Diwali Celebrations by Brahma Kumaris Chhattisgarh

Raipur (Chhattisgarh): The Brahma Kumaris of Raipur celebrated the festival of Diwali with great enthusiasm. All the safety norms were strictly followed due to the Coronavirus Pandemic.  The centre was tastefully decorated with lights and Rangoli. Many members of the local Brahma Kumaris fraternity participated in this program.

BK Kamala, Head of Brahma Kumaris in Raipur, said that this festival symbolizes the removal of the darkness of ignorance with the light of Divine Knowledge.  Just as we clean everything externally on Diwali, so we must clean our minds of all negativity. Let’s pledge to remember the Supreme Soul and become pure. Being soul conscious is the only way to do this. Such inner transformation of people will usher in the Golden Age.

BK Kamala further said that the Soul nature of man is clouded by various negative tendencies such as anger, greed and lust. It’s a wonder that most people are satisfied by cleaning their external surroundings, without giving any thought to their internal well being. To maintain a clean mind, we must fill it with positive thoughts.

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दीपावली का त्यौहार रायपुर में बड़े ही धूमधाम से हर्षोल्लास और उमंग उल्लास के साथ मनाया गया

घर के साथ मन की सफाई भी करें … ब्रह्माकुमारी कमला दीदी

रायपुर: दीपावली त्यौहार में हम सब जिस प्रकार घर की सफाई का ध्यान रखते हैं उसी प्रकार अन्तर्मन की सफाई भी जरूरी है। बाहर के अन्धकार को तो मिट्टी के दीपक जलाकर दूर कर सकते हैं किन्तु अन्र्तमन में छाए हुए अन्धकार को दूर करने के लिए हमें शुभसंकल्पों के दीप जलाने होंगे।

यह विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने दीपावली पर चौबे कालोनी में आयोजित आध्यात्मिक समारोह में व्यक्त किए। उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि आओ हम सभी मनुष्य सत्य परमात्मा से सत्य ज्ञान लेकर अपने जीवन को पावन बनाएं। अपनी आत्म ज्योति जगाकर ईश्वरीय मिलन का वास्तविक सुख प्राप्त करें। ऐसे मनोपरिवर्तन से ही पृथ्वी पर स्वर्ग आएगा। जहाँ श्री लक्ष्मी और श्री नारायण का राज्य होगा।

उन्होंने आगे कहा कि आत्मा ही सच्चा दीपक है। विकारों के वशीभूत हो जाने के कारण आत्मा का प्रकाश आज मलिन हो गया है। लोगों का अन्तर्मन काम, क्रोध आदि विकारों के अधीन हो गया है। ऐसे विकारी मनुष्यों के बीच श्री लक्ष्मी का शुभागमन भला कैसे हो सकता है? यह कैसी विडम्बना है कि मन-मन्दिर की सफाई करने की जगह बाहरी सफाई से ही हम खुश हो जाते हैं। इस समय परमपिता परमात्मा जो कि जन्म-मरण के चक्र में न आने के कारण सदा ही जागती ज्योति हैं, हम मनुष्य आत्माओं की ज्ञान और योग से ज्योति जगाकर पावन बना रहे हैं। दीपावली का त्यौहार परमात्मा के इन्हीं कर्मों की यादगार है।

उन्होंने आगे कहा कि हमेशा दूसरों के लिए अच्छा सोचें। सदैव शुभ सोचेंगे तो लाभ होना ही है। इसीलिए हमारी भारतीय संस्कृति में जब कोई नया कार्य शुरू करते हैं तो स्वस्तिक के साथ शुभ और लाभ लिखते हैं। क्योंकि शुभ के साथ लाभ जुड़ा हुआ है।

दीपावली का त्यौहार छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शासन द्वारा निर्धारित कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए बड़े ही धूमधाम से हर्षोल्लास और उमंग उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सेवाकेन्द्र को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया था। आंगन में रंगोली भी सजायी गयी थी, जो कि बड़ा ही मनोहारी प्रतीत हो रहा था।

प्रारम्भ में राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने परमपिता परमात्मा के ईश्वरीय महावाक्य पढ़कर सुनाया। पश्चात शिवबाबा को भोग स्वीकार कराया गया। कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

 

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