Brahma Kumaris Mandideep Celebrate World Environment Day

Mandideep ( Madhya Pradesh ): Brahma Kumaris Mandideep in Madhya Pradesh organized a program on World Environment Day. The chief guest on this occasion was the former head of the municipality of the area , Ms. Purnima Jain. 

BK Reena in her address talked about the significance of the five elements of nature. Water is known to take on the qualities of its environment , so also a person should be very adjusting with his surroundings. Air is very light and movable , hence it teaches us the value of being active. Fire purifies everything. So it teaches us to be so pure that anything that comes in contact with us gets purified. Ether symbolizes the vastness of existence, which is what we should strive for. Earth element is the giver and shows us how to always give goodness to others. Taking on these qualities , a person can become a complete human being.

The occasion saw tree plantation being done by the local residents and the Brahma Kumaris fraternity at the Sheetal Mega City locality.

Chief Guest Ms. Purnima Jain said that the pace and struggle of daily life leaves no time for higher striving to most people. In this scenario , Brahma Kumaris are working tirelessly to give peace and happiness to the society. All the guests were felicitated and everyone enjoyed the musical and dance performances.

News in Hindi:

प्रकृति के पांच तत्वों देते हैं जीवन का ज्ञान  – बी.के. डॉ. रीना

मंडीदीप में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कार्यक्रम सम्पन्न

मंडीदीप  – प्रकृति में पांच तत्व पाये जाते हैं-जल, वायु, अग्नि, पृथ्वी एवं आकाश। प्रकृति के ये पांच तत्व हमें जीवन जीने की शिक्षायें सिखाते हैं। जल का गुण होता है कि उसे जिस बर्तन में रखा जाये, उसका आकार एवं रंग ग्रहण कर लेता है इसी तरह से व्यक्ति के अंदर भी हर परिस्थति में एडजेस्ट करने की कला होना चाहिये। वायु का गुण है तीव्रता, इसी तरह व्यक्ति के अंदर भी तीव्रता का गुण होना चाहिये जो किसी भी परिस्थिति को पार कर सके, समस्यायें उसके आगे टीक न सकें। अग्नि की विशेषता है कि उसके अंदर जो भी वस्तु डाली जाती है उसका स्वरूप परिवर्तन हो जाता है उसकी अशुद्धि निकल जाती है। इसी तरह हमें अग्नि से यह शिक्षा ग्रहण करनी है कि हमारे संपर्क में जो भी व्यक्ति आये उसके अंदर से बुराईयां दूर हो जाये। इसी तरह से धरती का गुण है दातापन, व्यक्ति धरती में कुछ करे लेकिन धरती मां हमेशा देती है, हमें भी धरती मां से यह शिक्षा ग्रहण करनी है कि हमें जो भी मिले हमारे साथ कैसा भी व्यवहार करें हमें हमेशा दूसरों को अच्छाईयां ही देनी है। आकाश का गुण है विशालाता, आकाश के द्वारा संचार साधन कार्य करते हैं, आकाश मंें तरंगों के माध्यम से दुनिया में किसी कोने में बैठे व्यक्ति आपस में तुरंत सम्पर्क कर सकते हैं। इससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमारी सोच विशाल हो हम लोगों को जोड़ने का कार्य करें ना कि तोड़ने का। इसी तरह से हम देखते हैं कि प्रकृति के पांच तत्वों  में श्रेष्ठ जीवन की शिक्षायें समाहित हैं जिन्हें धारण कर हम एक श्रेष्ठ मनुष्य बन सकते हैं- उक्त विचार प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय भोपाल सेवा केन्द्र की प्रभारी बी.के. डॉ. रीना बहन ने मंडीदीप में विश्व पर्यावरण दिवस  के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये ।

इस अवसर पर शीतल मेघा सिटी में वृक्षारोपण का कार्यक्रम भी संपन्न हुए जिसमे ब्रह्मकुमारिस के सदस्यों एवं कॉलोनी के नागरिकों द्वारा वृक्षारोपण किया गया ।

कार्यक्रम की अतिथि मंडीदीप नगर पालिका की पूर्व अध्यक्ष पूर्णिमा जैन जी ने कहा कि वर्तमान समय में व्यकित जीवन की आपाधापी में व्यस्त है उसके पास श्रेष्ठ कार्यो हेतु वक्त ही नहीं है ऐसे समय में ब्रम्हाकुमारीज़ संस्थान लोगों के जीवन से तनाव, दुख एवं अशांति दूर कर उनके जीवन में मुस्कुराहट भरने का कार्य कर रही है। कार्यक्रम में बी.के. रावेन्द्र जी ने प्रवचन किये। इस अवसर पर धरमवानी जी, गेंदालाल पाल जी,  बी के नमिता आदि का ब्रह्माकुमारिज भोपाल सेवाकेंद्र की प्रभारी डॉ. बी.के. रीना दीदी द्वारा समाज सेवी कार्यों हेतु सम्मान किया गया।

इस अवसर पर तीन स्थानों पर शिव ध्वजारोहण कर विषय विकार से मुक्त रहने की प्रतिज्ञा सभी उपस्थितों को दिलाई गई।

कार्यक्रम में कुमारी श्री कुमारी यशस्वी ने सुन्दर नृत्यों के माध्यम से कार्यक्रम में समां बांध दिया।

इस अवसर पर ब्रम्हाकुमारीज़ भोपाल से पधारी बी.के. मंजु बहन बी.के. रीचा बहन, बी.के. द्वारिका बहन, बी.के. कुन्ती बहन, बी.के. आरती बहन, आदि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के अंत में बी के शिवकुमार भाई ने सभी आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन बी.के. सतीश भाई ने किया।

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