Dadi Ratanmohini Presides over “Shrimad Bhagavad Gita Conference” in Mehsana

Mehsana ( Gujarat ): The Brahma Kumaris service center of Mehsana held a “Shrimad Bhagavad Gita Conference.” It was attended by Dadi Ratanmohini, Joint Head of the Brahma Kumaris; BK Brij Mohan, Additional Secretary General of the Brahma Kumaris; and many other prominent personalities from Gujarat.

Dadi Ratanmohini, Joint Head of the Brahma Kumaris, in her speech said that one should always remember the soul nature of life, and connect to the Supreme Soul. This will destroy all evil tendencies within.

BK Brij Mohan, Additional Secretary General of the Brahma Kumaris, explained the meaning behind the supposedly violent war depicted in the Bhagavad Gita. It actually depicts a mental war to achieve victory over sensual pleasures. The realization of self as soul leads to everlasting happiness.

BK Veena from Karnataka said that everything written in Shrimad Bhagavad Gita is true and possible. We should follow “Dharma,” the right path, in whatever we do. The war depicted in it is actually about killing the vices within to become pure.

Mani Prajapati, Head of Aan Art Sanskrit Sanskriti Swadhyay Sansthan, said that the knowledge of Bhagavad Gita can make a person pure. Brahma Kumaris are teaching people this truth. Soul knowledge brings out the divinity hidden in every being.

Dilip Trivedi, Head of Vishwa Hindu Parishad, Gujarat, said that all scholars and devotees have said that Bhagavad Gita is Supreme. The Brahma Kumaris Organization is popularizing the real meaning of Bhagavad Gita for the betterment of humanity.

Hemant Rawal, Additional District and Sessions Judge, Mehsana, said that Bharat is the land of Dharma, right path, Karma, right action and is the world teacher. Bhagavad Gita teaches us the real way to live life.

Music and dance performances filled the program with divine ambiance. BK Sarla, Chairperson of the Rural Development Wing of the Rajayoga Education Research Foundation, welcomed everyone with a lot of love and happiness.

Krishnakant Barot, Managing Trustee of Krishnachandra World Yoga Organization and Maulavi Hazrat Sadullah Khan, felicitated Dadi Ratanmohini with a memento and a shawl. This program was attended by about 300 prominent people from the area, including many scholars, researchers, saints, university heads, administrators, advocates, industrialists, etc.

BK Sharda from Ahmedabad coordinated this program. Mr. Dashrath Patel, Director of Ganpat University, gave the vote of thanks.

A panel discussion on Bhagavad Gita was held at Pandit Deendayal Upadhyay Town Hall, attended by 1100 people. Dadi Ratanmohini presided over this discussion.

News in Hindi:

ब्रह्माकुमारीज, मेहसाणा द्वारा “श्रीमद् भगवद्गीता महासम्मेलन” का आयोजन किया गया।

  “श्रीमद् भगवद्गीता ज्ञान में कोई भी असंभव बात नहीं है। हम जिस क्षेत्र में है उसमें धर्म से कर्म करें, अधर्म के मार्ग को त्याग कर धर्म के मार्ग पर चलेंगे तभी हमें श्रेय मिलेगा।”

उक्त उद्गार थे गीता विदुषी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वीणा बहन के। सिरसी, कर्नाटक से पधारी ब्रह्माकुमारी वीणा बहन ने आगे कहा कि गीता क्षत्रियता को बढ़ावा देती है ऐसा लोग मानते हैं। लेकिन देखा जाए तो उसके सभी अध्याय की शुरुआत “योग” शब्द से ही होती है। गीता में “मारो” शब्द का प्रयोग कहीं पर भी नहीं हुआ है किंतु “युद्ध” शब्द का प्रयोग हुआ है। वह किसके शरीर को मारने के लिए युद्ध नहीं कहा गया है। लेकिन आत्मा के अंदर रहे हुए दुर्गुणों को मारकर गुणवान बनने का युद्ध है। भगवान ने गीता में बार-बार जिक्र किया है कि मुझे ज्ञानी तू आत्मा प्रिय है, न कि योद्धा तू प्रिय। हम भी गीता ज्ञान द्वारा ज्ञानी बन सद्गुण, सदाचरण, सद्भाव जीवन में अपनाएं।

ब्रह्माकुमारीज के गोड़ली पैलेस, मेहसाणा में आयोजित इस महा सम्मेलन में पधारे आनर्त संस्कृत-संस्कृति स्वाध्याय संस्थान के अध्यक्ष मणि भाई प्रजापति ने कहा कि गीता ज्ञान द्वारा ही मनुष्य सच्चा इंसान बनता है। यह बात ब्रह्माकुमारी विश्व विद्यालय सीखा रहा है। राष्ट्रपति के द्वारा पुरस्कृत मणि भाई ने आगे कहा कि यह शरीर एक धर्म क्षेत्र है, शरीर धर्म का साधन है। जिसके अंत:करण में सदैव आसुरी संपदा एवं देवी संपदा का द्वंद चलता रहता है। जब मनुष्य सच्चा आत्मज्ञान, ब्रह्म ज्ञान प्राप्त करता है तब आसुरी संपदा पर दैवी संपदा की विजय होती है और मानव चरित्रवान गुणवान बनता है। बाकी हिंसक युद्ध की बात गीता में कहीं नहीं लिखी हुई है। ब्रह्माकुमारीज विद्यालय ब्रह्म तेज द्वारा आत्मज्ञान का प्रकाश पूरे विश्व में फैलाने का कार्य कर रहा है।

विश्व हिंदू परिषद, गुजरात के प्रमुख दिलीप भाई त्रिवेदी ने कहा कि सर्व दार्शनिकों, चिंतको, विद्वानों ने गीता को सर्वोपरि कहा है। जिसमें भगवान अर्जुन की आत्मा को कहते हैं ममेकम शरणम अर्थात हे अर्जुन रूपी आत्मा, मुझ एक की शरण में आने से संसार की सर्व समस्याएं दूर हो जाती है। ब्रह्माकुमारी विद्यालय श्रेष्ठ गीता ज्ञान द्वारा दुनिया के जीर्णोद्धार का कार्य कर रहा है।

 ब्रह्माकुमारी संस्था के एडिशनल सेक्रेटरी ब्रह्माकुमार बृजमोहन भाई ने “गीता में वर्णित युद्ध हिंसक या अहिंसक” विषय को स्पष्ट करते हुए कहा कि आज कलयुग के जमाने में भी न्यायपालिका कभी हिंसा को प्रेरित नहीं करती, तो फिर भगवान उस पुराने जमाने में कभी हिंसा नहीं करा सकता। श्रीमद् भगवद्गीता में वर्णित युद्ध हमारे मन रूपी कुरुक्षेत्र में चल रहे अंतर्द्वंद का प्रतीक है। गीता हमें अपना परिचय देती है। अगर हम विनाशी साधनों से सुख प्राप्त करेंगे तो वह सुख विनाशी ही प्राप्त होगा। अगर गीता के अनुसार स्वयं को आत्मा समझकर कर्म करेंगे तो जैसे आत्मा अविनाशी है तो सुख भी अविनाशी प्राप्त होगा।

ब्रह्माकुमारीज के संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी जी ने कहा कि हर एक मनुष्य अपने को शरीर नहीं परंतु आत्मा समझे। आत्मा के अंदर ऐसी शक्ति है जो इस कर्मेंन्द्रिय रूपी शरीर को चलाती है। हम स्वयं को आत्मा समझ निराकार परम शक्ति परमात्मा के साथ बुद्धि का तार जोड़ेंगे तो अनेक बुराइयां एवं अवगुण पर विजय प्राप्त कर सकेंगे।

 मेहसाणा के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एवं सेशन जज हेमंत भाई रावल ने सभी वक्ताओं के गीता पर विचार सुनने के बाद सार रूप में जजमेंट दिया कि भारत भूमि धर्म क्षेत्र है, न्याय क्षेत्र है, कर्म क्षेत्र है, भारत विश्व गुरु है। गीता हमारे जीवन के साथ जुड़ी हुई है, जीवन जीने की कला सिखाती है। वह कोई एक ही धर्म के साथ जुड़ा हुआ शास्त्र नहीं है। गीता को समझने के लिए हम सबको अर्जुन बनना पड़ेगा। हमें मिला हुआ कर्म निष्ठा पूर्वक प्रामाणिकता से भेदभाव के बिना करें यही श्रीमद् भगवद्गीता हमें सिखाती है।

कार्यक्रम के प्रारंभ में कुमारी पायल ने गीता पर बने हुए गीत पर सुंदर नृत्य कर वातावरण को गीतामय बना दिया। सभी मेहमानों का ब्रहमाकुमारी बहनों के द्वारा पुष्प तिलक एवं बैज द्वारा स्वागत किया गया। माउंट आबू से मधुरवाणी ग्रुप की ओर से आए हुए ब्रह्माकुमार सतीश भाई एवं ब्रहमाकुमार नितिन भाई ने सुंदर गीत प्रस्तुत कर पूरा माहौल धार्मिक एवं आध्यात्मिक सशक्त बना दिया। ब्रह्माकुमारीज, मेहसाणा उपक्षेत्र के उपक्षेत्रीय संचालिका तथा कृषि एवं ग्राम विकास विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्षा ब्रहमाकुमारी सरला बहन ने बड़े हर्ष के साथ सभी मेहमानों का स्वागत किया। कृष्णचंद्र वर्ल्ड योगा पूर्ण संस्थान, मेहसाना के अध्यक्ष एवं मैनेजिंग ट्रस्टी कृष्णकांत बारोट एवं मौलवी जनाब हजरत साहब सादुल्लाखान दादा ने माउंट आबू से पधारे दादी रतन मोहिनी जी का मोमेंटो देकर एवं शाल पहनाकर सम्मान किया। इस कार्यक्रम में विद्वानों, चिंतकों, संत, महासंत, मौलवी, विभिन्न यूनिवर्सिटी के कुलपति, अधिकारीगण, जजिस, वकील, उद्योगपति, बिजनेसमैन, शैक्षणिक संस्था के ट्रस्टी, आचार्य, शिक्षक, एवं इस क्षेत्र से जुड़े हुए सभी महानुभाव आदि मिलकर पूरे उत्तर गुजरात से पधारे ३०० जितने विशिष्ट लोगों ने लाभ लिया। अंत में सब ने परमात्मा के घर ब्रह्माभोजन भी स्वीकार किया।

पूरे कार्यक्रम का सुचारू रूप से मंच संचालन अहमदाबाद से पधारे महिला प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका ब्रह्माकुमारी शारदा बहन ने किया। कार्यक्रम के अंत में गणपत यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर दशरथ भाई पटेल ने सभी का आभार व्यक्त किया।

सुबह के इस कार्यक्रम के बाद महेसाणा के नामांकित पंडित दीनदयाल उपाध्याय टाउन हॉल में इस सम्मेलन के अंतर्गत ११०० लोगों की उपस्थिति में पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया। जिसमें अध्यक्ष स्थान को संभाला था डॉ. दादी रतन मोहिनी जी ने। पैनलिस्ट में ब्रह्माकुमार बृजमोहन भाई, ब्रह्माकुमारी वीणा बहन, गुजरात हाई कोर्ट के सीनियर एडवोकेट पी. के. जानी, विसनगर की एम. एन. कॉलेज के निवृत्त आचार्य मफतलाल ईश्वर लाल पटेल एवं ब्रह्माकुमारी सरला बहन उपस्थित थे। पेनल कॉर्डिनेटर का स्थान संभाला था ब्रह्माकुमारी शारदा बहन ने। जिन्होंने हर एक पैनलिस्ट के साथ श्रीमद् भगवद्गीता पर विभिन्न प्रश्नोत्तर कर पैनल डिस्कशन को ज्ञान से भरपूर कर दिया। इसके पहले कुमारियों के ग्रुप ने अपने सांस्कृतिक कार्यक्रम से सभी को आनंदित किया एवं मधुर वाणी ग्रुप के ब्रह्माकुमार सतीश भाई एवं नितिन भाई ने गीतों के माध्यम से सभी को गीता का बोध कराया। अंत में मेहसाणा के ब्रह्माकुमार अशोक भाई ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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