicated efforts. He is the backbone of the Nation. More than half of the Indian population dwells in villages and agriculture is their main source of income. Therefore while taking food we must heartily remember to thank and bless them. We must pay regard to the food and must be careful that it should never be wasted.
This Day is an occasion to pay respect to the farmers. It must be observed all over the country with great fervor. She added “Jai Eemaan” in the slogan, “Jai Jawan, Jai Kisan” and hailed the prestige of farmers. She then said that The Supreme Power, The Supreme Soul is called the Ocean of Love. Descending on Earth, imparting the lesson of Love to us, recreating the new World where there will be Love and only Love. There would not be any trace of Sorrow, Hatred, and Peacelessness. Being His children, we too must share Love with all and pay Regard to others. Our thoughts influence Nature. So pure food Grains should be grown through Consistent Yogic Farming and using Organic Manures.
किसान की मुस्कुराहट से ही देश की मुस्कुराहट – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी
राष्ट्रीय किसान दिवस पर ‘मुस्कुराए किसान – मुस्कुराए भारत’ थीम पर कार्यक्रम का आयोजन
ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में किया गया किसानों का सम्मान
बिलासपुर टिकरापारा :- टिकरापारा सेवाकेन्द्र में ‘मुस्कुराए किसान-मुस्कुराए भारत’ विशय पर किसानों के सम्मान में समारोह का आयोजन किया गया जिसमें सेवाकेन्द्र की बहनों की ओर से किसान भाईयों को अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित किया गया। उनके सम्मान के लिए पतंजलि के केन्द्रीय प्रभारी व छ.ग. योग आयोग के पूर्व अध्यक्ष भ्राता संजय अग्रवाल जी, बिलासपुर के कृषि सहायक संचालक भ्राता अनिल कौशिक जी व मंजू दीदी जी ने शुभकामना भरे उद्बोधन दिए।
कठिनाईयों का सामना करके भी हमारे लिए अन्न की व्यवस्था करते हैं किसान – संजय अग्रवाल
भ्राता संजय अग्रवाल जी ने इस ऑनलाइन वेबिनार में शुभकामनाएं देते हुए कहा कि किसान हमारे अन्नदाता नमनयोग्य हैं जो प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करते हुए मेहनत करके भी हमारे जीवित रहने के लिए अन्न के साथ अनेक औशधियों की पैदावार करते हैं। आज के विषय के अनुसार हमारे देश के किसान और मेहनत करने वाले मजदूर की मुस्कुराहट के लिए हमें प्रतिदिन की प्रभु वंदना में किसानों की उन्नति, प्रसन्नता व समृद्धि के लिए भी प्रार्थना जरूर करना चाहिए।
नई शासकीय योजनाओं का पूर्णतः लाभ लें किसान…अनिल कौषिक
बिलासपुर के कृषि विभाग के सहायक संचालक भ्राता अनिल कौषिक जी ने किसानों को बधाई देकर आग्रह करते हुए कहा कि वे शास्वत यौगिक खेती व जैविक खेती से जुड़ें। शासन द्वारा किसानों के लिए बनाई गई नई-नई नीतियों व योजनाओं की जानकारी लेकर उनका लाभ लें। उन्होंने कहा कि आज का दिन भारत के प्रथम कृषि मंत्री चौधरी चरण सिंह जी के जन्मदिवस पर किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में किसानों के हित के लिए बहुत कार्य किए, बहुत सी योजनाएं बनाईं।
देश की रीढ़ की हड्डी व त्याग-तपस्या का दूसरा नाम है किसान…ब्र.कु. मंजू दीदी
टिकरापारा सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्र.कु. मंजू दीदी जी ने कहा कि यह वेबिनार व सम्मान समारोह किसानों की महत्ता को उजागर करने व शास्वत यौगिक खेती की जानकारी देने व उसके लिए प्रेरित करने के लिए आयोजित किया गया। उन्होंने बतलाया कि एक-एक किसान देश की शान है, वह त्याग और तपस्या का दूसरा नाम है। कृषि और ऋषि दोनों ही मिलते-जुलते षब्द हैं। ऋषि पर्वतों पर तपस्या करते हैं और किसान जीवन भर मिट्टी से सोना उत्पन्न करने की तपस्या करते हैं। तपती धूप, कड़ाके की ठण्ड और मूसलाधार बारिष भी उनकी इस साधना को तोड़ नहीं सकती । वह इस देश की रीढ़ की हड्डी है।भारत की आधी से अधिक आबादी गांवों में बसती है जिसमें ज्यादातर किसान होते हैं और कृषि ही उनकी आय का मुख्य साधन है इसलिए हमें अन्न ग्रहण करते समय उस अन्नदाता को याद करते हुए उनका दिल से धन्यवाद कर उन्हें दुआ देना चाहिए और अन्न का सम्मान करते हुए, कभी भी अन्न व्यर्थ न जाए इसका ध्यान रखना चाहिए। यह किसान दिवस एक अवसर है किसानों के सम्मान का अतः पूरे देश में यह धूमधाम से मनाना चाहिए। दीदी ने जय जवान, जय किसान के साथ जय ईमान का नारा देते हुए किसानों को नमन किया।
परमशक्ति परमात्मा को प्रेम का सागर कहते हैं वे इस धरती पर आकर हमें प्रेम की शिक्षा देकर नई सृष्टि का पुनर्निर्माण कर रहे हैं वहां प्यार ही प्यार होगा, नफरत, दुख-अशान्ति का नाम-निशान नहीं होगा। हम सभी उनकी संतान हैं तो हमें भी प्रेम बांटना चाहिए, सबके प्रति सम्मान रखना चाहिए। हमारी सोच का प्रभाव प्रकृति पर पड़ता है इसलिए शास्वत यौगिक खेती में जैविक खादों का प्रयोग करते हुए सुंदर विचारों के समावेश से फसल उगायी जाती है।
सकारात्मक ऊर्जा दूर करती है थकान…सुरेश साहू
कार्यक्रम में शामिल ग्रामीण कृषि विस्तारक अधिकारी सुरेष साहू ने इस सम्मान के लिए आयोजकों का धन्यवाद किया और कहा कि यहां की सकारात्मक ऊर्जा हम सभी किसानों की थकान को दूर कर देती है और खुशी का अनुभव कराती है। किसानों को अपना मनोबल बढ़ाने के लिए सकारात्मक सोच बढ़ाने की जरूरत है। ऐसे आध्यात्मिक संस्थान से जुड़कर वह अंदर से भी शक्तिशाली बन सकता है।
अकलतरी ग्राम के किसान दिगम्बर यादव ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि मुझे भारत का किसान होने का गर्व महसूस होता है। परमात्मा हमारी रक्षा करते हैं, हम प्रकृति, जीव-जन्तु, माटी से जुड़कर सबका भरण पोषण कर पाते हैं।
तखतपुर के किसान राकेश गुप्ता ने कहा कि आज हम किसान भूमि से जुड़ने के बजाय धन से जुड़ गए हैं जो फसल न उगाकर धन उगाने के लिए अनेक रासायनिक खादों का प्रयोग कर रहे हैं जो कि समस्त मनुश्यों के लिए हानिकारक है। आध्यात्म से जुड़ने से हमारे अंदर श्रेष्ठ कार्य करने की शक्ति आती है। इस कार्यक्रम के लिए उन्होंने भी बहुत-बहुत आभार व्यक्त किया।
राजयोग शिक्षिका ब्र.कु. गायत्री बहन ने राजयोग से धरती माता को सकाश अर्थात् सकारात्मक प्रकम्पन्न देने की विधि सिखाई और अनुभव भी कराया। गौरी बहन ने किसानों के सम्मान व देशभक्ति की भावना से भरे गीतों पर नृत्य की प्रस्तुति दी। ब्र.कु. शशी बहन ने सभी किसानों से अपनी खेती के कुछ हिस्सों में जैविक व शास्वत यौगिक खेती को अपनाने के लिए प्रतिज्ञा कराई व एक-एक किसान देश की शान का नारा दिया। अंत में मंजू दीदी व समस्त बहनों ने किसानों को सेवाकेन्द्र की ओर से अंगवस्त्र पहनाकर व पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। इसके पश्चात सभी को ब्रह्माभोजन कराया गया। कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक संचालन ब्र.कु. शशी बहन ने किया।