Brahma Kumaris are dedicated to teach spiritual knowledge and Rajayoga

Bhilai ( Chhattisgarh ): Brahma Kumaris Bhilai organized a program titled “Samman Samarpan Ek Nai Urga Ki Anubhuti” (Feeling of a new energy of respect, dedication) for teachers of education hub Bhilai, in which the Vice Chancellor of Chhattisgarh Swami Technical University (CSVTU) Bhilai, Dr. M K Verma, along with collector of Durg Pushpendra Kumar Meena, Director of Bhilai centers BK Asha and senior Rajyoga teacher BK Prachi duly inaugurated the program by lighting the lamp.

Vice Chancellor of Chhattisgarh Swami Vivekananda Technical University Dr. M K Verma said that the education system of ancient India was perfect with the knowledge and meditation given by Brahma Kumaris, in which emotions, sacrifice, and dedication is inherent, it is absolutely necessary for today’s education system.

Durg collector Pushpendra Kumar Meena said that even the highly educated Brahma Kumaris are dedicated in a selfless way to educate, not only in cities, metros, but also in small villages and remote areas. They are teaching spiritual knowledge and Rajyoga.

Senior Rajyoga teacher BK Prachi said that a teacher is the one who infuses new energy in the student and a teacher’s every word, behavior, and deed is the source of new energy for the student.

Brahma Kumari Asha, addressing the teachers said that the teacher has a great contribution in the future and in personality development of children. A teacher is that flame who burns and gives light of knowledge to others by doing penance. God is the Supreme Teacher. All the teachers were honored with a gift and mementos by the BK Sisters.

The program was conducted by BK Riya. Also, a heart-warming cultural program was presented by the children of the Divine Group in honor of the teachers.

News in Hindi:

अध्यात्म से जुड़कर ही नैतिक मूल्य प्राप्त किये जा सकते है…

कलेक्टर ने ब्रह्मकुमारीज संस्था के कार्यों की प्रशंसा की कहा उच्च शिक्षित बहने निस्वार्थ एवं समर्पित रूप से दूरस्थ क्षेत्रों में आध्यत्मिक ज्ञान एवं राजयोग की शिक्षा दे रही है…

ब्रह्मकुमारीज में हुआ शिक्षकों का सम्मान समर्पण का…

भिलाई:-  प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा मैत्री कुंज स्थित प्रभु प्राप्ति भवन के सभागृह में सम्मान समर्पण का एक नई ऊर्जा की अनुभूति शिक्षा नगरी के शिक्षकों का  सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में छत्तीसगढ़ स्वामी तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एम के वर्मा एवं दुर्ग जिले के कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा, भिलाई सेवा केंद्रों की निदेशिका ब्रह्माकुमारी आशा दीदी एवं वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी प्राची दीदी ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया|

छत्तीसगढ़ स्वामी तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एम के वर्मा ने कहा की  प्राचीन भारत की शिक्षा प्रणाली परिपूर्ण थी ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व  विद्यालय द्वारा दिए जा रहे ज्ञान एवं मेडिटेशन से जिसमें भावनाएं, त्याग, समर्पण निहित है यह आज की शिक्षा प्रणाली  के लिए नितांत आवश्यक है, भौतिक साधनों से संपन्न आज के युग में आध्यात्मिकता का बैलेंस छूट गया है, छात्रों एवं अभिभावकों पर विशेषज्ञता हावी हो गई है, आज की शिक्षा नैतिकता से दूर सिर्फ पद और धन कमाने की शिक्षा हो गई है|

आपने बताया की छात्र के जीवन में बचपन की शिक्षा बड़े होने पर कर्म के रूप  में जीवन पर्यंत काम आती है| शिक्षा में श्रम का महत्व है, आजकल की कट, पेस्ट, इंटरनेट की दुनिया ने बच्चों की मेहनत की पटरी को बिगाड़ दिया है|

इतने अधिक विषय आधुनिक शिक्षा पद्धति में नैतिक शिक्षा मिस हो गया है | ब्रह्माकुमारीज के सिखाये  आदर्शों को उच्च शिक्षा में लाने की आवश्यकता है| अध्यात्म से जुड़कर ही नैतिक मूल्य प्राप्त किए जा सकते हैं|  भौतिक विकास बहुत हो गया है, आज पूरे विश्व में मटेरियल, मनी, मशीनें आ गई है, नैतिकता गायब हो गई, ईमानदारी नाम मात्र है, समाज का हर वर्ग अशांत है, आज सभी के पास दो दो गाड़ी, दो दो मोबाइल है, धन से संपन्न है लेकिन न शांत है नाखुश है| आज ब्रम्हाकुमारी ईश्वरी विश्व विद्यालय की शिक्षाओ की  हर एक के जीवन में आवश्यकता है| शरीर तो है लेकिन प्राण नहीं है आज की शिक्षा प्रणाली में आध्यात्मिकता प्राण है| आध्यात्मिक पॉजिटिव ऊर्जा शरीर की हर कोशिका को एक्टिव कर पॉजिटिव कार्य कराता है| हम विज्ञान के द्वारा दुनिया के सारे रहस्यों को जान सकते हैं ब्रह्मांड में हमारा क्या अस्तित्व है विज्ञान का असीमित दायरा है, लेकिन आध्यात्म के द्वारा हम अपनी शक्तियों को जान सकते हैं खुद को पहचान सकते हैं आज की शिक्षा के लिए अध्यात्म और विज्ञान दोनों का बैलेंस आवश्यक है|

दुर्ग जिले के कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा  ने ब्रह्माकुमारी संस्था की विश्वव्यापी स्तर पर कर रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था में उच्च शिक्षित ब्रह्माकुमारी बहने समर्पित होकर ना सिर्फ शहरों, महानगरों में ही नहीं  बल्कि छोटे-छोटे गांव और दूरस्थ क्षेत्रों में भी अपनी अध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग की शिक्षा दे रही हैं | कोंडागांव का अनुभव सुनाते हुए कहा कि कोंडागांव में पदस्थ रहते हुए भी ब्रम्हाकुमारी बहनों से मुझे इनके कार्यक्रम में जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, आपने ब्रह्मा कुमारी द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों, प्रशासनिक अधिकारी एवं हमारे सैन्य क्षेत्रों के भाई बहनों के लिए भी इनका ज्ञान नितांत आवश्यक है| मन को शांत रखने पर बच्चा अपना भविष्य का प्रतिबिंब देखेगा उसमें |

वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रम्हाकुमारी प्राची दीदी ने नई अनुभूति की नई उर्जा सम्मान समर्पण का कार्यक्रम के बारे में बताते हुए कहा कि शिक्षक अपनी जिस मानसिकता के साथ क्लास रूम में पढ़ाने जाते हैं उस मानसिकता का प्रभाव कक्षा में उपस्थित बच्चों पर पड़ता है, यदि शिक्षक खुश है शांत है तो बच्चे भी खुश और शांत होकर पढ़ेंगे, आज के बच्चे और युवा सिर्फ 1% ही अपने शिक्षक और माता-पिता के सामने प्रत्यक्ष रहते हैं बाकी 99% उनकी दुनिया अलग है उन्हें जानना मुश्किल है, इसीलिए वह समस्याओं से घिर जाते हैं, हमें अपनी मानसिक स्थिरता को स्थिर व शांत  रखकर बच्चों को पढ़ाना है जिसका आधार आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग मेडिटेशन है| काम की बात याद रखें बाकी डिलीट यह ताकत अध्यात्म एवं राजयोग मेडिटेशन से प्राप्त होती है, हमारा मन उत्साहित हो जो बातें काम की नहीं उसे डिलीट करना है|

प्राची दीदी ने बताया  कि शिक्षक वह है जो स्टूडेंट में नई ऊर्जा का संचार करें, शिक्षक छात्र के जीवन में वह दिशा है जहां से हर एक दिन सूर्योदय होता है, शिक्षक के शब्द, शिक्षाएं जीवन पर्यंत ऊर्जा प्रदान करते हैं छात्र को,  शिक्षक का एक-एक शब्द, व्यवहार, कर्म नई ऊर्जा का स्त्रोत है छात्र के लिए | वर्तमान समय में मुख्य समस्या है शिक्षकों एवं पेरेंट्स के सामने कि बच्चे संभाले नहीं सम्हलते  हैं| बिना मतलब के विचारों से ट्रैफिक होता है मन भारी होता है ,जो बात काम की है उसको साथ रखें बाकी डिलीट और फुल  स्टॉप |  आपने बच्चों को ऐसी शिक्षा देने का आग्रह किया है जिससे मन वह सोचे जिससे बड़े से बड़ा निर्धारित लक्ष्य हासिल किया जा सके यह मेडिटेशन के माध्यम से संभव है | मेरा स्व का सत्य परिचय ही मेरे मेरे लिए नई ऊर्जा है|

भिलाई सेवाकेंद्रो की निदेशिका एवं इस कार्यक्रम की प्रेरणा स्त्रोत ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने अपने आशीर्वचन में शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों के भविष्य और व्यक्तित्व विकास में शिक्षक का बहुत बड़ा योगदान है| शिक्षक वह शम्मा है जो जलकर तप कर दूसरों को ज्ञान की रोशनी देता है| परमात्मा सर्वोच शिक्षक है |

सभी  शिक्षकों को फरिश्ता जैसे मधुरता, दया, आनंद एवं शांति के लिखे सुंदर स्लोगन्स  के साथ हैंड बैंड पह्नाये गए | जिसे नवरात्री तक धारण करने का  सभी शिक्षकों को होमवर्क दिया गया|

राजयोग मेडिटेशन के निरंतर अभ्यास से स्वयं में  तथा छात्रों में आए परिवर्तन को शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा किये| जिसमें मुख्य बताया गया की  कॉम्पीटिशन, क्रिटिसिज्म,डिप्रेशन,टेंशन यह आज के बच्चों और पेरेंट्स की भाषा है, अपनी गलतियों को बच्चों के ऊपर न थोपे ,मैंने राजयोग मेडिटेशन से यह जाना, मुझे अपने में सुधार करना है|

सभी शिक्षकों को ब्रह्मकुमारी बहनों द्वारा स्वनिर्मित वैल्यू बेस्ट गिफ्ट एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया| कार्यक्रम का सुंदर मंच संचालन ब्रम्हाकुमारी रिया दीदी ने किया| डिवाइन ग्रुप के बच्चों द्वारा ह्रदयस्पर्शी सांस्क्रतिक कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षकों के सम्मान में भाव विभोर कर देने वाली प्रस्तुती दी गई|

इस कार्यक्रम में शिक्षा नगरी भिलाई के विभिन्न स्कूलों के शिक्षक एवं गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रह लाभन्वित हुए | सभी को राजयोग मेडिटेशन के फायदे और राजयोग मेडिटेशन की गहन अनुभूति भी कराई गई| इस अवसर पर आज शाम से 7 दिवसीय राजयोग कोर्स सभी शिक्षकों के लिए शाम 7 से 8 बजे तक मैत्री कुंज स्थित प्रभु प्राप्ति सेवाकेंद्र में निशुल्क रहेगा।

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